भाजपा सरकार ने सभी संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है। भाजपा ने संवैधानिक संस्थाओं का राजनीतिकरण कर दिया है, जिसके कारण उन पर से लोगों का भरोसा खत्म हो रहा है। सरकार के दबाव में संवैधानिक पदों पर बैठे लोग भाजपा के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। संवैधानिक संस्थाएं देश की जनता के बजाय भाजपा के लिए काम कर रही हैं, देश में लोकतंत्र खत्म हो रहा है, संविधान के अनुसार काम नहीं हो रहा है, भाजपा की सत्ता की भूख ने पूरे देश को तबाह कर दिया है। भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली और रवैया तानाशाही पूर्ण है।विपक्ष,आमजन, नौजवान, किसान,व्यापारी, कर्मचारी किसी को भी अब भाजपा सरकार पर कोई भरोसा नहीं रहा है। भाजपा सरकार बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और किसान की समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। भाजपा सरकार को आम जनता की कोई परवाह नहीं है क्योंकि वह वोट से नहीं खोट से चुनाव जीत कर सरकार बनती है। भाजपा ने संवैधानिक संस्थाओं को किया बर्बाद
सच तो यह है कि भाजपा ने झूठ के सहारे ही अपनी सरकार चलाई है। किसानों को दुगनी आय का भरोसा दिया गया, मिला कुछ नहीं। एमएसपी की अनिवार्यता के लिए आंदोलन चला, सात सौ से ज्यादा किसान शहीद हो गए। आज तक भाजपा ने एमएसपी पर कोई निर्णय नहीं लिया। किसानों की समस्याओं पर कमेटी बनाने का प्रस्ताव फाइलों में कैद हो गया। प्रदेश में बिजली के निजीकरण के बहाने आरक्षण समाप्त करने और आउट सोर्स से भर्ती की साजिशें चल रही हैं। नौजवानों को बड़े-बड़े सपने दिखाए गए। दो करोड़ नौकरियां प्रतिवर्ष देने का वादा किया गया था। 10 साल में 10 लाख भी नौकरियां नहीं दी गई। रोटी-रोजगार मिलना तो दूर कई औद्योगिक संस्थानों में कर्मचारियों की छंटनी हो गई। नौकरियों के लिए होने वाली भर्ती परीक्षाएं पेपर लीक की शिकार हो गयी।
महिलाओं की सुरक्षा पर केवल हवाई वादे किए जाते हैं। देश में महिलाओं-बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले बढ़ते जा रहे हैं। कानून व्यवस्था के हालात बहुत खराब है। भाजपा ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करके रख दिया है।उत्तर प्रदेश की जनता और पीडीए अब भाजपा की एकाधिकारी मानसिकता और उसकी मनमानी ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर सकती। वह सन् 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने को तैयार है। भाजपा ने संवैधानिक संस्थाओं को किया बर्बाद