
मुख्यमंत्री ने नोएडा, जनपद गौतमबुद्धनगर में मेदांता हॉस्पिटल का शुभारम्भ किया। राज्य सरकार ने उ0प्र0 को ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज’ से जोड़ा, अस्पतालों को बेहतरीन कनेक्टिविटी से जोड़ने का कार्य किया। गोरखपुर व वाराणसी में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के स्थापना कार्य में मेदांता ग्रुप आगे आएगा, तो राज्य सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विगत 07 वर्षां में आयुष्मान भारत योजना के तहत देश में 50 करोड़ तथा उ0प्र0 में लगभग 10 करोड़ लोगों को 05 लाख रु0 प्रतिवर्ष स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा। राज्य सरकार द्वारा 01 वर्ष में मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से प्रदेश में गरीबों को गम्भीर बीमारियों के इलाज हेतु 1,300 करोड़ रु0 उपलब्ध कराये गए। उ0प्र0 सरकार आई0आई0टी0 कानपुर के साथ मिलकर वहां पर मेडटेक का एक ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित कर रही। प्रदेश सरकार ने कोरोना कालखण्ड में टेक्नोलॉजी का उपयोग करके दूरदराज क्षेत्रों में वर्चुअल आई0सी0यू0 प्रारम्भ किये, इस समय एस0जी0पी0जी0आई0 लखनऊ और मेदान्ता लखनऊ ने दूरदराज के क्षेत्रों में इस प्रक्रिया को अपनाया। मुख्यमंत्री ने मेदांता हॉस्पिटल का किया शुभारम्भ
नोएडा/लखनऊ। डबल इंजन सरकार ने प्रत्येक गरीब को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा की गारण्टी दी है। उत्तर प्रदेश ने विगत 08 वर्षों में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में बेहतरीन कदम आगे बढ़ाए हैं। राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश को ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज’ से जोड़ा है। प्रदेश में हर जनपद में अच्छे हॉस्पिटल स्थापित हो सकें, इसके लिए लोगों को पॉलिसी के दायरे में लाकर उन्हें सुविधा देना प्रारम्भ किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गरीब से गरीब व्यक्ति भी बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त करने का हकदार है। हाउसिंग रूल्स में संशोधन किए गये हैं। अस्पतालों को बेहतरीन कनेक्टिविटी से जोड़ने का कार्य किया गया है। आज नोएडा, जनपद गौतमबुद्धनगर में मेदांता हॉस्पिटल का शुभारम्भ करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने हॉस्पिटल का भ्रमण कर उपलब्ध चिकित्सा तकनीकों और उपचार प्रणालियों का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी हम अपने परिश्रम और प्रयास से सही दिशा को चुनते हैं, तो उसके परिणाम अच्छे आते हैं। वह नाम के साथ एक ब्राण्ड बन जाती है। आज बेहतरीन हेल्थ एवं क्वालिटी हेल्थ सर्विसेज के मामले में मेदान्ता देश में एक ब्राण्ड बना है। मेदान्ता गुड़गांव के बाद लखनऊ में मेदान्ता अस्पताल ने बेहतरीन सेवा से अपनी पहचान बनायी है। कोविड कालखण्ड के दौरान यह अस्पताल प्रदेशवासियों के लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काफी दिनों से अच्छे अस्पताल की मांग की जा रही थी। इसी क्रम में आज उत्तर प्रदेश में मेदान्ता ने अपना दूसरा अस्पताल नोएडा में प्रारम्भ किया है। इस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल से उत्तर प्रदेश को निवेश और रोजगार भी मिल रहा है। मेदांता परिवार से पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसी प्रकार का एक चिकित्सालय संचालित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के दृष्टिगत गोरखपुर में पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित उत्तर-पश्चिम बिहार व नेपाल के लोग भी आते हैं। वहीं वाराणसी में इलाज के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार, झारखण्ड व छत्तीसगढ़ के लोग भी आते हैं। गोरखपुर व वाराणसी में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल स्थापना के कार्य में मेदांता ग्रुप आगे आता है, तो राज्य सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी।
आज दुनिया काफी आगे बढ़ चुकी है। आज मांग के अनुरूप हमें बेहतरीन हेल्थ सर्विसेज उपलब्ध करानी होंगी। विगत 10 वर्ष पूर्व गरीब के लिए गम्भीर रोगों का उपचार कराना एक कठिन कार्य होता था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विगत 07 वर्षां में आयुष्मान भारत योजना के तहत देश में 50 करोड़ तथा उत्तर प्रदेश में लगभग 10 करोड़ लोगों को 05 लाख रुपये प्रतिवर्ष स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के दायरे को बढ़ाने का कार्य किया गया है। जो लोग इस योजना से वंचित थे, उन्हें राज्य सरकार द्वारा इस सुविधा से जोड़ने का कार्य किया गया। साथ ही, मुख्यमंत्री राहत कोष से भी बड़ी संख्या में धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा 01 वर्ष में मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से प्रदेश में गरीबों को गम्भीर बीमारियों के इलाज हेतु 1,300 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गए।
