मुख्यमंत्री ने 01 अप्रैल, 2022 से प्रारम्भ किये जा रहे गेहूं खरीद कार्य की सभी व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।वर्तमान राज्य सरकार किसानों को उनकी उपज काउचित मूल्य दिलाने के लिए कृत संकल्पित। प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2017 से निरन्तर किसानों को व्यापकस्तर पर मूल्य समर्थन योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा।एम0एस0पी0 के अन्तर्गत गेहूं क्रय वर्ष 2022-2023 मेंखरीद का कार्य सुचारु ढंग से संचालित किया जाए।रबी विपणन वर्ष 2022-2023 में न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रु0प्रति कुन्तल के आधार पर गेहूं की खरीद की जाएगी।गेहूं खरीद में बिचौलियों की संलिप्तता किसी भी दशा में न होने पाए।किसानों को अपनी उपज बेचने में अधिक समय तक इन्तजार न करना पड़े।गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसानों को सभी सुविधाएं उपलब्धकराते हुए उनका भुगतान समय से सुनिश्चित किया जाए।जिलाधिकारियों द्वारा क्रय केन्द्रों का निर्धारण इस प्रकार किया जाए, ताकि किसानों को अपनी उपज की बिक्री के लिए अधिक दूरी तय न करनी पड़े।गेहूं क्रय केन्द्र की स्थापना के स्थानों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए।क्रय किया गया गेहूं वर्षा से प्रभावित न होने पाए,इसके लिए गेहूं क्रय केन्द्रों पर शेड का प्रबन्ध किया जाए।क्रय केन्द्रों पर खरीद ई-पॉप मशीनों के माध्यम से पंजीकृत किसानों अथवा उनके अधिकृत प्रतिनिधि के बॉयोमैट्रिक सत्यापन के आधार पर की जाएगी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 01 अप्रैल, 2022 से प्रारम्भ किये जा रहे गेहूं खरीद कार्य की सभी व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए कृत संकल्पित है। प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2017 से निरन्तर किसानों को व्यापक स्तर पर मूल्य समर्थन योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसी क्रम में एम0एस0पी0 के अन्तर्गत गेहूं क्रय वर्ष 2022-2023 में खरीद का कार्य सुचारु ढंग से संचालित किया जाए।सरकारी आवास पर आहूत एक बैठक में गेहूं खरीद की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रबी विपणन वर्ष 2022-2023 में न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति कुन्तल के आधार पर गेहूं की खरीद की जाएगी। जिलाधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों से गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय किया जाए। गेहूं खरीद में बिचौलियों की संलिप्तता किसी भी दशा में न होने पाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को अपनी उपज बेचने में अधिक समय तक इन्तजार न करना पड़े।
गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसानों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए उनका भुगतान समय से सुनिश्चित किया जाए। गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसानों के बैठने, छाया एवं पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए। जिलाधिकारियों द्वारा क्रय केन्द्रों का निर्धारण इस प्रकार किया जाए, ताकि किसानों को अपनी उपज की बिक्री के लिए अधिक दूरी तय न करनी पड़े। गेहूं क्रय केन्द्र के लिए पथ प्रदर्शक चिन्ह अवश्य लगाए जाएं। गेहूं क्रय केन्द्र की स्थापना के स्थानों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक क्रय केन्द्र पर इलेक्ट्रॉनिक कांटा, नमी मापक यंत्र, विनोइंग फैन तथा छलना आदि उपकरण अवश्य रखे जाएं। गेहूं के सुरक्षित भण्डारण के लिए भी सभी व्यवस्थाएं की जाएं। क्रय किया गया गेहूं वर्षा से प्रभावित न होने पाए, इसके लिए गेहूं क्रय केन्द्रों पर शेड का प्रबन्ध भी किया जाए।बैठक में अवगत कराया गया कि क्रय केन्द्रों पर खरीद ई-पॉप मशीनों के माध्यम से पंजीकृत किसानों अथवा उनके अधिकृत प्रतिनिधि के बॉयोमैट्रिक सत्यापन के आधार पर की जाएगी। किसानों को क्रय मूल्य का भुगतान उनके आधार लिंक बैंक खाते में कराया जाएगा।