संविधान की मंशा बदलना चाहती भाजपा

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संविधान और आरक्षण से खिलवाड़ कर रही भाजपा-अखिलेश
संविधान और आरक्षण से खिलवाड़ कर रही भाजपा-अखिलेश

संविधान की मंशा बदलना चाहती भाजपा

अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा संविधान में लिखे समाजवादी मूल्यों की अवमानना करने का काम कर रही है। भाजपा के नेता संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर का अपमान कर रहे हैं। भाजपा के लोग संविधान विरोधी बयानबाजी करते हैं। जिस संविधान की शपथ लेकर पदों पर पहुंचते हैं उसे नहीं मानते हैं। समाजवाद संविधान की प्रस्तावना में है।भाजपा संविधान पर हमला कर रही है। संविधान की मंशा बदलना चाहती है। समाजवाद में एक-दूसरे का सम्मान सिखाया गया है। भारतीय समाज हमेशा समाजवादी समाज के रूप में आगे बढ़ा है। समाजवादी सिद्धांतों पर चलकर ही समता मूलक समाज का निर्माण किया जा सकता है।


    भाजपा पूंजीपतियों और पूंजीवादी विचारधारा की समर्थक है। भाजपा पूंजीवाद को बढ़ावा देती है। निजीकरण को बढ़ावा देती है। धर्म के नाम पर जनता को गुमराह कर रही है। भाजपा की सरकार सबको बराबरी का हक और सम्मान नहीं देना चाहती है। भाजपा जातीय जनगणना का विरोध कर रही है। वह जातीय जनगणना से घबरा रही है। समाज में सभी जातियों को हक और सम्मान मिले इसके लिए जातीय जनगणना जरूरी है। जातीय जनगणना से समाज के वंचित तबको को उसका हक और सम्मान मिल सकेगा। जातीय आंकड़ों से वंचित तबके के उत्थान के लिए सरकारी योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।

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लालू प्रसाद यादव

लालू प्रसाद यादव ने 2016 में आरोप लगाया था कि आरएसएस और भाजपा के संविधान को ‘मनुस्मृति’ पर आधारित नये संविधान से बदलने के नापाक मंसूबे हैं जो ‘शुद्रों’ और ‘अस्पृश्यों’ को मनुष्य नहीं मानता। भाजपा के इरादे खतरनाक हैं क्योंकि वो आरएसएस के सुझाव के अनुरुप मनुस्मृति पर आधारित एक नया संविधान लिखना चाहती है। संघ कभी भी संविधान को स्वीकार नहीं करता क्योंकि गोलवलकर ने उसे विदेशी संविधानों का नकल बताया था लालू ने संविधान का जिक्र करते हुए कहा था कि संविधान समानता के सिद्धांत पर आधारित है और उसमें दलितों और पिछड़ों के लिए आरक्षण के प्रावधान किये गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि आरक्षण का प्रावधान नहीं होता तो पिछड़े और महिलाएं दास होतीं। उन्होंने कहा कि सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार से दलितों और पिछडों को राजनीति में लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि 1952 के लोकसभा चुनाव में उन समुदायों के 245 सदस्य थे जिनका वोट प्रतिशत 10 से 15 प्रतिशत था जबकि जिनके वोट 54 प्रतिशत थे उनके लोकसभा में मात्र 59 प्रतिनिधि थे। 1977 के लोकसभा चुनाव में पिछड़े वर्ग से जनप्रतिनिधियों की संख्या बढ़कर 260 और 1991 के चुनाव में बढ़कर 308 हो गई। प्रसाद ने कहा था कि हम किसी को भी बीआर अंबेडकर और अन्य द्वारा तैयार संविधान में बदलाव नहीं करने देंगे।

उत्तर प्रदेश के लोग वोटों के बुल्डोजर से हटा देंगे भाजपा सरकार प्रदेश से अधिक विधायक और सांसद होने के बाद भी विकास नहीं हुआ। भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार संविधान की हत्या करना चाहती है,जब से भाजपा सरकार आई है देश हो या प्रदेश तब से किसान नौजवान परेशान है। किसानों की आय दुगनी करने के बहाने उन्हें बर्वाद किया जा रहा है। वही बेरोजगारों को पकोड़े तलवाने वाली सरकार ने महगाई बढ़ा दी है। तेल के दाम में आग लगी है, पेट्रोल-डीजल तथा गैस की महंगाई से जनता को मार रही है भाजपा। भाजपा आयी थी आय दोगुनी करने लेकिन बर्बाद कर रही है चौगुना। देश एवं प्रदेश की जनता बेहाल है। संविधान की मंशा बदलना चाहती भाजपा