उत्तर प्रदेश सरकार आई0आई0टी0 कानपुर के साथ मिलकर वहां पर मेडटेक का एक ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित कर रही है। इसके माध्यम से टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए आम नागरिकों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी जा सकती हैं। ए0आई0 का उपयोग करके कैथ लैब को और बेहतर बनाया जा सकता है। टेक्नोलॉजी के माध्यम से एक छत के नीचे लोगों को बेहतरीन सुविधाएं मिल रही हैं। कोरोना कालखण्ड में राज्य सरकार ने टेक्नोलॉजी का उपयोग करके दूरदराज क्षेत्रों में वर्चुअल आई0सी0यू0 प्रारम्भ किये थे। यह हब एण्ड स्पोक मॉडल प्रारम्भ हुए थे। इस समय एस0जी0पी0जी0आई0 लखनऊ और मेदान्ता लखनऊ ने दूरदराज के क्षेत्रों में इस प्रक्रिया को अपनाया है। पहले चरण में वर्चुअल आई0सी0यू0 के माध्यम से वहां की टीम को प्रशिक्षण देने के साथ ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी गयीं, जो अनवरत रूप से आज भी जारी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टेली कंसल्टेशन की सुविधा के माध्यम से सामान्य बीमारियों का उपचार हम कम खर्चे में कर सकते हैं। साथ ही, जिन मरीजों को हॉस्पिटल लाना आवश्यक हो, उन्हीं को डॉक्टर फिजिकल कंसल्टेशन दे सकते हैं। इस प्रकार के प्रयास को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। टेक्नोलॉजी का और बेहतर उपयोग कर अनेक समस्याओं का समाधान हो सकता है। विगत 11 वर्षां में हमने बदलते हुए प्रदेश को देखा है। हम उस दिशा में प्रयास प्रारम्भ करें कि बीमारी से लोग बच सकें। पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बस्ती तथा देवीपाटन मण्डल के जनपदों में इन्सेफेलाइटिस से प्रतिवर्ष 1,200 से 1,500 बच्चों की मौत हो जाती थी। यह सिलसिला वर्ष 1977 से लेकर वर्ष 2017 तक जारी रहा। गोरखपुर में एकमात्र स्वास्थ्य का केन्द्र गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज था। इस मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने से इसकी स्थिति काफी खराब थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री पद का कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त उन्होंने शासन के विभिन्न विभागों की एक टीम बनाकर अभियान प्रारम्भ कराया। स्वास्थ्य विभाग को इस टीम का नोडल विभाग बनाया गया। परिणामस्वरूप मात्र 02 वर्षों में इन्सेफेलाइटिस को पूरी तरह नियंत्रित कर लिया गया। आज इस क्षेत्र में इन्सेफेलाइटिस से कोई मौत नहीं होती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में आज स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छी हो गई हैं। बीमारी का उपचार अच्छी बात है। लेकिन उससे भी अच्छी बात होगी कि हम बीमारी से बचाव का मार्ग लोगों को बता सकें। यदि एक योग्य डॉक्टर यह बताएगा, तो बहुत सारे लोगों के जीवन को बचाने में एक बड़ी मदद हो सकेगी। एक चिकित्सक के नाते यह मानवता पर आपका बहुत बड़ा उपकार होगा। आपके हाथ और आपकी जुबान में लोगों को बचाने की ताकत है और उसका बेहतर उपयोग होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति अस्वस्थ होता है, तब वह मन से अस्वस्थ होता है, लेकिन जब एक चिकित्सक उस व्यक्ति को बोलता है कि आप स्वस्थ हैं, तो वह अपने आपको स्वस्थ मानता है। यह किसी भी मरीज के लिए बहुत बड़ा विश्वास होता है। मेदांता के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ0 नरेश त्रेहन ने कहा कि मेदांता नोएडा का शुभारम्भ हमारे वर्ल्ड क्लास पेशेंट-सेंट्रिक हेल्थकेयर मिशन का महत्वपूर्ण चरण है। अत्याधुनिक तकनीक और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ यह हॉस्पिटल पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एन0सी0आर0 के लोगों को गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएगा। इस अवसर पर लोक निर्माण राज्य मंत्री तथा जनपद गौतमबुद्धनगर के प्रभारी मंत्री बृजेश सिंह, विधायक नोएडा पंकज सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मेदांता ग्रुप के सी0ई0ओ0 पंकज साहनी तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने मेदांता हॉस्पिटल का किया शुभारम्भ

























