प्रधानमंत्री ने कोविड-19 की टेस्टिंग के लिए आई0सी0एम0आर0 की तीन नयी उच्च क्षमता की टेस्टिंग सुविधाओं का लोकार्पण किया।
नेशनल इंस्टीट्यूट आफ कैंसर प्रिवेंशन एण्ड रिसर्च, नोएडा, नेशनल इंस्टीट्यूट फाॅर रिसर्च इन रीप्रोडक्टिव हेल्थ, मुम्बई एवं नेशनल इंस्टीट्यूट आफ काॅलरा एण्ड एन्टेरिक डिज़ीजे़ज़, कोलकाता में नयी टेस्टिंग सुविधाओं की स्थापना।
सही समय पर सही फैसले से भारत अन्य देशों के मुकाबले संभली हुई स्थिति में: प्रधानमंत्री
नोवेल कोरोना वायरस के विरुद्ध भारत की सफलता से विश्व आश्चर्यचकित दवा अथवा वैक्सीन की खोज तक संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, ग्लव्स, सैनिटाइजर, दो गज की दूरी आदि का पालन जरूरी।
इन हाईटेक प्रयोगशालाओं में कोविड-19 के अलावा भविष्य में हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, एच0आई0वी0, डेंगू सहित अन्य बीमारियों की जांच सुविधा उपलब्ध होगी।
कोविड-19 के विरुद्ध संघर्ष में कोरोना स्पेसिफिक हेल्थ सिस्टम के निर्माण को प्राथमिकता, इसके लिए शुरू में ही 15 हजार करोड़ रु0 दिए गए।
प्रत्येक गरीब व्यक्ति को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ दिलाया जाए।
उच्च क्षमता की टेस्टिंग सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जी का आभार: मुख्यमंत्री
टेस्टिंग क्षमता बढ़ने से संक्रमण को रोकने में भी मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश कोविड-19 के संक्रमण से मजबूती से लड़ रहा।
26 जुलाई, 2020 को राज्य में 01 लाख 06 हजार से अधिक टेस्ट किए गए।
के0जी0एम0यू0 लखनऊ, एस0जी0पी0जी0आई0 लखनऊ तथा बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर के लिए तीन कोबास मशीन का क्रय किया जा रहा।
लखनऊ, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कोविड-19 की टेस्टिंग के लिए आई0सी0एम0आर0 की तीन नयी उच्च क्षमता की टेस्टिंग सुविधाओं का वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण किया। यह टेस्टिंग सुविधाएं राष्ट्रीय संस्थानों आई0सी0एम0आर0-नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ कैंसर प्रिवेंशन एण्ड रिसर्च (एन0आई0सी0पी0आर0), नोएडा, आई0सी0एम0आर0-नेशनल इंस्टीट्यूट फाॅर रिसर्च इन रीप्रोडक्टिव हेल्थ (एन0आई0आर0आर0एच0), मुम्बई एवं आई0सी0एम0आर0-नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ काॅलरा एण्ड एन्टेरिक डिज़ीजे़ज़ (एन0आई0सी0ई0डी0), कोलकाता में स्थापित की गयी हैं।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक कोविड-19 के लिए कोई दवा अथवा वैक्सीन नहीं बन जाती है, तब तक इसके संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, ग्लव्स, सैनिटाइजर, दो गज की दूरी आदि का पालन जरूरी है। देश में जिस तरह से सही समय पर सही फैसले लिए गए, उससे भारत अन्य देशों के मुकाबले संभली हुई स्थिति में है। नोवेल कोरोना वायरस के विरुद्ध भारत की सफलता से विश्व आश्चर्यचकित है। उन्होंने भरोसा जताया कि कोविड-19 से हम लड़ेंगे भी और जीतेंगे भी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली-एन0सी0आर0, मुम्बई, कोलकाता देश में आर्थिक गतिविधियों के बड़े केन्द्र हैं। आज लोकार्पित नयी टेस्टिंग सुविधाओं से इन स्थानों में 10 हजार टेस्टिंग क्षमता की वृद्धि हो रही है। नयी टेस्टिंग सुविधाओं से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र तथा पश्चिम बंगाल को कोविड-19 के विरुद्ध संघर्ष में उपयोगी व मददगार साबित होंगी। इन हाईटेक प्रयोगशालाओं में कोविड-19 के अलावा भविष्य में हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, एच0आई0वी0, डेंगू