प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप अब हमें केवल स्मार्ट सिटी ही नहीं, स्मार्ट विलेज की तरफ भी जाना है।राज्य सरकार गांवों के विकास में पैसे की कमी को आड़े नहीं आने देगी।अगर गांव, राज्य और केन्द्र की सरकारें एक साथ मिलकर कार्य करेंगी तो लोगों को विकास का तिहरा लाभ मिलेगा, तब ट्रिपल इंजन की सरकारें विकास को गति देंगी, ये ट्रिपल इंजन की सरकारें एक साथ मिलकर उत्तर प्रदेश को देश की नम्बर एक इकोनॉमी बना देंगी।प्रधानमंत्री जी का मानना है कि ग्राम पंचायतोंको ग्राम विकास की धुरी बनना चाहिए।
विकास की धुरी का आधार ग्राम पंचायतेंही हैं, इसमें ग्राम प्रधानों की महत्वपूर्ण भूमिका।मुख्यमंत्री ने ग्राम प्रधानों का मानदेय 3500 रु0 से बढ़ाकर 5000 रु0 प्रतिमाह, प्रमुख क्षेत्र पंचायत का मानदेय 9800 रु0 से बढ़ाकर 11300 रु0 प्रतिमाह तथा अध्यक्ष जिला पंचायत का मानदेय 14000 से बढ़ाकर 15500 रु0 प्रतिमाह करने की घोषणा की।ग्राम पंचायत कोष के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों के पद पर रहने के दौरान मृत्यु की दशा में ग्राम प्रधान, प्रमुख क्षेत्र पंचायत एवं अध्यक्ष जिला पंचायत के मृतक आश्रितों को 10 लाख रु0, सदस्य जिला पंचायत को 05 लाख रु0, सदस्य क्षेत्र पंचायत को 03 लाख रु0 एवं सदस्य ग्राम पंचायत को 02लाख रु0 की राशि उपलब्ध करायी जाएगी। जिला योजना समिति में 02-02 ग्राम प्रधान चक्रानुक्रममें 01 वर्ष के लिए जिलाधिकारी द्वारा नामित किए जाएंगे। उ0प्र0 ग्राम उत्कर्ष समारोह में 346 ग्राम पंचायतें सम्मानित।42,478 ग्राम सचिवालयों का लोकार्पण।ग्राम सचिवालयों के सक्रिय होने से गांवों के विकास में तेजी आएगी।गांवों के विकास कार्य के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा खड़ी होनी चाहिए। जून, 2020 से अब तक ग्राम पंचायतों के विभिन्न कार्यों पर 5200 करोड़ रु0 खर्च हुए।प्रदेश के 75 जनपदों में कम से कम 75 ग्राम पंचायतें उत्कृष्ट कार्य कर गांवों को विकसित, सुविधा सम्पन्न एवं स्मार्ट बनाने की दिशा में कार्य करें, ताकि ग्रामवासियों को सभी सुविधाएं गांव के स्तर पर उपलब्ध हो सकें और उनके जीवन में परिवर्तन आ सके।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश ग्राम उत्कर्ष समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का मानना है कि ग्राम पंचायतों को ग्राम विकास की धुरी बनना चाहिए। सही मायने में सरकार ग्राम पंचायत क्षेत्र में ही कार्य करती है। विकास की धुरी का आधार ग्राम पंचायतें ही हैं। इसमें ग्राम प्रधानों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि आज का यह समारोह ग्राम प्रधानों से विकास के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आहूत किया गया है।ग्राम प्रधानों का मानदेय 3500 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रतिमाह करने, प्रमुख क्षेत्र पंचायत का मानदेय 9800 से बढ़ाकर 11300 रुपये प्रतिमाह करने तथा अध्यक्ष जिला पंचायत का मानदेय 14000 से बढ़ाकर 15500 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की। उन्होंने जिला पंचायत सदस्य का मानदेय 1000 रुपये प्रति बैठक से 1500 रुपये प्रति बैठक अधिकतम 06 बैठक वार्षिक करने की घोषणा की। उन्होंने क्षेत्र पंचायत सदस्य का मानदेय 500 रुपये प्रति बैठक से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति बैठक अधिकतम 06 बैठक वार्षिक करने की घोषणा की। उन्होंने सदस्य ग्राम पंचायत, जिन्हें पूर्व में कोई मानदेय नहीं मिलता था, के लिए 100 रुपये प्रति बैठक अधिकतम 12 बैठक वार्षिक करने की भी घोषणा की।
