
अखिलेश यादव के अवलेश सिंह पीडीए के नए रणनीतिकार। बूथ हारने वालों के जिम्मे सपा के मिशन-2027 की जिम्मेदारी। 2022 विधानसभा चुनाव में 621 वोट पाने वाले अवलेश सिंह सपा सुप्रीमो के नए सलाहकार। अवलेश सिंह पीडीए के नए रणनीतिकार
गुलाबचंद यादव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी-2017 से लगातार हार का मुँह देखती आ रही है।लोकसभा चुनाव-2024 में पीडीए के सहारे सपा को अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली।सपा लोकसभा चुनाव-2014,2019 व विधानसभा चुनाव-2017,2022 में चुनाव हारी, जिसका कारण अतिपिछड़ी जातियों की घोर राजनीतिक उपेक्षा रही। गैर यादव पिछड़ी जातियों को राज्यमंत्री तक ही सीमित रखा गया।जिसका भाजपा ने जमकर राजनीतिक लाभ उठाया।सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल को देख लिया जाय तो कैबिनेट में यादव के बाद सवर्ण जातियों का ही पूरी तरह दबदबा रहा।यादव जाति से मुख्यमंत्री के अलावा शिवपाल सिंह यादव, पारसनाथ सिंह यादव, बलिराम यादव, दुर्गा प्रसाद यादव, कैलाश यादव, अम्बिका चौधरी, रामगोविन्द चौधरी कैबिनेट मंत्री और ललई सिंह यादव, डॉ. एसपी यादव स्वतन्त्र प्रभार मंत्री थे। विधानसभा अध्यक्ष माताप्रसाद पाण्डेय के अलावा ब्रह्माशंकर त्रिपाठी, राजाराम पांडेय, मनोज कुमार पाण्डेय, डॉ. शिवाकांत ओझा कैबिनेट मंत्री व अभिषेक मिश्रा, पवन पांडेय, विजय कुमार मिश्रा स्वतन्त्र प्रभार मंत्री थे।सपा सरकार ने ब्राह्मण समाज का को खूब राजनीतिक सम्मान दिया।
यही नहीं जनेश्वर मिश्र के सम्मान में एशिया का सबसे बड़ा पार्क बनाया गया। जनेश्वर मिश्र ग्राम्य विकास योजना को संचालित किया गया। उनके भाई तारकेश्वर मिश्रा को कैबिनेट व पुत्री मीना तिवारी को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया। यही नहीं दर्जनों ब्राह्मण नेताओं को दर्जा प्राप्त मंत्री बनाया गया। ब्रजभूषण तिवारी को राज्यसभा में भेजा गया और बीच में दिवंगत होने पर उनके पुत्र आलोक तिवारी को राज्यसभा में समायोजित कराया गया। राजपूत बिरादरी से ओमप्रकाश सिंह, अरबिंद सिंह गोप, राजा भैया, राजा आनन्द सिंह, राजा अरिदमन सिंह, राजकिशोर सिंह को कैबिनेट मंत्री व राधेश्याम सिंह, मदन सिंह चौहान, पंडित सिंह को स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाया गया। वीरेन्द्र सिंह को पैक्स फेड का चेयरमैन बनाया गया।
लोकसभा चुनाव-2014 में हारने के बाद नीरज शेखर, मोहन सिंह को राज्यसभा भेजा गया और मोहन सिंह के बीच में दिवंगत होने पर उनकी पुत्री कनकलता सिंह को राज्यसभा में भेजा गया। साथ ही कार्यालय प्रभारी अरबिंद कुमार सिंह को 2 वर्ष के लिए राज्यसभा व फिर विधान परिषद में भेजा गया। अमर सिंह को राज्यसभा, उदयवीर सिंह, आनन्द भदौरिया को एमएलसी बनाया गया। 2014 का लोकसभा चुनाव हारने पर रेवतीरमण सिंह(भूमिहार ब्राह्मण) को राज्यसभा में भेजा गया, उनके पुत्र उज्ज्वल रमण सिंह को चेयरमैन बनाया गया।भूमिहार जाति के नारद राय को कैबिनेट मंत्री, शतरुद्ध प्रकाश को एमएलसी व उनकी पत्नी अंजना प्रकाश को चेयरमैन बनाया गया।लेकिन ये सभी सवर्ण नेता अपना बूथ तक नहीं जीता पाए।
गैर यादव पिछड़ी जातियों में लोधी, किसान, कुर्मी, निषाद, कुशवाहा/मौर्य/शाक्य, पाल,जाट, गूजर आदि जो उत्तर प्रदेश की मजबूत आधार वाली जातियाँ हैं, जिनको राज्यमंत्री तक सीमित रखा गया। राजनीतिक उपेक्षा के कारण ही उक्त जातियों के साथ अन्य अति पिछड़ी जातियाँ सपा से छिटक कर भाजपा के साथ मजबूती से जुड़ गयीं। पीडीए का नारा देने के बाद माताप्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है।
पिछली विधानसभा में 3 राजपूत व 5 ब्राह्मण चुनाव जीते थे। जिनमें से 3 ब्राह्मण विधायक राकेश पांडेय, मनोज पांडेय, विनोद चतुर्वेदी और 2 ठाकुर विधायक अभय सिंह व राकेश प्रताप सिंह राज्यसभा चुनाव में दलीय निष्ठा से हटकर भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग किये। जिसके चलते अखिलेश यादव के राजनीतिक सलाहकार आलोक रंजन को हार का सामना करना पड़ा। वर्तमान के समाजवादी पार्टी व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के रणनीतिकार व सलाहकार के रूप में पवन पांडेय, सन्तोष पांडेय, उदयवीर सिंह, अरबिंद कुमार सिंह, राजेन्द्र चौधरी का नाम शामिल है। लेकिन इस अखिलेश यादव के सबसे करीबी नेताओं में अवलेश सिंह शामिल हो गए हैं। जो बलिया की फेफना विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जनता दल(यू) से चुनाव लड़े और इन्हें 621 वोट मिला, और अपनी ग्रामसभा में मात्र 2 वोट ही मिला।
विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा में शामिल हो गए।इस समय अखिलेश यादव का कोई सबसे करीबी है तो ठाकुर अवलेश सिंह हैं। जो हमेशा अखिलेश यादव के दाएं बाएं देखे जाते हैं। जो स्वयं चुनाव लड़कर अपने गाँव में मात्र 2 वोट पाए और सारा ठेका पट्टा व व्यवसायिक कारोबार भाजपा के साथ कर रहा। वही सपा व अखिलेश यादव का बेहद करीबी,राजनीतिक सलाहकार व रणनीतिकार की भूमिका निभा रहा है। अपना बूथ हारने वालों को ही मिशन-2027 की जिम्मेदारी दी गयी है। अरबिंद सिंह गोप हों या कार्यालय प्रभारी अरबिंद कुमार सिंह, इनका पूरा का पूरा परिवार भाजपाई है और यहीं अखिलेश यादव के खास व सपा के वरिष्ठ नेता हैं। अवलेश सिंह पीडीए के नए रणनीतिकार