जानें क्या है योगी का… दावा..?
क्या योगी आदित्यनाथ का ये दावा सही है…? क्या घरेलू पर्यटन में यूपी नंबर एक पर है….? क्या 2017 में यूपी तीसरे स्थान पर था….? कुल मिलाकर यूपी के घरेलू पर्यटन की स्थिति क्या है….?
राज कुमार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 जनवरी 2023 को लखनऊ में आयोजित उत्तर प्रदेश भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को संबोधित किया। इस संबोधन को विभिन्न सोशल मीडिया के जरिये लाइव ब्रॉडकास्ट भी किया गया। अपने संबोधन के दौरान योगी आदित्यनाथ ने पर्यटन के संदर्भ में कई दावे किए। उन्होंने कहा कि “2017 में घरेलू पर्यटन में उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर था। आज उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है और नंबर एक और नंबर दो में बड़ा गैप आ चुका है।”
क्या यूपी घरेलू पर्यटन में नंबर एक पर है?
पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की वर्ष 2022 की रिपोर्ट प्रकाशित हो चुकी है और मंत्रालय की वेबसाइट पर देखी जा सकती है। जिसमें देश और राज्यों के पर्यटन से संबंधित आंकड़े विस्तार से दिए गये हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन में नंबर एक पर नहीं बल्कि नंबर दो पर है और विदेशी पर्यटन के मामले में देश में सातवें नंबर पर है। दोनों में से किसी भी मामले में यूपी नंबर एक पर नहीं है। हालांकि दूसरे नंबर पर होना भी अहम बात है। वो ये कह सकते थे कि यूपी दूसरे नंबर पर है, तो फिर योगी जी ने झूठ क्यों बोला और नंबर एक पर होने की बात क्यों कही? शायद नंबर वन बोलने में जो ठसक है वो नंबर दो बोलने में नहीं।
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उन्होंने दूसरा दावा किया कि वर्ष 2017 में यूपी घरेलू पर्यटन में तीसरे स्थान पर था। जबकि पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 में भी उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर ही था तीसरे पर नहीं। यानी वर्ष 2017 और 2022 में घरेलू पर्यटन में यूपी की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं आया है। लेकिन पर्यटन के क्षेत्र में योगी ने अपनी सरकार की उपलब्धता को दिखाने के लिए वर्ष 2017 में रैंकिंग को घटा दिया और वर्ष 2022 की रैंकिग को बढ़ाकर यूपी को नंबर एक बता डाला। जो की सही नहीं है। योगी आदित्यनाथ का दावा ग़लत है।
पर्यटन और विरासत के प्रति योगी का भेदभावपूर्ण रवैया
मुख्यमंत्री योगी अपने वक्तव्य में बार-बार विरासत की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि विरासत से ही समृद्धि आती है। राम मंदिर और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का जिक्र किया। पर्यटन के संदर्भ में विरासत का जिक्र करते हुए बताया कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आए, मौनी अमावस्या पर हज़ारों की भीड़ उमड़ पड़ी। यूपी को नंबर एक पर बताने के लिए आतुर रहने वाले योगी आदित्यनाथ विरासत और पर्यटन के मामले में उस विरासत को भूल गए जिसमें सचमुच यूपी देश में नंबर एक पर है।
वर्ष 2021-22 में देश में सबसे ज्यादा पर्यटक जिस स्मारक पर गये हैं वो उत्तर प्रदेश में है। उस स्मारक का नाम है ताजमहल। पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार ताजमहल को देखने 32 लाख 90 हज़ार गये हैं। देश में दूसरे नंबर पर लाल क़िला है जहां 1 लाख 32 हज़ार पर्यटक गये और 1 लाख 15 हज़ार पर्यटकों के साथ क़ुतुब मिनार तीसरे स्थान पर है। लेकिन योगी राम मंदिर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और मौनी अमावस्या का जिक्र तो करते हैं लेकिन ताजमहल को छोड़ देते हैं।
यूपी का वर्ष 2017 से अब तक का पर्यटन का लेखा-जोखा
योगी आदित्यनाथ अपने झूठे दावे के जरिये बताना चाहते हैं कि वर्ष 2017 में और अब में काफी बदलाव आया है। इसीलिये वो वर्ष 2017 का आंकड़ा देकर उससे तुलना कर रहे हैं। तो आइये देखते हैं कि क्या सचमुच कोई बदलाव आया है? हम साल दर साल घरेलू पर्यटकों और विदेशी पर्टयकों की संख्या का आंकड़ा देखते हैं और देखते हैं कि साल दर साल यूपी की रैंकिग क्या रही है।
वर्ष 2017 में यूपी घरेलू पर्यटकों की रैंकिग में दूसरे स्थान पर था और यूपी में 23,39,77,619 घरेलू पर्यटक आए थे। विदेशी पर्यटकों के मामले में यूपी 2017 में तीसरे नंबर पर था। यूपी में 35,56,204 विदेशी पर्यटक घूमने आए थे। अगर विदेशी पर्यटन के संदर्भ में देखें तो यूपी वर्ष 2017 की अपेक्षा चार पायदान नीचे गया है। वर्ष 2018 में भी उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटकों के 28,50,79,848 आंकड़े के साथ दूसरे पायदान पर था और 3,18,154 विदेशी पर्यटकों की संख्या के साथ तीसरे पायदान पर था। वर्ष 2019 में यूपी 53,58,55,162 घरेलू पर्यटकों के आंकड़े के साथ पहले पायदान पर था और 47,45,181 विदेशी पर्यटकों के साथ तीसरे पायदान पर था।
वर्ष 2020 में 8,61,22,293 घरेलू पर्यटकों के आंकड़े के साथ यूपी देश में दूसरे पायदान पर था और 8,90,932 विदेशी पर्यटकों के साथ तीसरे पायदान पर था। वर्ष 2021 में 10,97,08,435 घरेलू पर्यटकों के आंकड़े के साथ यूपी देश में दूसरे पायदान पर है और 44,737 विदेशी पर्यटकों के साथ देश में सातवें पायदान पर है।इस प्रकार आप देखेंगे कि घरेलू पर्यटन के संदर्भ में उत्तर प्रदेश आमतौर पर दूसरे पायदान पर रहा है। आंकड़ों के रूझान बता रहे हैं कि वर्ष 2017 से लेकर अब तक यूपी में घरेलू पर्यटन के संदर्भ में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि विदेशी पर्यटकों के संदर्भ में घटता आंकड़ा और घटती रैंकिंग चिंता का सबब है।
जानें क्या है योगी का… दावा..?
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं।)