ग्राम पंचायत कोष के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों के पद पर रहने के दौरान मृत्यु की दशा में ग्राम प्रधान, प्रमुख क्षेत्र पंचायत एवं अध्यक्ष जिला पंचायत के मृतक आश्रितों को 10 लाख रुपये, सदस्य जिला पंचायत को 05 लाख रुपये, सदस्य क्षेत्र पंचायत को 03 लाख रुपये एवं सदस्य ग्राम पंचायत को 02 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि अगले तीन माह के अंदर मनरेगा योजना में मजदूरी व मैटेरियल के भुगतान, ग्राम प्रधान के डिजिटल सिग्नेचर से सम्पादित करने की व्यवस्था (अभी यह कार्य ब्लॉक स्तर से किया जाता है) प्रदेश के 02 विकास खण्डों (मोहनलालगंज, लखनऊ एवं अहिरोरी, हरदोई) में इनका पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला योजना समिति में 02-02 ग्राम प्रधान चक्रानुक्रम में 01 वर्ष के लिए जिलाधिकारी द्वारा नामित किए जाएंगे। इसके अलावा, प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रत्येक तीन माह में एक बार ग्राम प्रधान/पंचायत प्रतिनिधि के साथ बैठकर इनके सुझाव लेते हुए समस्याओं का निराकरण करेंगे। उन्होंने कहा कि भौगोलिक रूप से समीपवर्ती एवं सटी हुई ग्राम पंचायतों में सचिवों की तैनाती की जाएगी। इसके लिए पूरे प्रदेश में 15000 क्लस्टर बनाए गए हैं।राज्य सरकार ने वर्ष 2018 से अच्छा कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को सम्मानित करना शुरू किया। आज इस कार्यक्रम के दौरान यहां 346 ग्राम पंचायतें सम्मानित हुई हैं। इनमें से 05 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज यहां 42,478 ग्राम सचिवालयों का लोकार्पण समारोह भी सम्पन्न हो रहा है। इसके लिए सभी ग्राम प्रधान बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों के विकास को दिशा देने के उद्देश्य से प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों के निर्माण का कार्य प्रारम्भ होगा। इन ग्राम सचिवालयों के सक्रिय होने से गांवों के विकास में तेजी आएगी। कार्यों को तेजी से सम्पन्न करने के उद्देश्य से हर ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत सहायक की तैनाती की गयी है। अब विकास की धुरी ग्राम सचिवालय होगा। इन ग्राम सचिवालय में ग्राम प्रधान के नेतृत्व में पंचायत प्रतिनिधिगण तो बैठेंगे ही, उनकी सहायता के लिए ग्राम सहायक भी उपलब्ध रहेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्राम पंचायत में बी0सी0 सखी गांव के लोगों को उनके द्वार पर ही बैंकिग सेवा उपलब्ध करायेंगी। अब लोगों को जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र के लिए ब्लॉक, तहसील और जिले का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अब इन्हें कॉमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से हर ग्राम पंचायत में ऑनलाइन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है।अभी तक गांव के विकास की कार्ययोजना, विकासखण्ड की कार्ययोजना नहीं बन पाती थी। अब ग्राम प्रधान किसी भी इम्पैनल्ड इंजीनियर की सहायता से अपनी कार्ययोजना को आगे बढ़ा सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गांवों के विकास में पैसे की कमी को आड़े नहीं आने देगी। विकास कार्य के लिए पर्याप्त मात्रा में पैसा दिया जाएग। ग्राम प्रधान, पंचायत प्रतिनिधि, क्षेत्र पंचायत के प्रमुख, जिला पंचायत के अध्यक्ष/सदस्य इन सभी को गांवों के विकास के लिए सम्मिलित प्रयास करने होंगे। गांवों के विकास कार्य के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा खड़ी होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप अब हमें केवल स्मार्ट सिटी ही नहीं, स्मार्ट विलेज की तरफ भी जाना है। उन्होंने गांवों