मुख्यमंत्री से भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने भेंट कीइन अधिकारियों को अपने प्रयासों और उत्कृष्ट कार्याें से पुलिस की छवि को और बेहतर बनाना होगा।पुलिस अधिकारियों को जनता से सदैव संवाद बनाये रखना चाहिए, क्षेत्र से मिलने वाली सूचना सटीक होती है।पुलिस द्वारा जनता से फीडबैक लेने पर ही पब्लिक पर्सेप्शन की सही जानकारी मिलती है, इसके लिए जनता से संवाद आवश्यक है।भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों का जनता के प्रति व्यवहार अच्छा होना चाहिए, जिससे उनके प्रति जनता का विश्वास बढ़े।
लखनऊ,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से आज उनके सरकारी आवास पर भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने इन अधिकारियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे देश की सम्मानित पुलिस सेवा के अधिकारी नियुक्त हुए हैं। अब उन्हें अपने प्रयासों और उत्कृष्ट कार्याें से पुलिस की छवि को और बेहतर बनाना होगा। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाये रखने के लिए आधुनिक तक्नोलाॅजी का बेहतर इस्तेमाल वरदान साबित होता है। अतः कानून-व्यवस्था की बेहतरी के लिए वे इसका भरपूर इस्तेमाल करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को जनता से सदैव संवाद बनाये रखना चाहिए। क्षेत्र से मिलने वाली सूचना सटीक होती है। पुलिस द्वारा जनता से फीडबैक लेने पर ही पब्लिक पर्सेप्शन की सही जानकारी मिलती है। इसके लिए जनता से संवाद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पीड़ित व्यक्ति झूठ नहीं बोल सकता है। अधिकारियों द्वारा आम आदमी की बात ठीक से सुनने पर उसकी आधी पीड़ा/समस्या का समाधान हो जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उन्हें अपने कार्याें से अपनी पारी को हर-हाल में यादगार बनाना चाहिए। राज्य सरकार अपने अधिकारियों को एक तैनाती पर बड़ा कार्यकाल दे रही है, ताकि वे परफाॅर्म कर अच्छे परिणाम दे सकें। उन्होंने कहा कि भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों का जनता के प्रति व्यवहार अच्छा होना चाहिए, जिससे उनके प्रति जनता का विश्वास बढ़े। जनप्रतिनिधियों के साथ भी उनका व्यवहार सम्मानजनक होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी से जिन 14 प्रशिक्षु आई0पी0एस0 अधिकारियों ने भेंट की उनमें, अभिषेक भारती, अभिजीत आर शंकर, कृष्ण कुमार, मनीष कुमार शांडिल्य, अनिरुद्ध कुमार, मृगांक शेखर पाठक, अजय जैन, श्री सागर जैन, आकाश पटेल, सत्य नारायण प्रजापत, श्री विवेक चन्द्र यादव, सुश्री प्रीती यादव, सरवणन टी तथा शशांक सिंह शामिल थे।