
लू-लपट और धूप-धूल के बीच मैनपुरी में समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी डिम्पल यादव के चुनाव प्रचार में एक नया चेहरा सबकी निगाह में आया है। डिम्पल यादव के मंच से भाषण करते समय मंच से नीचे महिलाओं के बीच एक चेहरा था जो सबके आकर्षण का केन्द्र हो गया। लोगों का कौतूहल जागा, तब एक नाम उभरा अदिति। अदिति ने अकेले घर-घर संविधान और लोकतंत्र को बचाने तथा अपनी मां को भारी वोटो से जिताने के लिए जनसम्पर्क किया तब लोगों ने जाना कि अदिति डिम्पल और अखिलेश की बेटी है जो विदेश से पढ़कर भारतीय लोकतंत्र के महापर्व में स्वयं सहर्ष योगदान करने में नहीं हिचकी। अदिति यूसीएल लंदन यूनिवर्सिटी कॉलेज की छात्रा रही है। इस संस्थान में कभी गांधी जी और रवीन्द्र नाथ टैगोर ने भी शिक्षा ग्रहण की थी। यह संस्थान सन् 1826 में स्थापित हुआ था। रवीन्द्र नाथ टैगोर 1880 में इस कॉलेज में छात्र थे। अदिति जहां इसे अपना सौभाग्य मानती है वहीं यह किसी भी छात्र के लिए गर्व की बात है। चुनाव में आकर्षण केन्द्र बन रही अदिति
सच तो यह है कि अदिति ने जिस निष्ठा के साथ मैनपुरी और कन्नौज में चुनाव प्रचार में भाग लिया वह एक उदाहरण है नई पीढ़ी के लिए जिनको वोट करने का पहली बार अवसर मिला है। बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर, हम उम्र के साथ सहेली जैसे रिश्ते बनाकर अदिति ने मैनपुरी के बाद अब कन्नौज में अपनी अलग स्वतंत्र छाप छोड़ी है। 07 मई 2024 को अदिति ने पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग सैफई में किया। 13 मई मतदान के दिन अपने पापा को प्रचंड बहुमत से जिताने की अपील की है। अदिति बताती है कि सन् 2014 में वह अपने पिता अखिलेश यादव के साथ आई थी। अब 10 साल बाद वह अपने पिता को जिताने के लिए लोगों से मिल रही है। अदिति बताती है कि मेरी मम्मी ( डिम्पल यादव) और पापा (श्री अखिलेश यादव) ने कन्नौज के लिए काफी काम किया है। यहां किसानों के लिए आलू, अनाज की मंडियों की व्यवस्था की और मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज बनवाए। इत्र व्यवसाय को बढ़ावा दिया। कन्नौज में शिक्षा, स्वास्थ्य, इन्फ्रास्टक्चर के क्षेत्र में विकास को गति दी।
युवा पीढ़ी इस बात से आहत है कि भाजपा की सरकार ने उनके सपनों को बर्बाद किया है। उच्चस्तर की पढ़ाई के बाद भी सम्मानजनक अवसर न मिलना भाजपा की कुनीतियों का परिणाम है। नौजवानों की सारी मेहनत भर्ती पेपर लीक में बर्बाद हो रही है। युवाओं को 2 करोड़ नौकरी देने वाली भाजपा के राज में युवाओं को सिर्फ अपमान और अंधेरे भविष्य का अभिशाप मिला है।भाजपा ने जहां युवाओं से किए वादों को जुमला बना दिया वहीं समाजवादी सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में ही 18 लाख से ज्यादा लैपटॉप बांटे, कन्या विद्याधन योजना के तहत छात्राओं को 30-30 हजार रूपये की धनराशि दी गई थी। मध्याह्न भोजन की योजना शुरू की गई। शिक्षित युवा बेरोजगारों को स्वरोजगार देने के लिए व्यवस्था की गई।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा जारी जनता के मांग पत्र ‘हमारा अधिकार‘ (चुनाव घोषणा पत्र) में वादा किया है कि सभी रिक्त पड़ी सरकारी नौकरियों को तत्काल भरा जाएगा। सभी के लिए राष्ट्रीय रोजगार नीति और मिशन रोजगार स्थापित किया जाएगा। युवाओं के लिए लैपटॉप वितरण योजना पूरे देश में लागू की जाएगी। पेपर लीक और प्रतियोगी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार को पूर्ण रूप से समाप्त किया जाएगा। मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ाकर 450 रूपये की जाएगी और कार्य दिवस 150 तय किए जाएंगे। इसी तरह शहरी रोजगार गारन्टी अधिनियम 2024 के पहले संसदीय सत्र में लागू किया जाएगा। वैसे कन्नौज प्रारम्भ से ही समाजवाद का गढ़ रहा है। सर्वप्रथम डॉ0 राममनोहर लोहिया यहां से सांसद चुने गए थे। नेताजी मुलायम सिंह यादव के बाद अखिलेश यादव और डिम्पल यादव भी यहां से सांसद निर्वाचित हो चुके हैं। अखिलेश यादव यहां के हर परिवार से परिचित हैं और स्थानीय लोग भी उनके विकास कार्यों के प्रशंसक हैं। चुनाव में आकर्षण केन्द्र बन रही अदिति