पंजाब पुलिस में नौकरी के दौरान जान गंवाने वाले एक पुलिसकर्मी की बेटी अमरजीत कौर ने याचिका दाखिल करते हुए बताया कि साल 2004 में उसका विवाह हुआ था. वो अपने पति और बच्चों को लेकर अपने माता-पिता के साथ रह रही थीं.वह इकलौती संतान होने के कारण सेवा के उद्देश्य से ऐसा कर रही थीं. पूरे परिवार में उनके पिता ही कमाई का जरिया थे. 2008 में ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थीं.
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. अब विवाहित बेटियां भी अनुकंपा नौकरी की हकदार मानी जाएंगी. महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने यह बड़ा फैसला किया है. दरअसल, अब यूपी सरकार अनुकंपा नियुक्ति के रूप में विवाहित पुत्रियों को भी नौकरी का अधिकार देगी. यानी अब अगर किसी सरकारी कर्मचारी की उसकी सर्विस के दौरान मृत्यु होती है तो उसकी शादीशुदा बेटी को योजना का लाभार्थी माना जाएगा.
मतलब उत्तर प्रदेश सेवा काल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली में 12वीं संशोधन को हरी झंडी मिल गई है. दरअसल, अब तक किसी राज्य कर्मचारी की मृत्यु के पश्चात उसके पति-पत्नी, बेटे और अविवाहित बेटी को ही सेवा का लाभ मिलता था. लेकिन अब राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश सेवा कार्य में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली 1974 के नियम दो (ग) तीन में संशोधन कर दिया है. यानी मृत कर्मचारी के परिवार की दृष्टि में विवाहित बेटी को भी माना जाएगा.
उत्तर प्रदेश सेवा काल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली में 12वीं संशोधन को हरी झंडी मिल गई है. दरअसल, अब तक किसी राज्य कर्मचारी की मृत्यु के पश्चात उसके पति-पत्नी, बेटे और अविवाहित बेटी को ही सेवा का लाभ मिलता था. लेकिन अब राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश सेवा कार्य में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली 1974 के नियम दो (ग) तीन में संशोधन कर दिया है. यानी मृत कर्मचारी के परिवार की दृष्टि में विवाहित बेटी को भी माना जाएगा.
इस मामले में हाईकोर्ट में एक एप्लीकेशन दी गई थी इसी के बाद अदालत ने सरकार को संशोधन का आदेश दिया था. इसी के बाद कार्मिक मंत्रालय के प्रस्ताव के बाद कैबिनेट द्वारा इसे मंजूरी दे दी गई है. सेवा नियमावली के मुताबिक सरकारी कर्मी की अगर उसकी सर्विस के दौरान निधन हो जाता है तो परिवार के मौजूद सदस्यों में से किसी एक सदस्य को नौकरी दिए जाने का प्रावधान है.
पुलिस महानिदेशक के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि संविधान में सभी को बराबरी का अधिकार है और यदि विवाहित लड़का अनुकंपा के आधार पर नौकरी का हकदार है तो विवाहित लड़की को इस अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकता है.कोर्ट ने पंजाब पुलिस को याचिकाकर्ता को एक महीने में अनुकंपा नौकरी का लाभ देने तथा आदेश की पालना के बाद कोर्ट को अवगत कराने का आदेश दिया हैं.