UP में रूप बदल कर हो रही हत्या

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UP में रूप बदल कर हो रही हत्या
UP में रूप बदल कर हो रही हत्या

लखनऊ कचहरी में माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या की घटना को लेकर प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। विशेषकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने का निर्देश दिया गया है। पश्चिमी UP के कुख्‍यात अपराधी संजीव जीवा की लखनऊ कोर्ट में हत्‍या के बाद पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर द‍िया गया है। शहरों में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसी के साथ कोर्ट परिसर के सुरक्षा प्रबंधों को पुख्ता करने के कड़े निर्देश द‍िए गए हैं। UP में रूप बदल कर हो रही हत्या

डीजीपी मुख्यालय ने कोर्ट परिसरों के सुरक्षा प्रबंधों को पुख्ता किए जाने का कड़ा निर्देश भी दिया है।चेकिंग की व्यवस्था को भी और सुदृढ़ किए जाने का निर्देश दिया गया है। स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि सभी जिलों में सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा किए जाने के साथ ही पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की जाए। कोर्ट में पेशी पर आने वाले आरोपितों की सुरक्षा को लेकर खुफिया तंत्र को भी सक्रिय किया जाए। अभिसूचना संकलन कर आरोपितों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।इसके साथ ही हर जिले में सोशल मीडिया सेल को भी पूरी तरह सक्रिय किए जाने का निर्देश दिया गया है। कहा गया है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सभी जिलों में न्यायधीश/जिला मजिस्ट्रेट तथा बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर कोर्ट परिसरों में सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कहीं कोई अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो, इसको देखते हुए सभी जिलों में पूरी सतर्कता व पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के करीबी रहे माफिया संजीव जीवा की लखनऊ के एक कोर्ट परिसर में हत्या से हड़कंप मच गया है जिसने यूपी के पुलिसिया काम काज पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लखनऊ की सिविल कोर्ट में मौजूद माफिया संजीव जीवा की हत्या में 19 साल के शूटर का नाम सामने आया है। वकील बनकर आए हमलावर ने संजीव जीवा पर दनादन गोलियां दागीं। इस हमले में संजीव जीवा मारा गया। ताज्जुब की बात यह रही कि पुलिस पूरा कांड मूक दर्शक बनी देखती ही रही।

अदालतों की सुरक्षा बढ़ाने के आदेश


अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के बाद पुलिस मुख्यालय ने अदालतों में सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दिए हैं। विशेष पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशान्त कुमार की तरफ से जारी आदेशों में कहा गया है कि सभी जिलों व पुलिस कमिश्नरेट के अधीन आने वाली अदालतों में तत्काल प्रभाव से सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाए। इसे लेकर न्यायाधीशों, जिला मजिस्ट्रेट व बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके सुरक्षा के जरूरी कदम उठाए जाएं। वहीं अभियुुक्तों को पेशी पर लाने से पहले उनके संबंध में सूचनाएं एकत्र करके सुरक्षा के प्रबंध किए जाएं। इसके लिए इंटरनेट मीडिया की भी मदद ली जाए।

UP में रूप बदल कर हो रही हत्या

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने संजीव जीवा हत्याकांड की जांच के लिए तीन सदस्यों की SIT बना दी है, जिसकी रिपोर्ट 7 दिन में पेश करनी होगी। लखनऊ में यह हत्याकांड हुआ है, वो यूपी की सत्ता का केंद्र माना जाता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारी तक यहां से ही पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था मजबूत रखने का दावा करते हैं लेकिन संजीव जीवा की हत्या ने इन सारे दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।उत्तर प्रदेश की अपराध की दुनिया का संजीव बहुत बड़ा नाम था। संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा 90 के दशक तक मुजफ्फरनगर में एक क्लीनिक पर कंपाउंडर का काम करता था।कंपाउंडर के नाम पर वो वहां सिर्फ दवा की पुड़िया बनाता था। संजीव जीवा का पहली बार बड़ा नाम आया जब इसने नब्बे के दशक में ही कोलकाता के व्यापारी के बेटे को अगवा करके दो करोड़ फिरौती मांगी। इसके बाद 1997 में संजीव जीवा बीजेपी के बड़े नेता और मायावती को गेस्ट हाउस कांड में बचाने वाले ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में शामिल रहा था। संजीव जीवा को साल 2003 में ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। उससे पहले साल 2000 में माफिया मुन्ना बजरंगी के जरिए संजीव जीवा मुख्तार अंसारी का भी करीबी बन गया था। अपराध की दुनिया का बड़ा नाम रहे संजीव जीवा को विजय यादव नाम के एक 19 साल के शूटर ने मार दिया है जिसके चलते पुलिस और यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल ख़ड़े हो रहे हैं।

विपक्ष ने उठाए सवाल


विपक्ष ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरा। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। कचहरी, थाने, कोर्ट में हत्याएं हो रही हैं। इस पर सपा बोलेगी तो सरकार कहेगी कि समाजवादियों ने मरवा दिया। वहीं, बसपा सुप्रीम मायावती ने कहा कि यह वारदात सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए। अपराध पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपराध नियंत्रण में पूरी तरह फेल साबित हुई है। यह सरकार ‘‘ क्रिमिनल फ्रेंडली सरकार ’’ बनकर रह गई है।उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी ने कहा कि पुलिस कस्टडी में प्रयागराज में अपराधी की गोली मारकर हत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं हो पाया था कि राजधानी के कोर्ट परिसर में कुख्यात अपराधी संजीव जीवा की पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या व इस गोली कांड में एक बच्ची तथा सिपाही के घायल होने की घटना योगी सरकार के खत्म हो चुके इक़बाल का खुला उदाहरण है।

उत्तर प्रदेश के लखनऊ की कैसरबाग कोर्ट का परिसर खून के धब्बों से सन गया। यहां पेशी पर लाए गए कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की पुलिस हिरासत में गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्यारे वकील के वेश में कोर्ट परिसर में मौजूद थे, जिन्होंने मौका पाते ही संजीव जीवा पर ताबड़तोड़ फायर झोंक दिया। संजीव जीवा की हत्या की घटना को अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या की घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। इत्तेफाक यह हुआ है कि दोनों ही घटनाएं पुलिस कस्टडी में ही हुई हैं जिसके बाद पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान लगने लगा है। आज उत्तर प्रदेश में रूप बदल कर हत्या हो रही हैं कहीं पर पत्रकार तो कहीं अधिवक्ता बन हत्या को अंजाम दिया जा रहा है। UP में रूप बदल कर हो रही हत्या