
लोकतन्त्र को मजबूत करने मे युवाओं की भागीदारी निर्णायक सिद्ध हो रही है। लोकतंत्र को और अधिक मजबूत व सशक्त करने का यही समय है, सही समय है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कानपुर मे आयोजित माक पार्लियामेंट मे लोकतन्त्र सेनानियों को किया सम्मानित। लोकतन्त्र को मजबूत करने में युवाओं की भागीदारी निर्णायक
लखनऊ। लोकतन्त्र को मजबूत करने में युवाओं की भागीदारी निर्णायक सिद्ध हो रही है। लोकतंत्र को और अधिक मजबूत व सशक्त करने का यही समय है,सही समय है। देश के प्रत्येक नागरिक के खून मे लोकतन्त्र समाया हुआ है।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल लगाकर संविधान का दुरूपयोग करने का माकूल जवाब दिया था। 25 जून 1975 को आपातकाल थोपकर नागरिक अधिकारो का हनन किया गया था। वह दुर्भाग्यपूर्ण कालखण्ड था। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य शुक्रवार को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के बी टेक आडीटोरियम मे आयोजित माक पार्लियामेंट को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने इस अवसर पर लोकतन्त्र सेनानियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने बी. टेक. ऑडिटोरियम, में भारतीय संविधान के प्रति जागरूक करने वाली लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। राष्ट्र निर्माण की दिशा में जब युवा शक्ति सोचती है, तो देश की दिशा और दशा बदल जाती है। यह जागरूकता, यह चेतना, यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एक जन आंदोलन का स्वरूप ले चुकी है, जिसमें लोकतंत्र के प्रति युवाओं की भागीदारी निर्णायक सिद्ध हो रही है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि लोकतंत्र को अटल व अमर रखने के लिये युवा हमेशा आगे बढ़कर अपना योगदान दें।

उन्होने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र सेनानियों द्वारा दिखाये गये साहस व शौर्य की चर्चा करते हुये कहा कानपुर की धरती क्रान्ति व सकारात्मक विचारों की धरती है। अपने सम्बोधन मे केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि लोकतान्त्रिक व संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिये डबल इन्जन सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। कहा कि हमारा संविधान विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान है।आपाताकाल जैसा दिन हमारी सरकार कभी नहीं आने देगी।आपातकाल से जुड़े चुनिंदा लोगों से अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह न केवल आपातकाल के स्मरण का अवसर है, अपितु गहन चिंतन और लोकतांत्रिक व संवैधानिक मूल्यों के प्रति नई प्रतिबद्धता का अवसर भी है। देशभक्ति व देश प्रेम की भावना से परिपूर्ण अपने सम्बोधन मे उप मुख्यमंत्री ने आपातकाल के दौरान आयी समस्याओ व विपत्तियो के सम्बन्ध मे विस्तार से प्रकाश डाला। भारतीय लोकतंत्र की जड़ो को मजबूत करने व संवैधानिक मर्यादाओ को बनाये रखने के लिये दिये गये प्रेरक उद्बोधन मे उन्होंने जहाँ संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता जताई, वहीं नयी पीढ़ी मे नव चेतना, नव जागृति पैदा करने के लिए नयी ऊर्जा व नये उत्साह का संचार किया।
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लिया गया निर्णय “उन लाखों लोगों की भावना का सम्मान करने के लिए है, जिन्होंने आपातकाल के दौरान अकथनीय उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया”। केशव प्रसाद मौर्य बोले कि-हम उन सभी लोगों के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हैं,जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया, संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया। भारत को पूरी दुनिया में लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है। मोदी जी के नेतृत्व मे भारत ने हमेशा से लोकतांत्रिक मूल्यों और विमर्श का समर्थन किया गया है। वर्तमान सरकार द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों की हमेशा रक्षा की गई है।अब कभी भी भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचलने नही दिया जायेगा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला नही घोंटने दिया जायेगा। लोकतन्त्र को मजबूत करने में युवाओं की भागीदारी निर्णायक























