- दाल, आटा, चावल, छाछ, पनीर, पर जीएसटी से वार, वाह री भाजपा सरकार।
- बच्चों की पढ़ाई हुई और भी महंगी, फीस ने पहले से ही तोड़ रखी थी अभिभावकों की कमर।
- सूखे पर चर्चा के बजाय लुलु मॉल के उद्घाटन एवं प्रचार मे व्यस्त है योगी सरकार।
- शिक्षा, कृषि, इलाज से जुड़ी हुई वस्तुओं को जीएसटी से मुक्त रखना योगी सरकार की नैतिक जिम्मेदारी।
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने सदैव गरीबों एवं आज जनता के विरूद्ध महंगाई को अपना हथियार बनाया है। शिक्षा, इलाज, खाद्य वस्तुऐं, पढ़ाई, ढुलाई, यात्रा भाड़ा, सभी ऐतिहासिक रिकार्ड स्तर पर महंगाई की चपेट में ला दिये गयें हैं। डीजल, पेट्रोल, घरेलू गैस, पीएनजी, सीएनजी के दाम दिन दूना रात चौगुना वृद्धि कर रहें हैं। खाने का तेल, सब्जियां, आलू और टमाटर की कीमतें आसमान छू रहीं हैं। ऐसे में चावल, आटा, गेहूं, छाछ, पनीर पर जीएसटी लगा देने से गरीब महंगाई की मार से और आहत हो गया है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ उमा शंकर पाण्डेय ने कहा कि प्रदेष सरकार लुलु मॉल के उद्घाटन में व्यस्त है महंगाई से ध्यान हटा कर धार्मिक उनमाद की तरफ प्रदेष को मोड़ना चाहती है। इसलिए लुलु मॉल को केन्द्रित कर खेल खेले जा रहें हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सूखा ग्रस्त होने की दिशा में बढ़ रहे प्रदेश को राहत देने पर मंथन करने के बजाय धनकुबेर युसुफ अली के साथ लुलु मॉल का पर्यटन करते हुए देखे गये थे यह हास्यासपद है। प्रदेश के 75 में से 70 जिलों में औसत से कम वर्षा हुई है, सूखे जैसे हालात उत्पन्न हो गये हैं। खरीफ की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहें हैं, किसानों की चिन्ता लगातार बढ़ती जा रही है। खरीफ की फसल सूखे की चपेट में है और मुख्यमंत्री जी को लुलु मॉल की चिन्ता सता रही है। भाजपा सरकार ने कृषि से जुड़े हुए लगभग सभी वस्तुओं पर टैक्स लगाकर इतिहास बनाया है, बीज, कीटनाशक, कृषि उपकरणों को भी नहीं बक्षा है सब पर टैक्स वसूलने वाली यह ऐतिहासिक सरकार है।
डा0 पाण्डेय ने कहा कि स्टेशनरी के सामानों को भी 18 फीसदी वाले टैक्स के दायरे में ला दिया गया है जिससे पेन्सिल, शार्पनर, ब्लेड, जैसी चीजें महंगी हो गयी हैं। अभिभावक पहले ही बच्चों की अत्यधिक फीस से त्रस्त था, अब भाजपा सरकार की इस मार ने आम आदमी हालत पस्त कर दी है।उन्होंने कहा कि गरीब एक किलो-दो किलो अनबं्राडेड एवं खुला राशन खरीदता है जिस पर अब उसे जीएसटी देना पडेगा। जबकि 25 किलो के ऊपर सिंगल पैकेट मंे राशन खरीदने पर जीएसटी नहीं देना पड़ेगा। भारतीय जनता पार्टी की यह सोच उसकी गरीब विरोधी मानसिकता का परिचायक है। भाजपा सरकार को तत्काल गरीबों की जरूरतों की चीजों से जीएसटी हटाना चाहिए, शिक्षा, कृषि, एवं सरकारी अस्पतालों में इलाज से जुड़ी हुई वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर किया जाना चाहिए। योगी सरकार को तत्काल सूखे के हालात पर मंथन करते हुए किसानों को सिंचाई के साधन युद्धस्तर पर उपलब्ध कराने चाहिए। इसके लिए सब्सिडाइज्ड रेट पर डीजल एवं नहरों में टेल तक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जानी चाहिए।