भाजपा गौ-संरक्षण में असफल-अखिलेश

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भाजपा गौ-संरक्षण में असफल-अखिलेश
भाजपा गौ-संरक्षण में असफल-अखिलेश
UP में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल-अखिलेश

भाजपा चुनावी मुद्दा बनाकर जबसे सत्ता में आई है गौ-वंश के पालन पोषण और उसके संरक्षण के लिए कोई समुचित व्यवस्था करने में पूरी तरह असफल साबित हुई है। अखिलेश यादव ने कहा है कि गौ-माता के खुले आम सड़कों पर घूमने से सड़क दुर्घटनाओं के कारण तमाम निर्दोष लोगों की जाने जा रही है और गौ-माता भी कई बार दुर्घटनाओं की शिकार हो जाती हैं।


मुख्यमंत्री जी यदाकदा गोशालाओं में जाकर ही अपने कर्तव्य की इतिश्री मान लेते है। गौवंश के नाम पर भ्रष्टाचार पनप रहा है। सांड़ों की धमाचौकड़ी से प्रदेश के विभिन्न चौक चौराहों पर लोग घायल हो रहे है। सांड़ों के हमले से जान गंवाने वाले और घायल होने वालों का कोई पुरसाहाल नहीं है।रायबरेली के बछरावां में मवेशी से बाइकें टकराई चाचा भतीजे व छात्र की मौत हुई। औरैया में नेशनल हाई-वे पर आवारा पशु से टकराई कार, तीन लोग गंभीर घायल हो गए।

 “भारतीय संस्कृति की रक्षा करने का केवल एक ही तरीका है: गौ, गंगा और (देवी) गायत्री की रक्षा करना…इस धरोहर की रक्षा करने वाला समुदाय ही बचेगा। नहीं तो पहचान का बहुत बड़ा संकट सामने होगा और पहचान का यह संकट हमारे अस्तित्व को खतरे में डाल देगा।”  योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री

भाजपा के अलग-अलग राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय नेताओं ने गायों की सुरक्षा को लेकर काफी बयानबाजी की है। क्या गायों का संरक्षण सुनिश्चित करना राज्य सरकार की विशेष जिम्मेदारी नहीं है। खासकर जब राज्य में आपकी सरकार हो,इसके लिये बिल्कुल अलग से विभाग बना हो और जिसका प्राथमिक उद्देश्य ही इसे देखना है? जहां चाह, वहां राह। इस मामले में काम करने की कोई इच्छा ही नहीं दिखती बल्कि जिम्मेदार सिर्फ बयानबाजी में लगे हैं। लेकिन सवाल ये है कि आखिर जब आप अपने यहां गायों का संरक्षण नहीं कर रहे तो फिर गाय संरक्षण की बात क्यों करते हैं।

“जब तक गाय को ‘राष्ट्र माता’ का दर्जा नहीं दिया जाता, मुझे लगता है कि गौरक्षा के लिए युद्ध नहीं रुकेगा, भले ही गौरक्षकों को जेलों में डाल दिया जाए या उन पर गोलियां चलाई जाएं।”-टी राजा सिंह लोध, भाजपा विधायक, तेलंगाना


सत्तादल का गाय के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करना और चुनावी फायदा बटोरना ही एकमात्र मकसद रहा है। सत्तारुढ़ दल के इस पाखंड से लोगों के सामने उसकी न सिर्फ कलई खुल गयी बल्कि लोगों को यह भी समझ आ चुका है कि सरकार गायों की रक्षा में पूरी तरह असफल रही है और गाय के नाम पर एक बड़ी सामाजिक समस्या को भी जन्म दे चुकी है। सत्तारुढ़ दल गौ-रक्षा के नाम पर अपनी खोखली बयानबाजी और दिखावेबाजी तो कर सकती है लेकिन लोग उसके असली मकसद को समझ रहे हैं।

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भाजपा गौ-संरक्षण में असफल-अखिलेश


गौ-माता और सांड़ दोनों के पालन पोषण की भाजपा सरकार कोई व्यवस्था नहीं कर पाई है। बाराबंकी में निर्धारित समय में 47 गौशालाएं बननी थीं, वे नहीं बन सकी। यहां 12 ब्लाकों में 47 की जगह सिर्फ 3 ब्लाकों में 12 गौशालाएं बनी है। सबसे शर्मनाक बात तो यह है कि कुछ अस्पतालों को ही गौशालाओं में तब्दील कर दिया जा रहा है। कहीं पशु बांधे जा रहे हैं तो कहीं कंडे पाथे जा रहे हैं। प्रदेश का किसान आवारा पशुओं से बुरी तरह परेशान है। रात-रात भर जागकर खेतों की रखवाली करने को मजबूर है। भाजपा सरकार में किसानों की आय दोगुनी करने के बजाय उल्टा उनकी आय आधी हो गई है। किसान की आय घटने और कृषि लागत बढ़ने से किसान आत्महत्या करने को मजबूर है।

“जो लोग गोमांस खाए बिना मरे जा रहे हैं, वे पाकिस्तान या अरब देश या दुनिया के किसी अन्य हिस्से में जा सकते हैं जहां यह उपलब्ध है।”-मुख्तार अब्बास नकवी


केवल गंज मुरादाबाद में ही करीब 300 छुट्टा पशुओं के सड़कों पर घूमने का समाचार है। बागपत समेत पूरे यूपी की सड़कों, गलियों, मोहल्लों में छुट्टा पशुओं का उत्पात मचा हुआ है।
मुख्यमंत्री जी सिर्फ झूठे आश्वासनों और खोखले दावों से प्रदेश के विकास का सपना दिखाते रहते हैं। गौ-रक्षा के नाम पर कुछ अराजक तत्व प्रदेश में कानून व्यवस्था को धता बता रहे हैं। सत्ता का संरक्षण मिलने से वे और ज्यादा अनियंत्रित हो चले हैं। प्रदेश के लिए यह स्थिति अत्यंत गंभीर चिंता का विषय है। गौवंश की रक्षा के नाम पर केवल चुनावी ध्रुवीकरण करने की नीति को अपना कर भाजपा सरकार जनता की जान के साथ खिलवाड़ कर रही है। सन् 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपने किए की कीमत चुकानी पड़ेगी। भाजपा गौ-संरक्षण में असफल-अखिलेश