प्रदेश में कमजोर हुआ बाढ़ का कहर, पर जारी है राहत कार्य। योगी के निर्देश पर अलर्ट मोड में हैं राहत कार्यों से जुड़े सभी विभाग। वर्तमान में बाढ़ से प्रदेश के 10 जिले ही प्रभावित, सभी जिलों में स्थिति सामान्य। प्रभावित जिलों में जारी हैं राहत कार्य, एसडीआरएफ एवं पीएसी तैनात। प्रदेश में कमजोर हुआ बाढ़ का कहर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर धीरे-धीरे कम होने लगा है। वर्तमान में प्रदेश के 10 जिले ही बाढ़ की चपेट में हैं। इन सभी जिलों में स्थिति सामान्य है। वहीं अगर पिछले दिनों की बात करें तो प्रदेश के करीब दो दर्जन शहर बाढ़ की चपेट में थे। हालांकि, प्रदेश में बाढ़ का कहर कम होने के बावजूद सीएम योगी के निर्देश पर राहत कार्यों से जुड़े सभी विभाग अलर्ट मोड पर हैं। वहीं बाढ़ प्रभावित 10 जिलों में राहत कार्य लगातार जारी है।
फर्रुखाबाद, बलिया और बाराबंकी समेत प्रदेश के 10 जिले बाढ़ से प्रभावित
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 10 जनपद ही बाढ़ से प्रभावित हैं, हालांकि यहां पर स्थिति सामान्य है। साथ ही सीएम योगी के निर्देश पर लगातार राहत कार्य जारी है। उन्हाेंने बताया कि फर्रुखाबाद, बलिया, बाराबंकी, गोंडा, बस्ती, सीतापुर, बांदा, प्रयागराज, देवरिया और लखीमपुर खीरी आदि बाढ़ से प्रभावित हैं। फर्रुखाबाद में गंगा नदी के बढ़े जल स्तर की वजह से 3 तहसील के 35 गांव प्रभावित हैं। वर्तमान में जल भराव के कारण 30552 लोग प्रभावित हैं। बाढ़ से निपटने के लिए 40 नावों एवं 1 मोटर बोट लगाई गई है। वहीं प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 15 है, जबकि 24 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। इसके साथ ही रेस्क्यू कार्य के लिए पीएसी की 1 टीम तैनात है। इसी तरह गोंडा में घाघरा नदी के बढ़े जल स्तर की वजह से 2 तहसील के 21 गांव प्रभावित हैं। वर्तमान में जल भराव के कारण 10292 लोग प्रभावित हैं। वहीं प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 69 है जबकि 31 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं, जिनमें से दो संचालित हैं। यहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एसडीआरएफ और पीएसी की एक-एक टीम तैनात है। बलिया में 2 तहसील के 2 गांव प्रभावित है। वर्तमान में जल भराव के कारण 550 लोग प्रभावित हैं। वहीं प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 202 है जबकि 5 नावों को रेस्क्यू कार्य में लगाया गया है। यहां 71 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं, जिसमें से दो संचालित हैं। बाढ़ शरणालय में 50 लोग रह रहे हैं। इसके अलावा बुधवार को 100 लंच पैकेट एवं 40 खाद्यान्न सामग्री बांटी गई है।
बाराबंकी में रेस्क्यू कार्य में लगायी गयीं 3 नावें और 1 मोटर बोट
राहत आयुक्त ने बताया कि बाराबंकी की 1 तहसील के 5 गांव प्रभावित है। इनमें से एक गांव में कटान हो रहा है। यहां जलभराव की वजह से 5301 जनसंख्या प्रभावित है। यहां 15 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं जबकि 3 संचालित हैं। यहां राहत कार्यों के लिए 3 नाव और 1 मोटर बोट लगायी गई है जबकि प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 259 है। वर्तमान में पीएसी की 1 टीम तैनात है। इसी तरह देवरिया की 1 तहसील के 1 गांव का मार्ग बाधित है। यहां आवागमन के लिए 2 नावें लगायी गयी हैं। बस्ती की 1 तहसील के 1 गांव में कटान हो रहा है। इससे संपर्क मार्ग बाधित है, लेकिन कोई भी आबादी प्रभावित नहीं है। यहां केवल कृषि प्रभावित है। राहत कार्यों के लिए 10 नाव लगाई गई है जबकि प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 18 है। यहां 3 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। सीतापुर में बाढ़ की वजह से 1 तहसील के 1 गांव में कटान हो रहा है। फिलहाल इससे कोई भी आबादी प्रभावित नहीं है। यहां 17 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। वहीं प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 18 है। वर्तमान में पीएसी की 1 टीम तैनात है। बांदा में केन नदी के नाले की वजह से 1 तहसील के 2 गांवों के संपर्क मार्ग में जलभराव हो गया है। ऐसे में आवागमन के लिए 4 नावें और एक बोट लगायी गयी है। वहीं प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 218 है। प्रयागराज में 1 तहसील के 1 गांव का संपर्क मार्ग बाधित है। आवागमन के लिये 1 नाव लगाई गई है। वर्तमान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की एक-एक और पीएसी की 2 टीम तैनात की गई है। लखीमपुर खीरी में 2 तहसील के 5 गांव में कटान हो रहा है। यहां 14 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। वहीं प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 11 है। वर्तमान में एनडीआरएफ की 1 टीम एवं पीएसी की 1 टीम तैनात है। प्रदेश में कमजोर हुआ बाढ़ का कहर