विद्यालय स्तर पर लिपिक भर्ती आरक्षण खत्म करने की साज़िश-लौटनराम निषाद

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सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में लिपिक पद पर भर्ती प्रदेश स्तरीय विज्ञापन से हो विद्यालय स्तर पर लिपिक भर्ती का विज्ञापन आरक्षण खत्म करने की साज़िश।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में “लिपिक” की पोस्ट के लिए विज्ञापन जारी करवाया है, जिसमें नियम राज्य सरकार के है लेकिन मुख्य बात यह है की “भर्ती विद्यालय स्तर पर की जा रही है। ” जिले के जितने विद्यालयों में पद खाली है, उसका डेटा विज्ञापित किया जा रहा है।आवेदनकर्ता सीधा विद्यालय को अपना आवेदन पत्र भेज रहा है।नियुक्ति विद्यालय के स्तर पर होगी,जो ओबीसी,इस,एसटी आरक्षण की खुलेआम हकमारी का षडयंत्र है।भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटनराम निषाद ने सरकार की इस नीति को पिछड़ा-दलित विरोधी बताते हुए प्रदेश में सभी लिपिक पद के रिक्त पदों का प्रदेश स्तर पर विज्ञापन प्रकाशित करने की मांग किया है।उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय प्रोफेसर भर्ती के लिए 200 पॉइंट रोस्टर को खत्म कर 13 पॉइंट रोस्टर प्रक्रिया लागू करने व प्रोफेसर पद का विज्ञापन संस्थान की बजाय विषयवार भर्ती विज्ञापन जैसा है।केंद्र सरकार को 13 पॉइंट रोस्टर को खत्म कर 200 पॉइंट रोस्टर लागू करने को मजबूर होना पड़ा था।


निषाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश आरक्षण नियमावली के अनुसार ओबीसी को 27 प्रतिशत, एससी को 21 प्रतिशत व एसटी को 2 प्रतिशत आरक्षण कोटा है।इस दृष्टि से एससी का आरक्षण तब होगा जब विद्यालय में लिपिक के कुल 5 पद होंगे। पूरे उत्तर प्रदेश में शायद ही कोई विद्यालय हो जिसमे इतने लिपिक के लिए विज्ञापन जारी किया जायेगा।ओबीसी का आरक्षण तब होगा जब विद्यालय में 4 पद खाली होंगे। पूरे उत्तर पदेश में शायद ही कोई विद्यालय होगा, जो 4 पदों के लिए विज्ञापन निकालेगा। उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि”लखनऊ जिले में कुल 9 विधालयो के लिए “9 वैकेंसी” जारी हुई है, जिसमें प्रत्येक विधालय को एक क्लर्क मिलेगा।अब विधालय एक क्लर्क के लिए विज्ञापन देगा तो इसमें आरक्षण के नियम प्रभावी नहीं होंगे।”जबकि नियमतः राज्य सरकार को “राज्य स्तर पर विज्ञापन प्रकाशित कर इसकी भर्ती करनी चाहिए थी।


निषाद ने आगे बताया कि राज्य स्तर पर भर्ती होने पर 2000 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला जाता तो आरक्षण नियमावली का पालन सम्भव था।राज्य सरकार ने अभी हाल ही में सरकारी सहायता प्राप्त प्राइमरी विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए प्रबंधको से नियुक्ति छीनकर राज्य स्तर पर भर्ती निकाली थी। उसी प्रकार लिपिक की भर्ती भी प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश स्तर पर की जानी चाहिए।उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा लिपिक भर्ती प्रक्रिया में प्रबंधक/प्रबंध तंत्र को सारे अधिकार देकर आरक्षित वर्गों का आरक्षण समाप्त करने के लिए षड़यंत्र किया जा रहा है। उन्होंने विद्यालय स्तर पर लिपिक भर्ती की घोर निन्दा करते हुए मांग किया है कि तत्काल यह प्रक्रिया रोककर प्रदेश स्तर पर आरक्षण व्यवस्था लागू करते हुए विज्ञापन जारी किए जाए।