- अत्याधुनिक उपकरणों से हो रही ‘संगम’ की सुरक्षा और निगरानी। महाकुम्भ के लिए तैयार जल पुलिस योजना-योगी
- महाकुम्भ 2025 के लिए योगी सरकार ने तैयार की जल पुलिस योजना।
- गंगा और यमुना की सुरक्षा और निगरानी के लिए करीब 4 हजार जल पुलिस के जवानों को किया गया तैनात।
- जल पुलिस के जवानों को अंडर वाटर ड्रोन और सोनार सिस्टम जैसे इक्विपमेंट्स से किया गया है लैस।
- लाइफबॉय और एफआरपी स्पीड मोटर बोट जैसे इक्विपमेंट्स आपातकालीन परिस्थितियों में बनेंगे सहायक।
- किसी भी तरह की आपात परिस्थिति से निपटने के लिए वेल ट्रेन्ड जल पुलिस के जवान भी तैनात।
महाकुम्भ में आस्था की डुबकी लगाने आ रहे करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा योगी सरकार की प्राथमिकता में है। इसी क्रम में गंगा और यमुना नदियों की सुरक्षा और निगरानी के लिए बड़ी संख्या में जल पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। इन जवानों को अत्याधुनिक उपकरणों से भी लैस किया गया है। अंडर वाटर ड्रोन और सोनार सिस्टम जैसे इक्विपमेंट्स के माध्यम से जल पुलिस संगम के चप्पे चप्पे पर निगरानी कर रही है। लाइफबॉय और एफआरपी स्पीड मोटर बोट जैसे इक्विपमेंट्स आपातकालीन परिस्थितियों में सहायक होंगे। किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए वेल ट्रेन्ड जल पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं।
पर्याप्त मात्रा में जल पुलिस के जवान तैनात
जल पुलिस योजना के तहत अब तक करीब 2500 जवान तटों की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिए गए हैं। तीन जल पुलिस स्टेशन बनाए गए हैं जो श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 24 घंटे तत्परता से कार्यरत हैं। तटों पर सुरक्षा की मॉनीटरिंग जल पुलिस के कंट्रोल रूम से की जा रही है, जबकि पूरे मेला क्षेत्र में 17 जल पुलिस सब कंट्रोल रूम भी स्थापित किए गए हैं। इस मैनपावर में मेले की शुरुआत से पहले और इजाफा किया जाएगा और इसमें करीब 1300 जल पुलिस के जवान और जुड़ जाएंगे। इस तरह मेले के दौरान कुल मिलाकर 3800 जल पुलिस के जवान तटों की सुरक्षा में मुस्तैद रहेंगे।
अत्याधुनिक उपकरणों से किया गया लैस
तटों की सुरक्षा के लिए योगी सरकार ने जल पुलिस के जवानों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया है। 8 किमी. क्षेत्र में डीप वॉटर बैरीकेडिंग की गई है। 2 फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन बनाए गए हैं, जहां किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के लिए जवानों की तैनाती की गई है। इसके अलावा संगम क्षेत्र की सुरक्षा के लिए 11 एफआरपी स्पीड मोटर बोट तैनात की गई हैं। 6 सीटर इस बोट में जवान हर समय संगम क्षेत्र की निगरानी करते नजर आ रहे हैं। आपातकालीन परिस्थितियों के लिए 4 वाटर एंबुलेंस भी तैनात कर दी गई हैं, जो तत्काल राहत पहुंचाने में समक्षम हैं। इसके अतिरिक्त 25 रिजार्जेबल मोबाइल रिमोट एरिया लाइटनिंग सिस्टम को भी तैनात किया गया है तो चेंजिंग रूम के साथ 4 अनाकोंडा मोटर बोट भी तैनात की जा रही है।
इमरजेंसी प्लान भी तैयार
जल पुलिस के जवान 2 किमी. लंबी रिवर लाइन से भी लैस हैं, जो यमुना में ट्रैफिक कंट्रोल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसके अलावा उन्हें 100 डाइविंग किट, 440 लाइफबॉय, 3 हजार से ज्यादा लाइफ जैकेट, 415 रेस्क्यू ट्यूब, 200 थ्रो बैग विद रोप, 29 टॉवर लाइट सिस्टम, एक अंडर वाटर ड्रोन और एक सोनाल सिस्टम से लैस किया गया है। ये सभी अत्याधुनिक उपकरण जल पुलिस के जवानों को तटों की सुरक्षा के साथ-साथ जल में होने वाली हर तरह की गतिविधि की निगरानी और सुरक्षा में सक्षम बनाता है।
वर्जन:- महाकुम्भ उत्तर प्रदेश जल पुलिस, पीएसी एवं एसडीआरएफ के लिए बहुत बड़ा अवसर है। इस दौरान संगम व अन्य क्षेत्रों की सुरक्षा और निगरानी हम सबकी जिम्मेदारी है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने जल पुलिस व पीएसी को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया है। पर्याप्त संख्या में जनशक्ति भी उपलब्ध करायी गयी है। हमारा प्रयास महाकुम्भ को शत प्रतिशत ‘इंसिडेंट फ्री’ बनाना है। -डॉ. राजीव नारायण मिश्र, प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक, पीएसी पूर्वी जोन, प्रयागराज। महाकुम्भ के लिए तैयार जल पुलिस योजना-योगी