सहित अन्य बीमारियों की जांच सुविधा उपलब्ध होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व के अन्य देशों के मुकाबले कोविड-19 के संक्रमण से भारत में मृत्यु कम है तथा रिकवरी रेट काफी अधिक है। इसमें दिन प्रति दिन सुधार हो रहा है। वर्तमान में देश में कोविड-19 के संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 10 लाख पहुंचने वाली है। कोविड-19 के विरुद्ध संघर्ष में प्रारम्भ से ही यह प्रयास किया गया कि कोरोना स्पेसिफिक हेल्थ सिस्टम का निर्माण हो। इसके लिए शुरू में ही 15 हजार करोड़ रुपए आइसोलेशन सेण्टर, कोविड अस्पताल, टेस्टिंग, टैªकिंग आदि सुविधाओं के लिए दिए गए।प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान में देश में 11 हजार से अधिक कोविड फैसिलिटी सेण्टर तथा 11 लाख से अधिक आइसोलेशन सेण्टर उपलब्ध हैं। मार्च, 2020 में जहां एक टेस्टिंग लैब थी, वहीं आज 1300 से अधिक प्रयोगशालाएं क्रियाशील हैं। वर्तमान में प्रतिदिन 05 लाख से अधिक टेस्ट हो रहे हैं। इन्हें बढ़ाकर 10 लाख करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम प्रत्येक भारतीय को बचाने के संकल्प के साथ काम कर रहे हैं। वर्तमान में पी0पी0ई0 किट, मास्क आदि की उपलब्धता, भारत की सफलता की कहानी है। एक समय देश में एक भी पी0पी0ई0 किट का निर्माण नहीं होता था। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पी0पी0ई0 किट निर्माता है। देश में 1200 से ज्यादा निर्माता प्रतिदिन 05 लाख से अधिक पी0पी0ई0 किट बना रहे हैं।एक समय एन-95 मास्क आयात करना पड़ता था। आज देश में प्रतिदिन 03 लाख से अधिक एन-95 मास्क बनाए जाते हैं। वर्तमान में भारत प्रतिवर्ष 03 लाख वेण्टीलेटर बनाने में सक्षम है। इसके साथ ही, मेडिकल आॅक्सीजन सेण्टर की संख्या में भी वृद्धि हुई है। इससे देशवासियों का जीवन बच रहा है। जिन वस्तुओं का कभी आयात करना पड़ता था, आज उनका निर्यात सम्भव हो पा रहा है। इतने कम समय में इतना बड़ा फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना एक बड़ी उपलब्धि है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के विरुद्ध संघर्ष के लिए मानव संसाधन तैयार करना एक बड़ी चुनौती थी। जितने कम समय में पैरामेडिकल स्टाफ, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों आदि को प्रशिक्षण देकर कोरोना के विरुद्ध संघर्ष के लिए तैयार किया गया है, वह अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रति आज हर व्यक्ति जागरूक है। कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में जिला, ब्लाॅक व गांव स्तर पर चिकित्सा व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं के सक्षम होने से कोरोना के विरुद्ध संघर्ष कमजोर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्तियों को परेशानी से बचाने के लिए प्रत्येक ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ दिलाया जाए।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल को उच्च क्षमता की टेस्टिंग सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन सुविधाओं से बड़ी संख्या में कोविड-19 की जांच की जा सकेगी। इससे जांच के समय में भी कमी आएगी तथा टेक्नीशियन में संक्रमण की आशंका भी कम होगी। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग क्षमता बढ़ने से संक्रमण को रोकने में भी मदद मिलेगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश कोविड-19 के संक्रमण से मजबूती से लड़ रहा है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश में टेस्टिंग क्षमता तेजी से बढ़ी है। 