आध्यात्मिक शक्ति से आकर्षित करती देवभूमि उत्तराखण्ड

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उत्तराखण्ड देवभूमि है जो देश को अपनी आध्यात्मिक शक्ति से आकर्षित करती है ।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज हरिद्वार में भागीरथी पर्यटक आवास गृह का लोकार्पण किया और उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अलकनन्दा पर्यटक आवास गृह की चाबी सौंपी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश राज्य एवं उत्तराखण्ड राज्य की सामूहिक पहल का परिणाम है। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत‘ की परिकल्पना को साकार कर रही श्रृंखला की एक कड़ी है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के मध्य 21 वर्षाें के अनसुलझे विवादों को आपसी संवाद एवं सहमति से सुलझा लिया गया है। आज दोनों राज्य मिलकर समाधान के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। लोकतांत्रिक रूप से चुनी गयी सरकारों का यह धर्म है कि वह अपनी समस्याओं का समाधान संवाद के माध्यम से करते हुए लोगों के समक्ष एक उत्कृष्ट उदाहरण रखें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन का क्षेत्र कृषि क्षेत्र के बाद सबसे ज्यादा रोजगार प्रदान करने वाला क्षेत्र बन सकता है। सेवा क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं विद्यमान हैं। देश के महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हमारी आस्था को पवित्र बनाने के साथ-साथ राष्ट्रीय एकात्मता को बढ़ाने के केन्द्र भी हैं। हमारे इन तीर्थस्थलों से ही राष्ट्रीय एकात्मता को ऊर्जा एवं तेज प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि मां गंगा भारत की जीवनधारा की आत्मा हैं और भागीरथी व अलकनन्दा के मिलने से गंगा बनती है। गंगा जी भारत की जीवनधारा हैं। उत्तराखण्ड देवभूमि है, जो देश को अपनी आध्यात्मिक शक्ति से आकर्षित करती है। देश और दुनिया में बसा हर भारतीय यहां के पवित्र तीर्थाें का आशीर्वाद एवं हर की पौड़ी में स्नान का पुण्य प्राप्त करना चाहते हैं। उत्तराखण्ड में आध्यात्मिक पर्यटन एवं प्राकृतिक पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप केदारनाथ धाम भव्य रूप में संवर चुका है और बद्रीनाथ धाम में पुनरुद्धार के कार्य प्रगति पर हैं। हरिद्वार, ऋषिकेश में विभिन्न विकास कार्य क्रियान्वित हुए हैं। हम सभी को प्रधानमंत्री के विजन से जुड़ना होगा और उसे अपने जीवन में अंगीकार करना होगा। आज उत्तराखण्ड विकास पथ पर अग्रसर है।

 
देश का विकास सभी को मिलकर करना होगा। हम भले ही भिन्न-भिन्न राज्यों के निवासी हैं, लेकिन भावनाएं एक हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में पर्यटन विकास के विभिन्न कार्य सम्पादित हुए हैं। प्रयागराज कुम्भ-2019 के दिव्य एवं भव्य स्वरूप को पूरी दुनिया ने देखा और सराहा है। विगत वर्ष वृन्दावन में वैष्णव कुम्भ का भव्य आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम को भव्य स्वरूप में देश को समर्पित किया है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के प्रथम चरण का कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण हो चुका है और दूसरे चरण का कार्य इस माह के अन्त तक पूरा हो जाएगा।वर्तमान में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालुओं का आगमन होता है और मुख्य पर्वाें एवं त्योहारों पर श्रद्धालुओं की यह संख्या 5 से 7 लाख तक होती है। आज वहां एक साथ 50 हजार श्रद्धालु दर्शन-पूजन कर सकते हैं। अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मन्दिर के निर्माण के साथ ही आज अयोध्या पूरी दुनिया में सबसे सुन्दर एवं आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकसित हो रही है। प्रदेश के अन्य पवित्र तीर्थस्थलों-गोकुल, बरसाना, शुकतीर्थ, नैमिषारण्य, चित्रकूट, विंध्यवासिनी धाम, महर्षि वाल्मीकि की स्थली लालापुर, तुलसीदास जी की स्थली राजापुर में विभिन्न पर्यटन विकास के कार्य किये जा रहे हैं। साथ ही, बौद्ध, जैन एवं सिख तीर्थस्थलों के विकास के लिए भी कार्य प्रगति पर हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने प्रदेश के विभिन्न पवित्र स्थलों पर आयोजित होने वाले आयोजनों को एक इवेंट के रूप में यादगार बनाने के कार्य किये हैं। अयोध्या का दीपोत्सव, बरसाना का होली उत्सव, काशी की देव दीपावली एवं मथुरा का कृष्ण जन्मोत्सव का कार्यक्रम देश और दुनिया में प्रदेश की विशिष्ट पहचान को निर्मित कर रहा है। उत्तर प्रदेश में विगत 05 वर्षाें से मजबूत कानून-व्यवस्था के साथ सुशासन, पर्यटन विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के सभी को प्राप्त हो रहा है।