को स्मार्ट गांव बनाने के लिए सबका आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर प्रधानमंत्री जी की स्मार्ट गांव की परिकल्पना को साकार करना होगा। अच्छा कार्य करने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के गांवों का यदि विकास हो गया तो उत्तर प्रदेश देश के अंदर नम्बर एक राज्य होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गांवों के विकास के लिए सांसदों, विधायकों तथा भारत सरकार के साथ मिलकर सभी प्रयास किए हैं। निवेशक पहले उत्तर प्रदेश में निवेश करने में संकोच करते थे, परन्तु आज अनुकूल वातावरण में बड़े पैमाने पर राज्य में निवेश हो रहा है। विकास के बड़े-बड़े कार्य हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में नौजवानों को रोजगार और नौकरियां मिल रही हैं। 02 दिन पहले ही प्रधानमंत्री जी ने काशी में श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया है। उससे पहले प्रधानमंत्री जी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को देश को समर्पित किया था। आगामी 18 दिसम्बर, 2021 को वे मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करने जा रहे हैं। यह एक्सप्रेस-वे 12 जनपदों से होकर गुजरेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं और सड़कों का तेजी से विकास किया जा रहा है। यह विकास रुकेगा नहीं, तीव्रता के साथ आगे बढ़ेगा।
यह विकास ही न केवल हम सबके जीवन में, बल्कि हमारी आगे आने वाली पीढ़ी के जीवन में भी व्यापक परिवर्तन का कारण बनेगा। इस विकास में हम सबको सहभागी बनना है। मिलकर सहयोग करना है। तकनीक को अधिक से अधिक अपनाना है। पूरी तीव्रता के साथ गांवों, ग्राम पंचायतों को स्मार्ट गांव/पंचायत बनाने की परिकल्पना को साकार करना है। इससे भारत को दुनिया की नम्बर एक ताकत बनने में और उत्तर प्रदेश को देश की नम्बर एक की ताकत बनने में कोई देर नहीं लगेगी। इसके लिए आप सबको प्रयास करना होगा, सबको मिलकर चलना होगा। गांवों में अच्छी सड़कें और जल निकासी की सुचारु व्यवस्था आवश्यक है। जल जीवन मिशन के तहत हम हर घर नल योजना लागू करने के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीमारियां गंदगी और जल प्रदूषण के कारण फैलती हैं। राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गांवों को शौच मुक्त बनाने की दिशा में कार्य किया और वर्ष 2018 में ही इस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया। अभी भी गांवों के सॉलिड वेस्ट की प्रभावी व्यवस्था आवश्यक है। इस दिशा में हमें ठोस प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव की जल निकासी की प्रभावी व्यवस्था करनी होगी। गांवों में स्ट्रीट लाइट की भी व्यवस्था करनी होगी। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यह लाइटें रात में जलें, लेकिन दिन में बंद रहें। पब्लिक एडेªस सिस्टम की भी व्यवस्था करनी होगी। गांव के लोगों को आवश्यक सूचनाएं ग्राम सचिवालय के माध्यम से दिए जाने की भी व्यवस्था पब्लिक एडेªस सिस्टम के माध्यम से की जानी चाहिए।कई पढ़े-लिखे ग्राम प्रधानों ने मल्टीनेशनल कम्पनियों की नौकरियां छोड़कर ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। विजयी होने के बाद यह लोग आज गांवों का विकास कर रहे हैं। अगर गांव, राज्य और केन्द्र की सरकारें एक साथ मिलकर कार्य करेंगी तो लोगों को विकास का तिहरा लाभ मिलेगा, क्योंकि तब ट्रिपल इंजन की सरकारें विकास को गति देंगी। ये ट्रिपल इंजन की सरकारें एक साथ मिलकर उत्तर प्रदेश को देश की नम्बर एक इकोनॉमी बना देंगी। गांवों और प्रदेश के विकास में ग्राम प्रधान तथा अन्य जनप्रतिनिधि बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों, जिनका अभी शपथ ग्रहण भी नहीं हुआ था, ने पूरी जिम्मेदारी से अपने दायित्वों का निर्वाह किया। उन्होंने कहा कि हमारी शक्ति और कार्यकुशलता हमारे कार्यों में प्रतिबिम्बित होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में आज प्रदेश तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि गांवों के विकास के प्रति सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसी प्रतिबद्धता के चलते राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पंचायत चुनाव करवाए गए। उन्होंने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधि के नेतृत्व में ही गांवों का चतुर्दिक विकास सम्भव है। आज यहां पर कई प्रधानों को मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। अब तक 1025 ग्राम पंचायतों को इसका लाभ प्राप्त हुआ है। आज यहां पर 42,478 ग्राम पंचायत भवन, जिन्हें ग्राम सचिवालय में बदला जाएगा, का लोकार्पण हुआ है। सभी 58 हजार 189 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय के कार्य को आगे बढ़ाने की कार्यवाही की जा रही है। इन्हें सुचारु रूप से संचालित करने के लिए ग्राम पंचायत सहायक की नियुक्ति की गयी है, जो इनके संचालन मंें सहभागी बनेगा। यह ग्राम सचिवालय प्रारम्भ होने जा रहे हैं। जून, 2020 से अब तक ग्राम पंचायतों के विभिन्न कार्यों पर 5200 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। वर्तमान में ग्राम पंचायतें अच्छा काम कर रही हैं। मिशन शक्ति के तहत हर ग्राम पंचायत में पुलिस की बीट अधिकारी, बी0सी0 सखी एवं आंगनबाड़ी साथ मिलकर महिलाओं की समस्या का समाधान एक ही छत के नीचे कर रही हैं और विभिन्न कार्यक्रमों को भी आगे बढ़ा रही है। यह कार्यक्रम कुशलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बी0सी0 सखी और सामुदायिक शौचालय के माध्यम से भी हम अपनी ग्राम पंचायत को उत्कृष्टता की नयी श्रेणी में खड़ा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों के विकास एवं इन्हें स्मार्ट बनाने के कार्य की समीक्षा अगले सम्मेलन में की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बात का प्रयास किया जाए कि प्रदेश के 75 जनपदों में कम से कम 75 ग्राम पंचायतें उत्कृष्ट कार्य कर गांवों को विकसित, सुविधा सम्पन्न एवं स्मार्ट बनाने की दिशा में कार्य करें, ताकि ग्रामवासियों को सभी सुविधाएं गांव के स्तर पर उपलब्ध हो सकें और उनके जीवन में परिवर्तन आ सके। परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायतों के वित्तीय, प्रशासनिक एवं तकनीकी अधिकारों में वृद्धि की जा रही है। अब प्रति कार्य की वर्तमान में निर्धारित 02 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 05 लाख किया जा रहा है। इसी प्रकार जिला पंचायतों के लिए वर्तमान में निर्धारित 10 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 25 लाख किया जा रहा है। अब ग्राम पंचायतें अपनी परियोजनाओं का स्टीमेट बनाने/एम0बी0 कराने का कार्य विकास खण्ड के नामित अभियंता के अतिरिक्त जनपद में कार्यरत लोक निर्माण विभाग,आवास एवं विकास परिषद, विकास प्राधिकरण, सिंचाई विभाग, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, लघु सिंचाई विभाग, मण्डी समिति, जिला पंचायत के अवर अभियंता, जल निगम के अवर अभियंता/सहायक अभियंता से करा सकेंगी। पंचायती राज निदेशालय द्वारा जनपदों के लिए तैयार किए जाने वाले सिविल इंजीनियरिंग के डिप्लोमा, डिग्री होल्डर, रजिस्टर्ड आर्कीटेक्ट के पैनल द्वारा भी निर्धारित फीस पर स्टीमेट बनाने/एम0बी0 कराने का कार्य पंचायतें करा सकती हैं।