मनरेगा श्रमिकों के भुगतान हेतु श्रमांश मद में 729करोड़ की धनराशि की स्वीकृति की गयी प्रदान। मनरेगा श्रमिकों के श्रमांश मद में 729 करोड़ स्वीकृति
लखनऊ। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सार्थक व सकारात्मक प्रयासों के फलस्वरूप ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मनरेगा (महात्मा गांधी नेशनल रूरल इम्प्लायमेन्ट गारण्टी ऐक्ट) के अन्तर्गत श्रमिकों के पारिश्रमिक के भुगतान हेतु रू 729 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गयी है। मनरेगा मजदूरों को भुगतान सीधे उनके खाते में नियमानुसार( Ne-FMS) नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फण्ड मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से किया जाता है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गांवों में मनरेगा व मनरेगा अभिसरण के माध्यम से कराये जाने वाले कार्यों में तेजी लाने के निर्देश सभी सम्बंधित अधिकारियों को दिए हैं। बताया कि मनरेगा के तहत 266 प्रकार के कार्य कराये जा सकते हैं।
निर्देश दिए हैं कि गांवों में मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों के प्रकार का व्यापक स्तर पर प्रचार -प्रसार कराया जाए, कहा कि जानकारी के अभाव में तमाम लोग काम करने/कराने से वंचित रह जाते हैं, इसलिए मनरेगा के बारे में ग्रामीणो में और अधिक जागरूकता पैदा करने की प्रबल आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में किसी भी दशा में धन की कोई कमी आड़े नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि मनरेगा में श्रमिकों का भुगतान की कार्यवाही नियमानुसार समय से करायी जाती रहे।
ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि मनरेगा में व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्यों में-, पात्र ग्रामीण परिवारों के आजीविका संसाधनों में वृद्धि हेतु पशु शेड,बकरी शेड, मुर्ग़ी शेड,भूमि सुधार, मेड़बन्दी, वृक्षारोपण, नेडप कम्पोस्ट/वर्मी कम्पोस्ट आदि बनाने का लाभ दिया जा रहा है। योजनान्तर्गत कृषकों को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु व्यक्तिगत भूमि पर खेत-तालाब निर्माण का कार्य कराया जा रहा है, जिससे उनकी आजीविका में वृद्धि हो रही है। मनरेगा श्रमिकों के श्रमांश मद में 729 करोड़ स्वीकृति