23 मार्च, 2020 को राज्य में 72 टेस्ट हुए थे। कल, 26 जुलाई, 2020 को 01 लाख 06 हजार से अधिक टेस्ट किए गए हैं। राज्य में आर0टी0पी0सी0आर0, टूªनेट मशीन तथा रैपिड एन्टीजन किट के माध्यम से टेस्ट किए जा रहे हैं। आर0टी0पी0सी0आर0 के माध्यम से राज्य में प्रतिदिन 40 हजार से अधिक टेस्ट हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों के जिला चिकित्सालयों तथा सभी राजकीय मेडिकल काॅलेजों में टूªनेट मशीनों के माध्यम से टेस्ट किए जा रहे हैं। वर्तमान में रैपिड एन्टीजन किट के माध्यम से प्रतिदिन 56 हजार टेस्ट हो रहे हैं। इन्हें बढ़ाकर प्रतिदिन 01 लाख किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री जी के नेतृत्व में कोविड-19 के नियंत्रण के लिए लागू की गई प्रणाली की सफलता के दृष्टिगत इसे उत्तर प्रदेश में भी लागू किया गया है। राज्य में प्रति 10 लाख टेस्ट की संख्या बढ़ाने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जा रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए सरकारी कार्यालयों, औद्योगिक संस्थाओं आदि में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करायी गयी है। प्रदेश की 59 हजार ग्राम पंचायतों और 12 हजार नगरीय निकाय के वाॅर्डों में पल्स आॅक्सीमीटर, इन्फ्ररेड थर्मामीटर, ग्लव्स, मास्क, सैनिटाइजर से युक्त टीमें डोर-टू-डोर सर्वे के लिए लगायी गयी हैं। इन टीमों द्वारा कोरोना संक्रमण के संदिग्ध व्यक्तियों का रैपिड एन्टीजन टेस्ट किया जा रहा है। इससे संक्रमण रोकने में मदद मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल, 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिदिन लगभग 06 हजार टेस्ट किए जा रहे थे। इसमें प्रदेश का योगदान 06 प्रतिशत था। जुलाई, 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिदिन सम्पन्न होने वाली कोविड-19 की जांचों में राज्य का योगदान बढ़कर 15 प्रतिशत हो गया है। इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आई0सी0एम0आर0 व के0जी0एम0यू0 मिलकर टेस्टिंग की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए टेक्नीशियन्स की टेªनिंग तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं।मुख्यमंत्री ने आई0सी0एम0आर0 द्वारा एम0एल0एन0 मेडिकल काॅलेज, प्रयागराज में अत्याधुनिक कोबास मशीन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोविड केयर फण्ड की स्थापना की गयी थी। इसके माध्यम से राज्य के प्रत्येक मेडिकल काॅलेज तथा मण्डलीय मुख्यालय में आर0टी0पी0सी0आर0 लैब स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोविड केयर फण्ड के माध्यम से के0जी0एम0यू0 लखनऊ, एस0जी0पी0जी0आई0 लखनऊ तथा बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर के लिए तीन अन्य कोबास मशीन का क्रय किया जा रहा है। इससे टेस्टिंग क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी।
कार्यक्रम में अपने स्वागत सम्बोधन में कोविड-19 की जांच हेतु उच्च क्षमता की तीन अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं के लोकार्पण को ऐतिहासिक बताते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ0 हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में प्रोएक्टिवली कार्य हुआ है। देश में बड़े पैमाने पर टेस्टिंग सुविधाएं स्थापित की गयी हैं। लक्षद्वीप, सिक्किम सहित दूर-दराज के क्षेत्रों में भी जांच सुविधाएं स्थापित की गयी हैं। अधिकतर मेडिकल काॅलेजों में लैबोरेटरी स्थापित की गयी हैं। सभी जनपदों में लैबोरेटरी की स्थापना के लिए कार्य किया जा रहा है। बड़ी संख्या में टेस्टिंग सुविधाओं की उपलब्धता से कोविड-19 के नियंत्रण में सहायता मिलेगी।