युवाओं के साथ योगी का सबसे भद्दा मजाक-विकास श्रीवास्तव

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 लखनऊ। कोरोना की महामारी में विकसित और ताकतवर भारत देश की ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था को असहाय करने वाली मोदी और प्रदेश की योगी सरकार अब अपने प्रस्थान के आखिरी क्षणों में युवाओं को स्मार्टफोन और टेबलेट देकर वोट बटोरने का दिवास्वप्न देख रही है। प्रदेश की योगी सरकार ने अपने घोषणा पत्र में फ्री इंटरनेट डाटा और स्मार्टफोन देने का जो वायदा किया था वह साढ़े 4 वर्ष तक केवल जुमला ही साबित हुआ।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने कहा 69000 शिक्षक भर्ती घोटाले  में दलितों और पिछड़ों के संवैधानिक अधिकारों को छीनने के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने आखिरी वक्त पर विदेशी व चायनीज स्मार्टफोन और टेबलेट से युवाओं का वोट हासिल करने की जुगत लगा रहे। भारत चीन बार्डर पर भारतीय सैन्य शक्ति को अपमानित करने वाले चाइना के साथ लगातार औद्योगिक संधि बढ़ाने वाली मोदी सरकार आज तक सीमा विवाद और मसलों को हल करने में पूरी तरह फेल साबित हुई है। देशवासियों को गुमराह करने के लिए चाइनीज ऐप्स और मोबाइल गेम, प्रोडक्ट पर रोक लगाने और स्वादेशी उत्पादो के बढ़ावे का लगातार नाटक करने वाली बीजेपी अब प्रदेश के युवाओं को विदेशी चाइनीज स्मार्टफोन टेबलेट से ही लुभाने का षड्यंत्र कर रही है। मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इण्डिया का नारा झूठा साबित हुआ। विकास और रोजगार के अवसरों को लेकर मोदी और योगी सरकार ने युवाओं से केवल झूठे सपने दिखा रहें हैं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी के जन्मदिन पर मुख्यमंत्री योगी युवाओं को बता रहे थे कि अटल जी कहते थे कि‘‘ सिद्धांत विहीन राजनीति मौत का फंदा होती हैं’’ जबकि स्वयं उनके बताए हुए सिद्धांत से मुख्यमंत्री पूरी तरह विमुख है। मुख्यमंत्री 70 लाख युवाओं को नौकरी देने का वायदा करके सत्ता में आए थे। फ्री डाटा देने की बात उन्होंने अपने घोषणापत्र में कहीं, जो बीते साढ़े 4 साल में प्रदेश भर में किसी भी युवा को आज तक नहीं मिल सका है ।

मुख्यमंत्री भाषण में स्वामी विवेकानंद जी सुभाष चंद्र बोस की याद युवाओं तो दिला रहे लेकिन खुद युवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भूल गए कि करोना कॉल में उनकी अकर्मण्यता और लापरवाही की वजह से उनके द्वारा प्रदेश में किया हुआ विकास, गंगा में बहती हुई हजारों लाशों के रूप में देखा गया है। आप के शासनकाल में उत्तर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के साथ सबसे भद्दा मजाक, प्रतियोगी परीक्षाओं का 16 बार पेपर लीक होना है। घोषणा पत्र में फ्री डाटा देने का वादा करने वाली योगी सरकार ने कोरोना की दोनों लहरों के दौरान ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त करने की प्रमुख भूमिका निभाई। पहली लहर से भी कोई सबक न लेते हुए दूसरी लहर के दौरान भी बच्चों को सुचारपूर्वक शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु योगी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही योगी सरकार अब चुनाव जीतने के लिए स्मार्टफोन और टेबलेट का हथकंडा अपना रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि आत्ममुग्ध मुख्यमंत्री योगी जब इकाना स्टेडियम में स्मार्टफोन व टैबलेट वितरण कार्यक्रम में बांट रहे थे, तब भी  69 हजार शिक्षक भर्ती के पीड़ितों पर स्टेडियम के बाहर योगी पुलिस अपनी बर्बरता दिखा रही थी। मुख्यमंत्री जी यदि आप में थोड़ी सी भी संवेदनशीलता बचीं हो तो प्रदेश में 1.37 लाख सभी रिक्त पड़े पदों  को तत्काल भर के युवाओं को अपने इस रामराज्य में न्याय दो।