

भारत की ओर से चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ को हर जगह सराहा जा रहा है। दूसरी तरफ देखा जाए तो इन दिनों भारत में सोशल मीडिया पर युद्ध समर्थक व विरोधियों के बीच जंग छिड़ी हुई है। मुद्दा यह है कि भारत ने पहलगाम के आतंकी हमले की प्रतिक्रिया स्वरूप पाकिस्तान के आतंकी अड्डों व चुनिंदा सैन्य ठिकानों पर जो धुंआधार हमले किए थे, उन्हें कुछ दिन और जारी रखना था। लाहौर, इस्लामाबाद, कराची, बहावलपुर आदि शहरों पर भी प्रबल हमले कर पाकिस्तान को बरबादी की खाई में धकेल देना था। ऑपरेशन सिंदूर भारत की बड़ी कामयाबी
दरअसल, इस तरह के बहुत सारे तर्कों के तीर, भावनाओं की मिसाइलें दागी जा रही हैं जिसे सरकार-मोदी-भाजपा समर्थक आर्थिक उपलब्धियों के मिसाइलरोधी ड्रोन से तहस-नहस कर रही है। अब जबकि भावनाओं का ज्वार थम गया है, तब यह जानना आवश्यक है कि क्या वास्तव में भारत पूर्ण यु्द्ध चाहता था? क्या उसने पाकिस्तान को पर्याप्त सबक दे दिया है? क्या विश्व समुदाय भारत की सैन्य शक्ति को जान चुका है और आतंकियों को दिये जवाब का नैतिक समर्थन करता है? ऐसे बहुत सारे सवाल हैं। आपको बता दूं कि भारत और पाकिस्तान के बीच इस महीने की शुरुआत में एक भीषण सैन्य संघर्ष छिड़ गया था जो चार दिनों बाद एक-दूसरे पर हमले रोके जाने की सहमति के साथ खत्म हुआ था। इस टकराव के दौरान भारत ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर लक्ष्यों पर सटीक हमले करके पाकिस्तानी सेना को बढ़िया सबक सिखाया था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों की सटीक कार्रवाई और लक्ष्यों की प्राप्ति की अब एक्सपर्ट भी तारीफ कर रहे हैं। किंग्स कॉलेज लंदन में सीनियर लेक्चरर वाल्टर कार्ल लैडविग ने भारत के अभियान को बेहद ही सफल बताया है।
रॉयल यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूट की वेबसाइट पर लिखे एक लेख में उन्होंने कहा, भारत ने अपने घोषित उद्येश्यों को काफी हद तक हासिल कर लिया है। हमलों के पहले दिन भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी क्षेत्र में आतंकवादियों से जुड़े बुनियादी ढांचे की पहचान करने और उसे नष्ट करने की विश्वसनीय क्षमता का प्रदर्शन किया। इसमें सटीक हमले करने के लिए स्टैंड ऑफ हथियारों का इस्तेमाल किया गया।अगले दिनों में ऑपरेशन का दायरा बढ़ा, तो भारत ने पाकिस्तान के पास मौजूद चीनी वायु रक्षा नेटवर्क में सेंध लगाते हुए अग्रिम एयरबेसों को निशाना बनाया। इसने यह साबित किया कि भारतीय वायु सेना सुरक्षित परिस्थितियों में लक्ष्यों पर हमला कर सकती है और बाद में भी हमले जारी रख सकती है। इसके साथ ही यह बताता है कि भारत के पास ऐसा राजनीतिक नेतृत्व है जिसने अपने इरादे का स्पष्टता के साथ संकेत दिया।

