
भाजपा सरकार द्वारा पेश बजट से युवाओं, किसानों,महिलाओं आम आदमी को निराशा। भाजपा ने बजट को इवेंट बना दिया जब ज़मीन पर खर्च ही नहीं हो रहा, बजट की संख्या बढ़ाना सिर्फ दिखावा और नाटक। योगी आदित्यनाथ सरकार ने बजट में दंगों को लेकर झूठ बोला। योगी सरकार ने बजट में झूठ बोला-आराधना मिश्रा
अंशू अवस्थी
लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार के द्वारा आज पेश किए गए बजट पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे युवाओं, किसानों और महिलाओं सहित आम आदमी के लिए निराशाजनक करार दिया है, और बजट की संख्या बढ़ाने को मात्र इवेंट और प्रदेशवासियों को गुमराह करने वाला बताया है। नेता विधानमंडल कांग्रेस आराधना मिश्रा मोना ने आज पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया में कहा की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बजट को इवेंट बना दिया है, जब बजट खर्च नहीं हो पा रहा है तो बढ़ाने का दिखावा क्यों ? पिछला बजट भी मात्र 52 से 54% खर्च हुआ तो संख्या बढ़ाने से क्या फायदा ? बजट की सामूहिक जिम्मेदारी पूरे कैबिनेट की होती है लेकिन आज जब बजट पेश किया जा रहा था तो सदन में प्रदेश सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्री, बृजेश पाठक केशव मौर्या अनुपस्थित थे इससे पता चलता है कि सरकार पेश किए गए बजट के प्रति सामूहिक रूप से कितना उदासीन है।
किसानों को इस बार बजट से बड़ी उम्मीदें थी कि उनके लिए सरकार विशेष सहायता कोष बनाएगी लेकिन किसानों को निराशा मिली है, बजट में युवाओं को रोजगार को लेकर कोई ठोस नीति न बनाकर, सिर्फ आउटसोर्सिंग पर छोड़कर,धोखा दिया गया है , सबसे बड़ा धोखा प्रदेश की आधी आबादी महिलाओं को मिला है, सरकार ने प्रत्येक बजट में वादा किया था उसी तरह इस बजट में भी झूठा वादा गैस सिलेंडर, स्कूटी का किया गया है,यह बजट उसी पुराने बजट की फोटो कॉपी दिखाई पड़ती है।
इस बजट में शिक्षा के लिए 13 प्रतिशत, कृषि और संबद्ध सेवाओं के लिए 11 प्रतिशत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में 6 प्रतिशत, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए 4 प्रतिशत धनराशि आवंटित की गई है लेकिन सरकार पिछले बजट का हिसाब किताब क्यों नहीं देती ? कि वह खर्च नहीं कर पाए जिसका आलम यह है कि अस्पतालों में बेड नहीं हैं,दवाई नहीं है, स्कूलों में शिक्षक नहीं है और सामाजिक सुरक्षा के नाम पर दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार हो रहा है उनकी सुरक्षा को लेकर आवंटित बजट का खर्च सरकार सदन में बताए।
सरकार का ध्यान प्रदेश के विकास पर न होकर सिर्फ बजट का आकार बड़ा करने पर केंद्रित है, जिसका प्रमाण है कि पिछले बजट को भी बड़ा किया गया प्रदेश वासियों को बड़े-बड़े सपने दिखाए गए, पिछले वित्तीय वर्ष में मात्र 52 से 54% ही खर्च हो पाया इसकी जवाबदेही किसकी है ? क्या सरकार पिछले बजट को खर्च न कर पाने पर प्रदेश वासियों से माफी मांगेगी, सच्चाई यह है कि प्रदेश के लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर गुमराह किया जा रहा है।
आराधना मिश्रा मोना ने कहा की सरकार ने बजट में दंगे ना होने की बात कही है जबकि सच्चाई यह है कि प्रदेश में हिंसक और दंगे की प्रकृति की घटनाएं बढ़ गई हैं , सरकार दंगाइयों को संरक्षण दे रही है, भाजपा कहती है हमारी सरकार डबल इंजन सरकार है, लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष का आधा बजट खर्च नहीं हो पाया अब दोबारा प्रत्येक वर्ष की भांति बजट में आंकड़ों की बाजीगरी कर बड़ा बनाने का इवेंट करने की तैयारी है, जैसे महाकुंभ का बजट इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है कि बजट बढ़ाया गया लेकिन अव्यवस्था चरम पर थी जिसकी वजह से हजारों श्रद्धालुओं की जान चली गई, सच्चाई है कि हर काम की तरह बजट को भी भाजपा ने इवेंट बना दिया है जब बजट ज़मीन पर खर्च ही नहीं हो रहा,तो संख्या का दिखावा और नाटक क्यों ? भाजपा सरकार बड़ा बजट का ड्रामा कर प्रदेश की जनता को धोखा देने का काम कर रही है,यदि सरकार वाकई प्रदेश के युवाओं, किसानों, महिलाओं, दलितों और पिछड़ों के कल्याण के प्रति ईमानदारी दिखाना चाहती है तो पिछले साल के बजट का विभागवार आंकड़ा सदन में रखे और माफी मांगें , कारण बताए कि खर्च क्यों नहीं कर पाए , बजट का 50 प्रतिशत से ज्यादा पैसा सरेंडर क्यों करना पड़ा, हर साल बजट को संख्या में बड़ा बनाना और आखिरी में आधे से ज्यादा बजट सरेंडर करना भाजपा सरकार की अक्षमता और इच्छाशक्ति की कमी को दर्शाता है।
जब खर्च करने की इच्छा शक्ति नहीं तो बड़ा बनाने का दिखावा क्यों..?
आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि इस बजट में युवाओं और किसानों को धोखा देने के अलावा इस सरकार में एक सबसे बड़ी समस्या महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था की रही है, 25 करोड़ की आबादी वाले इस प्रदेश में जिस प्राथमिकता के साथ सरकार को यह विषय लेना चाहिए था, बजट आवंटन में ऐसा कोई विशेष प्रावधान नहीं है जैसे कि नये महिला थानों एवं महिला अत्याचारों को रोकने के लिए फास्ट ट्रेक कोर्ट की स्थापना, जो राशि आवंटित की गयी है वह बहुत नाकाफी है। इस प्रकार यह पूरा बजट सब्जबाग तो दिखाता है पर जमीनी धरातल पर समाज के किसी वर्ग को, चाहे हमारा किसान हो,बेरोजगार युवा हो, आंगनबाड़ी, शिक्षामित्र, रसोइया जैसी महिला कार्यकत्री हो या कृषि क्षेत्र के हमारे सहयोगी किसान भाई हो, स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशानहाल आम नागरिक हों, सुरक्षा की चाह लिये हमारी बहन-बेटियां या समाज के व्यापारी वर्ग हों या कर्मचारी किसी भी वर्ग के लिए इस बजट में कुछ दिखाई नहीं पड़ता। डबल इंजन आपस में लड़ रहे हैं, अफसरशाही भ्रष्टाचार में मौज काट रही हैं। योगी सरकार ने बजट में झूठ बोला-आराधना मिश्रा