 
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दोनों राज्यों के मध्य दो दशकों से अधिक समय से लम्बित विवादों एवं उलझनों को अपनी निर्णयशक्ति एवं इच्छाशक्ति से कुछ मिनटों में ही सुलझा दिया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश के भौतिक विकास के साथ-साथ आध्यात्मिक विकास की यात्रा भी प्रारम्भ हुई है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस यात्रा के ध्वजवाहक हैं। योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में धर्म एवं संस्कृति का उत्थान हो रहा है तथा प्रदेश का समग्र विकास हो रहा है। उत्तर प्रदेश सभी स्तरों पर तीव्र गति से उत्तम प्रदेश की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर भारत को विश्वगुरु बनाने का प्रयास करना होगा और विकास की इस यात्रा को गंतव्य तक पहुंचाना होगा।

 
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में पर्यटन विकास के विभिन्न कार्य सम्पादित किये जा रहे हैं। प्रदेश में विगत 05 वर्षाें में पर्यटन के अनुकूल वातावरण निर्मित हुआ है। प्रदेश सरकार ने राज्य के पवित्र तीर्थाें को सर्किट के रूप में विकसित किया है। आज पूरी दुनिया काशी की पवित्रता एवं भव्यता के स्वरूप, प्रयागराज कुम्भ की दिव्यता एवं भव्यता, अयोध्या में निर्मित हो रहे भगवान श्रीराम के भव्य मन्दिर तथा मथुरा के रंगोत्सव के कार्यक्रमों को विशिष्टता की दृष्टि से देख रही है।

 
उत्तराखण्ड सरकार में पर्यटन व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि दोनों राज्य मिलकर नॉर्दर्न टूरिज्म को बढ़ाएंगे, जिसके अन्तर्गत रामायण सर्किट एवं महाभारत सर्किट प्रमुख होंगे। उत्तराखण्ड सरकार उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर संसार की सबसे पुरानी पदयात्रा को जीवन्त रखने हेतु महाभारत रेल शुरू करेगी। गुरु गोरखनाथ के सम्मान में उत्तराखण्ड सरकार शीघ्र ही गुरु गोरखनाथ से जुड़े स्मृति स्थलों-गुफाओं एवं पीठों को जोड़ने हेतु नाथ सर्किट का निर्माण करेगी।

उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य एवं उत्तराखण्ड राज्य मिलकर देश की तस्वीर एवं तकदीर को बदलने का कार्य कर सकते हैं। इससे देश एक नये आयाम में आगे बढ़ेगा। प्रधानमंत्री के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी कार्यकुशलता एवं ईमानदारी से चरितार्थ किया है और उत्तर प्रदेश को विभिन्न क्षेत्रों में नम्बर-1 राज्य बनाने का कार्य किया है।

 
लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के मंत्रिगण, जनप्रतिनिधिगण, स्वामी परमानन्द जी महाराज, स्वामी ज्ञानदेव सिंह जी महाराज, स्वामी रविन्द्र पुरी जी महाराज, स्वामी भगतराम मुखिया जी, स्वामी चिदानन्द मुनि जी महाराज, स्वामी यद्वेन्द्रानन्द गिरि जी महाराज, स्वामी हरि चेतनानन्द जी महाराज, स्वामी विष्णुदास जी महाराज, स्वामी महन्त देवानन्द सरस्वती जी महाराज, महन्त ईश्वरदास जी महाराज, स्वामी शिव प्रेमानन्द पुरी जी महाराज, महन्त महेश पुरी जी महाराज, महन्त अरुण दास जी महाराज, महन्त चेताईनाथ जी महाराज, उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी एवं प्रमुख सचिव पर्यटन व संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम उपस्थित थे।ज्ञातव्य है कि भागीरथी पर्यटक आवास गृह का निर्माण उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग द्वारा 43 करोड़ 27 लाख रुपये की धनराशि से कराया गया है। 06 तल में निर्मित इस पर्यटक आवास गृह में 100 कक्ष हैं। भागीरथी पर्यटक आवास गृह में 80 सीटर वातानुकूलित रेस्टोरेंट तथा 150 व्यक्तियों हेतु बैन्क्वेट हॉल का निर्माण कराया गया है। 150 चार पहिया वाहनों की पार्किंग क्षमता तथा 03 लिफ्ट स्थापित की गयी हैं। यहां पर ठहरने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए वाई-फाई, केबल टी0वी0 तथा इण्टरकॉम की व्यवस्था की गयी है। [/Responsivevoice]… न्यूज़ ऑफ इंडिया ( एजेंसी)