मुख्य सचिव की अध्यक्षता में ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, ग्रामीण जलापूर्ति एवं राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित।
लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने कहा कि योजनाओं का क्रियान्वयन और बेहतर कैसे कर सकते हैं इसके लिए विषय विशेषज्ञों की सलाह लेकर ‘गवर्नेंस रिफार्म’ कर सकते हैं, जो अच्छे काम हुए हैं उनको जनमानस से जोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि योजनाओं में बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए एक रोडमैप बनाने की जरूरत है। मुख्य सचिव ग्राम्य विकास, पंचायती राज, ग्रामीण जलापूर्ति और राजस्व विभाग की समीक्षा कर रहे थे।उन्होंने कहा कि विभागों की कार्य संस्कृति में सुधार लाने के लिए गुड गवर्नेंस की तरफ बढ़ना होगा। विभागों में हो रहे अच्छे कामों को प्रदर्शित करना होगा जिससे जिनके लिए योजनाओं को संचालित किया जा रहा है उनको उनसे जोड़ सके। उन्होंने सबसे पहले इस बात पर जोर दिया कि कार्यालयों में साफ-सफाई, ई- फाइलिंग और सामान के रखरखाव को दुरुस्त करना होगा। क्योंकि इन बातों का ध्यान रखने से आने वाले आगंतुकों पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।
महात्मा गांधी नरेगा की समीक्षा में मुख्य सचिव ने कहा कि इस योजना में जिन लोगों से काम लिया जा रहा है उनके भुगतान को समयबद्ध तरीके से कराने पर ज्यादा जोर दिया जाए। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मनरेगा के जरिए अब उन गांवों के विकास पर शहर की तरफ बढ़ रहे हैं उनका विस्तार शहरी व्यवस्था के तरह विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश भर में लगभग 19 क्लस्टर बनाए गए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि इन क्लस्टर को विकसित करने के लिए विषय विशेषज्ञों की भी राय ली जाए जिससे इनका प्रदर्शन बेहतर हो सके। प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण और दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान और पंचायती राज विभाग की समीक्षा में मुख्य सचिव ने कहा कि योजनाओं को जमीन पर बेहतर तरीके से उतारने के लिए कर्मचारियों को उत्साहित करने की जरूरत है।
उन्होंने गांवों में बनाए जा रहे सामुदायिक शौचालयों की देखरेख और साफ सफाई के मानकों पर पूरा ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाजार, मेला लगने वाले स्थलों पर भी सामुदायिक शौचालय बनाए जाएं। मुख्य सचिव ने कहा कि ग्राम सचिवालय के संचालन के लिए एक मैकेनिज्म बनाने की जरूरत है, जिससे व्यवस्थाओं और योजनाओं को लागू कराने में आसानी हो सके। मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन को और मजबूती देने के लिए निर्देश दिए कि पिछले पांच वर्ष में जहां बड़ी आपदा आई है उसे रोकने के लिए पहले से ही प्लानिंग कराई जाए। वहीं जल जीवन मिशन की समीक्षा में उन्होंने कहा कि जहां चेकडैम बनाए गए हैं वहां का जलस्तर कितना बढ़ा है, इसके डाटा भी तैयार कराया जाये। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा सहित सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।