भाजपाई पहले बिजली का निजीकरण करेंगे, फिर बिजली की रेट बढ़ाएँगे, उसके बाद कर्मचारियों की छँटनी करेंगे, फिर ठेके पर लोग रखेंगे और ठेकेदारों से भाजपाई कमीशन लेंगे। फिर बिजली का बिल बढ़ाकर जनता का शोषण करेंगे, बढ़े बिल का हिस्सा बिजली कंपनियों से पिछले दरवाज़े से लेंगे, फिर भाजपाई इस भ्रष्ट कमाई का सरकार बनाने में इस्तेमाल करेंगे, सरकार बनाकर जनता की जेब खाली करने का यही कुचक्र किसी और रूप में दोहराएँगे। अखिलेश यादव ने कहा कि बिजली के बाद क्या पता पानी के निजीकरण का भी नंबर आ जाए। उन्होंने कहा कि भाजपाइयों को कर्मचारियों और आम जनता के गुस्से और आक्रोश का भी डर नहीं हैं क्योंकि ये चुनाव वोट से नहीं, खोट से जीतते हैं। जहां जनता सजग होती है और प्रशासन ईमानदार होता है, वहां भाजपा वाले हार जाते हैं। बिजली निजीकरण को आतुर सरकार-अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपाइयों ने एक यूनिट बिजली का उत्पादन किया नहीं। सस्ती और निरंतर सुलभ बिजली के लिए न तो जेनरेशन बढ़ाया है, न ट्रांसमिशन को सुदृढ़ बनाया है और न ही डिस्ट्रिब्यूशन को सुधारा है। इसकी जगह भाजपाइयों ने बिजली जैसी जनता की बुनियादी ज़रूरत को पैसे ‘जेनरेशन’ की मशीन मान लिया है, पैसे का ‘ट्रांसमिशन’ इधर से उधर किया है और पैसे का आपस में मिल बाँटकर ‘डिस्ट्रिब्यूशन’ कर लिया है। भाजपा झूठ और लूट की नीति पर काम करती है। सरकारी बजट लूटने और जनता की जेब काटने के लिए नयी-नयी रणनीति बनाती है। भाजपा का उद्देश्य लोक कल्याण और जनकल्याण नहीं है। वह अपने लाभ के लिए जनता का शोषण करती है। भाजपा की शोषणकारी नीति से कर्मचारी और जनता त्रस्त है। 2027 में प्रदेश की जनता भाजपा की अन्यायी शासन का अंत कर देगी। बिजली निजीकरण को आतुर सरकार-अखिलेश यादव