भारत की लता मंगेशकर पाकिस्तान की मोहताज नहीं है। आखिर जावेद अख्तर ने पाकिस्तान में अपने हिन्दुस्तान की प्रशंसा क्यों नहीं की…?
मुंबई फिल्मी कहानियों के लेखक जावेद अख्तर ने हाल ही में पाकिस्तान के लाहौर में आयोजित फेज फेस्टिवल में भाग लिया। इस फेस्टिवल में पाकिस्तानियों ने जावेद अख्तर का खूब इस्तकबाल किया। इस इस्तकबाल के मद्देनजर ही एक पाकिस्तानी ने कहा आप तो अब भारत जा कर पाकिस्तान के अच्छे आचरण की प्रशंसा करेंगे। इस बार अख्तर ने कहा कि हम तो भारत में पाकिस्तानी कलाकार नुसरत अली फतेह खान और मेहंदी हसन के कार्यक्रम करवाते हैं, लेकिन आम हमारी लता मंगेशकर के कार्यक्रम नहीं करवाते। अख्तर ने मुंबई हमले के लिए भी पाकिस्तान को उलाहना दिया।
अब अख्तर के इस वीडियो की हिन्दुस्तान के मीडिया में खूब चर्चा हो रही है। लेकिन सवाल उठता है कि जावेद अख्तर ने पाकिस्तान में अपने देश हिन्दुस्तान की प्रशंसा क्यों नहीं की? जावेद ने यह क्यों नहीं कहा कि भारत में आम मुसलमान सुकून और सम्मान के साथ रह रहा है। भारत के अच्छे माहौल के बारे में जावेद को पाकिस्तान में जानकारी देनी चाहिए। सब जानते हैं कि जावेद अख्तर भी उन कुछ कलाकारों में शामिल हैं जिन्हें भारत में असहिष्णुता नजर आती है। जावेद अख्तर अपने देश को लेकर जो बयान देते हैं, उसी का नतीजा है कि उन्हें पाकिस्तान में बहुत सम्मान मिलता है। जावेद अख्तर पाकिस्तान जाने के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं। जावेद अख्तर यदि सही में हिन्दुस्तान से प्रेम करते तो उन्हें पाकिस्तान में हिन्दुओं की दुर्दशा का मुद्दा उठाना चाहिए।
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इतनी शोहरत की बात भी जावेद को अपने देश में असहिष्णुता नजर आती है, लेकिन पाकिस्तान में बचे खुचे हिन्दुओं पर जब बर्बरता होती है तो जावेद चुप रहते हैं। जहां तक लता मंगेशकर के कार्यक्रम पाकिस्तान में नहीं होने का सवाल है तो देशभक्त लता मंगेशकर पाकिस्तान की मोहताज नहीं है। जिस पाकिस्तान के माथे पर हिंदुओं के कत्लेआम का कलंक लगा हो, उस पाकिस्तान से लगा मंगेशकर को कोई मोहब्बत नहीं है। जावेद अख्तर साहब! पाकिस्तान में इस्तकबाल आप ही को मुबारक हो। आप को ही पाकिस्तानियों से दाद चाहिए। लता मंगेशकर के लिए तो हिंदुस्तान के लोग ही काफी है। सब जानते हैं कि मुंबई हमला पाकिस्तान में बैठे आतंकियों ने ही करवाया, लेकिन फिर भी आप पाकिस्तान के लाहौर में होने वाले फेज फेस्टिवल में शरीक होते हैं। आप अपने देश के प्रति जो नजरिया रखते हैं, उसी का नतीजा है कि पाकिस्तान के लोग आपको बुलाते हैं। अच्छा हो कि अब की बार जब आप पाकिस्तान जाएं तो अपने देश की प्रशंसा करें।
जावेद अख्तर ने हिन्दुस्तान की प्रशंसा क्यों नहीं की