कोडीन सिरप कांड के आरोपियों के मुलाकाती किए गए बैरंग वापस!

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राकेश यादव
राकेश यादव

कोडीन सिरप कांड के आरोपियों के मुलाकाती किए गए बैरंग वापस! जेल प्रशासन के अधिकारियों ने वेरिफिकेशन होने के बाद भी नहीं कराई मुलाकात। सुविधा शुल्क लेकर जेल में कराई जाती धड़ल्ले से अनाधिकृत मुलाकात। कोडीन सिरप कांड के आरोपियों के मुलाकाती किए गए बैरंग वापस!

लखनऊ। प्रदेश के बहुचर्चित कोडीन कफ सिरप के आरोपी से मुलाकात करने गए मुलाकातियों को जेल प्रशासन के अधिकारियों ने बैरंग वापस कर दिया। मुलाकात को लेकर जेल प्रशासन के अधिकारियों और कथित एसटीएफ कर्मियों के बीच काफी नोंकझोंक भी हुई। जेल प्रशासन का तर्क था कि मुलाकात वेरिफिकेशन न होने की वजह से मुलाकात नहीं कराई जा सकती है वहीं कथित एसटीएफ कर्मियों का आरोप है कि जेल प्रशासन के अधिकारियों ने वेरिफिकेशन होने के बाद भी उन्हें बगैर मुलाकात कराए बैरंग वापस कर दिया। उधर डीआईजी लखनऊ जेल परिक्षेत्र ने हर बार की तरह इस बार भी मसले पर जानकारी देने के लिए फोन नहीं उठाया।

मिली जानकारी के मुताबिक कोडीन कफ सिरप कांड में जांच एजेंसियों ने चार अभियुक्तों विभोर राणा, विशाल राणा, आलोक सिंह और अमित टाटा को गिरफ्तार कर लखनऊ जेल भेजा है। जेल प्रशासन के अधिकारियों ने आलोक और अमित को जेल में आमद होने के बाद हाई सिक्योरिटी सेल में भेज दिया, वहीं दूसरी ओर जेल डॉक्टर नवीन दुबे और फार्मासिस्ट शिववचन वर्मा ने मोटी रकम लेकर दो अन्य आरोपियों को जेल अस्पताल में भर्ती कर लिया था। जेल डॉक्टर की इस हरकत की भनक लगते ही आला अफसरों ने जेल अधिकारियों को फटकार लगाते हुए उन्हें जेल अस्पताल से हटाकर हाई सिक्योरिटी बैरक में भेज दिया।

सूत्रों का कहना है कि शनिवार को जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद आरोपी बंदी बर्खास्त सिपाही से मुलाकात करने के लिए कुछ एसटीएफ के मित्र व अन्य लोग जेल पहुंचे। जेल प्रशासन के अधिकारियों ने मुलाकात के लिए वेरिफिकेशन नहीं होने की वजह से मुलाकात कराने से इनकार कर दिया। इस पर मुलाकात करने गए कथित एसटीएफ का कहना था कि जेल प्रशासन के अधिकारियों को वेरिफिकेशन होने का मेल 16 दिसंबर को प्राप्त हो चुका है। इनका आरोप है कि सुविधा शुल्क नहीं दिए जाने की वजह से उन्हें बैरंग वापस कर दिया गया। उधर इस संबंध में जब लखनऊ जेल परिक्षेत्र के डीआईजी रामधनी से बात करने का प्रयास किया गया तो हर बार की तरह इस बार भी उनका फोन नहीं उठा। जेलर ऋतिक प्रियदर्शी ने आरोपी के एसटीएफ मित्रों के मुलाकात करने आने की बात स्वीकार करते हुए बताया कि एक व्यक्ति की वेरिफिकेशन रिपोर्ट होने पर उसकी मुलाकात करा दी गई। अन्य को बैगर मुलाकात कराए वापस कर दिया गया।

लखनऊ जेल परिक्षेत्र के डीआईजी नहीं उठाते फोन

कारागार विभाग में घटनाएं होने के बाद घटना की पुष्टि के लिए संबंधित अधिकारी फोन ही नहीं उठाते है। लखनऊ जेल परिक्षेत्र के डीआईजी जेल इसका जीता जागता उदाहरण बन गए है। कोडीन कफ सिरप कांड के आरोपी दो बंदियों को जेल डॉक्टर के जेल अस्पताल में भर्ती किए जाने की पुष्टि करने के लिए जब उन्हें फोन (9454418170) किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया था। इसी प्रकार बंदियों के मुलाकातियों को बैरंग वापस किए जाने के संबंध में बात करने का प्रयास किया गया तो इस बार भी उनका फोन नहीं उठा। कोडीन सिरप कांड के आरोपियों के मुलाकाती किए गए बैरंग वापस!