उपचुनाव में हार एनडीए गठबंधन को झटका

168
भाजपा हार से डरी-अखिलेश यादव
भाजपा हार से डरी-अखिलेश यादव

अजय सिंह

घोसी उपचुनाव में हार एनडीए गठबंधन के लिए झटका. घोसी उपचुनाव में हार कहीं न कहीं भाजपा और एनडीए गठबंधन के लिए झटका है. वहीं इंडिया गठबंधन को लिए बड़ा सफलता कही जा सकती है. एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच एक तरीके से यह पहला चुनावी मुकाबला था. इस उपचुनाव में दारा सिंह चौहान को एनडीए गठबंधन में शामिल अपना दल (सोनेलाल), निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) पार्टी और पूर्व सपा सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का समर्थन मिल रहा था.

घोसी उपचुनाव में हार भाजपा और एनडीए गठबंधन के लिए झटका है. भाजपा ने दारा सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया था, जबकि सपा ने सुधाकर सिंह को टिकट दिया था. सुधाकर सिंह ने पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए दारा सिंह चौहान को करारी शिकस्त दे दी.सात विधानसभा सीटों के उपचुनाव की मतगणना छह राज्यों में हुई. सात सीटों में से तीन (धनपुर, बागेश्वर और धूपगुड़ी) पर भाजपा और एक-एक पर समाजवादी पार्टी (घोसी), सीपीआई (एम) (बॉक्सानगर) ने जीत हासिल की.

सपा के साथ थे ये दल…

दूसरी ओर सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), राष्ट्रीय लोक दल (रालोद), आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (भाकपा-माले)-लिबरेशन और सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी से समर्थन मिला था.बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उपचुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था.

घोसी सीट पर वोटों का समीकरण


आंकड़ों के मुताबिक इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा 90 हजार दलित मतदाता हैं. क्षेत्र में करीब 90 हजार मुस्लिम मतदाता बताए जाते हैं. पिछड़े वर्ग में 50 हजार राजभर, 45 हजार नोनिया चौहान, करीब 20 हजार निषाद, 40 हजार यादव, 5 हजार से अधिक कोइरी और करीब 5 हजार प्रजापति वर्ग के वोट हैं. अगड़ी जातियों में 15 हजार से अधिक क्षत्रिय, 20 हजार से अधिक भूमिहार, 8 हजार से ज्यादा ब्राह्मण और 30 हजार वैश्य मतदाता हैं.

बीएसपी का वोट बैंक सपा की ओर शिफ्ट…?

घोसी में बीएसपी के चुनाव नहीं लड़ने की वजह से इसका लाभ सपा को मिला. एक तरीके से बीएसपी का वोट बैंक सपा की ओर शिफ्ट हुए. इससे नुकसान भाजपा को उठाना पड़ा. वहीं ओम प्रकाश राजभर के एनडीए गठबंधन में शामिल होने का भी कोई खास फायदा भाजपाको नहीं हुआ. इसके अलावा कहीं न कहीं दारा सिंह चौहान का सपा और विधायकी पद से इस्तीफा और फिर भाजपा के टिकट देना भी जनता को रास नहीं आया. ऐसे में ज्यादातर मतदाताओं ने इस बार सपा के सुधाकर सिंह पर विश्वास जताया.

देश में हुए विधानसभा के उपचुनावों में ‘इंडिया’ गठबंधन ने 4 सीटें जीतीं जबकि, एनडीए को 3 सीटें मिलीं। पश्चिम बंगाल में TMC ने भाजपा से सीट छीनी। यूपी में सपा अपनी सीट (घोसी) बरकरार रखने में सफल रही. केरल में कांग्रेस पार्टी ने और झारखंड में जेएमएम ने जीत दर्ज कर अपनी सीट बचायी। त्रिपुरा में भाजपा ने अपनी एक सीट बचायी और एक सीपीआई (एम) से छीनी। इसी प्रकार भाजपा उत्तराखंड में भी अपनी सीट बचाने में सफल रही.