भारत ने इस अभियान में संयम का शक्तिशाली सबक दिया। भारतीय पायलटों ने सख्त नियमों के तहत काम किया जिसमें पाकिस्तानी विमानों पर हमला करने या हवाई रक्षा प्रणालियों को दबाने पर रोक थी। इसे केवल आतंकवादियों से जुड़े ढांचे तक सीमित रखा गया जो बताता है कि भारत ने ऑपरेशनल खतरे को स्वीकार किया था। वाल्टर ने आगे लिखा कि यह संघर्ष इस बात को भी रेखांकित करता है कि परमाणु हथियारों की छाया में सीमित सैन्य टकराव को नियंत्रित किया जा सकता है। यहां ध्यान देने की बात है कि पाकिस्तान की तरफ से तनाव के बीच लगातार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर धमकी दी गई। ऑपरेशन सिंदूर सशस्त्र बलों का एक संतुलित इस्तेमाल था, जिसका उद्देश्य संकेत देना, आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना और क्षमता का प्रदर्शन करना था। इन सभी लक्ष्यों को हासिल करते हुए व्यापक युद्ध की सीमा को पार न करना इसकी उपलब्धि है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की फिर से जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि PM नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देशों और दुनिया को दिखा दिया है कि आतंकवाद का अंजाम बुरा होगा। आतंकवादियों को हर हाल में खोजा जाएगा। गोवा राजभवन में एक कार्यक्रम था। वहां प्राचीन भारतीय चिकित्सक चरक और सुश्रुत की मूर्तियां लगाई गईं। इस मौके पर धनखड़ ने कहा, ‘भारत अब बहुत बदल गया है। भारत आत्मविश्वासी और मजबूत है। PM नरेंद्र मोदी ने एक संदेश दिया है। यह संदेश सिर्फ हमारे मुश्किल पड़ोसी देशों के लिए नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है। संदेश यह है कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आतंकवादियों को सजा मिलेगी।’ जगदीप धनखड़ ने आगे कहा, ‘आतंकवादी जहां भी होंगे, उन्हें ढूंढा जाएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जरूरी था और यह जारी है। हमें अपने PM की दूरदृष्टि को सलाम करना चाहिए, जिन्होंने इसे पूरा किया।’ धनखड़ ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान दुनिया ने भारतीय सेना की ताकत देखी। हमले एकदम सटीक थे, सोच-समझकर किए गए थे और रणनीतिक थे।
उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन की सफलता पर किसी ने सवाल नहीं उठाया। धनखड़ ने कहा, ‘किसी ने सबूत नहीं मांगा क्योंकि जब ताबूत ले जाए जा रहे थे, तो (पाकिस्तानी) सेना मौजूद थी, आतंकवादी मौजूद थे, (पाक) सरकार मौजूद थी। इसलिए, हमारी सेना को सलाम, जिन्होंने देश को गर्व महसूस कराया।’इस कार्यक्रम में कई और लोग भी शामिल हुए। गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय मंत्री श्रीपाद नायक और राज्य भाजपा अध्यक्ष दामोदर नाइक भी वहां मौजूद थे। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक ऐसा सैन्य अभियान था, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस ऑपरेशन की तारीफ की और कहा कि इससे भारत की ताकत का पता चला है। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी ने दुनिया को दिखा दिया है कि भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत आतंकवादियों को ढूंढेगा और उन्हें सजा देगा। ऑपरेशन सिंदूर जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया जिसमें 26 बेगुनाहों की जान चली गई थी। ऑपरेशन सिंदूर भारत की बड़ी कामयाबी

यह दुनिया जब से बनी है, तब से ही शक्ति ही प्रमुख तत्व रही है। वह बाहुबल की हो, धन की हो, सत्ता की हो, बुद्धि की हो, सैन्य संसाधनों की हो, संख्या बल की हो। जो जितना बलवान, वह उतना धनवान। बल और धन दोनों का युक्ति से उपयोग करने से अनुकूल नतीजे प्राप्त होते हैं। युक्ति के लिए बुद्धि आवश्यक है। ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं, जब आमने-सामने की लड़ाई में संख्या बल अधिक होने के बाद भी कम सैन्य शक्ति वाले को विजय मिली। वह होता है तात्कालिक रणनीति से, युक्ति से, विवेक से। केवल बाहुबल से युद्ध लड़े व जीते जाते तो किसी भी देश की सेना में भर्ती होने के लिये अखाड़े या जिम्नेशिय का पहलवान होना ही जरूरी होता।
अब ताजा भारत-पाकिस्तान युद्ध की बात करते हैं तो स्पष्ट कर दूं कि भारत की ओर से यह पाकिस्तान के साथ युद्ध तो था ही नहीं। यह पाक समर्थित आतंकवादियों के साथ लड़ाई थी। इसीलिए उनके ठिकानों को निशाना बनाया गया और जब पाकिस्तान ने उन्हें समर्थन देने के लिए अपनी सेना को सन्नद्ध किया, मोर्चा संभाला, एयर बेस तैयार किए, सेना को रवानगी डलवाई तो उसे सचेत करने के लिए भारत ने प्रतीकात्मक हमले किए। उनके हवाई मार्ग अवरुद्ध कर दिए और ये पर्याप्त कारगर रहे।
इधर, पांच दिन में ही पाकिस्तानी सरकार व सेना की समझ में आ गया कि यदि इस बार इसने पूर्णकालिक युद्ध की शक्ल ले ली तो कितान कबाड़ा होगा, अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता, इसलिए, वह जिन-जिन आकाओं के सामने गिड़गिड़ा सकता था, गिड़गिड़ाया। मिन्नतें कीं। झोली फैलाई। भारत से भी बैठकर बात करने की पहल की, तब जाकर अर्ध विराम पर भारत सहमत हुआ, वह भी इस चेतावनी के साथ कि ऑपरेशन सिंदूर जारी रहेगा। पाकिस्तान के साथ चर्चा होगी तो आतंकवाद और पीओके पर। साथ ही आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई होने तक सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी। ऑपरेशन सिंदूर भारत की बड़ी कामयाबी