कुंदरकी की जीत संविधान की जीत है। शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री ने रखा सरकार का पक्ष। उप्र अकेला राज्य, जिसने बुलडोजर की कार्रवाई को अक्षरशः सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार अंजाम दिया है। विपक्ष के लोग गन प्वाइंट पर संवैधानिक संस्थाओं से अपनी बात मनवाना चाहते हैं। उपराष्ट्रपति व माननीय न्यायमूर्ति के खिलाफ नोटिस पर भी गरजे मुख्यमंत्री। कुंदरकी की जीत संविधान की जीत-योगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतकालीन सत्र में कहा कि कुंदरकी की जीत सनातन की जीत है। यह भारत की वास्तविक जीत है। कुंदरकी,कटेहरी,खैर,मझवा,गाजियाबाद, मीरापुर,फूलपुर की जीत भारत के संविधान की जीत है। आप सबको कटघरे में खड़ा करते हैं। भारत अकेला देश है, जहां बहुसंख्यक समाज अपने लिए विशेष अधिकार की नहीं, बल्कि समान नागरिक कानून की मांग कर रहा है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश ने समान नागरिक कानून की वकालत की तो विपक्ष ने उनके खिलाफ राज्यसभा में महाभियोग का नोटिस दे दिया, जो आपके दोहरे चरित्र को प्रदर्शित करता है।
भारत अकेला देश, जहां बहुसंख्यक समाज विशेष अधिकार की नहीं, समान नागरिक कानून की बात करता है
मुख्यमंत्री ने पूछा कि विपक्ष आखिर मानता किसे है। एक तरफ विपक्ष ने सर्वे के बारे में माननीय उच्चतम न्यायालय की बात का स्वागत किया। दूसरी तरफ माननीय उच्चतम न्यायालय बार-बार समान नागरिक कानून को लागू करने की बात कहता है। भारत अकेला देश है, जहां बहुसंख्यक समाज अपने लिए विशेष अधिकार की नहीं, बल्कि समान नागरिक कानून की मांग कर रहा है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश ने समान नागरिक कानून की वकालत की तो विपक्ष ने उनके खिलाफ राज्यसभा में महाभियोग का नोटिस दे दिया, जो आपके दोहरे चरित्र को प्रदर्शित करता है। उच्चतम न्यायालय द्वारा सर्वे पर रोक लगाने और बुलडोजर की कार्रवाई पर दी गई गाइडलाइन का यह लोग स्वागत कर रहे हैं। उप्र अकेला राज्य है, जिसने बुलडोजर की कार्रवाई को अक्षरशः सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार अंजाम दिया है। सपा व कांग्रेस के लोग माननीय न्यायाधीश के खिलाफ राज्यसभा में महाभियोग की नोटिस देकर सच का मुंह जबर्दस्ती बंद करना चाहते हैं।
यह लोग गन प्वाइंट पर संवैधानिक संस्थाओं से अपनी बात मनवाना चाहते हैं
योगी ने कहा कि राज्यसभा के सभापति (उपराष्ट्रपति) के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस इसलिए दे दी गई, क्योंकि उन्होंने सदन के सकुशल संचालन के लिए सभी पक्षों से कहा था। सभापति व चेयरपर्सन के रूप में उनकी यही जिम्मेदारी है, लेकिन किसान पुत्र कैसे इतनी बड़ी कुर्सी पर पहुंच गया, यह इन लोगों को अच्छा नहीं लग रहा है। चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया गया यानी यह लोग संवैधानिक संस्थाओं से गन पॉइंट पर अपनी बातों को मनवाना चाहते हैं। यह चरित्र स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। हमें संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करना होगा और इसे मजबूत बनाना होगा।
न्यायहित, समाजहित, राष्ट्रहित में शासन-प्रशासन की कार्रवाई का समर्थन करना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायहित, समाजहित, राष्ट्रहित व भविष्य हित में शासन-प्रशासन की कार्रवाई का समर्थन करना चाहिए। बहराइच व संभल की घटना में प्रशासन की कार्रवाई न्यायसंगत तरीके से बढ़ रही है। संभल की घटना में ज्यूडिशियल कमीशन गठित किया गया है। इसके सदस्य लगातार विजिट कर रहे हैं। लोगों के बयान लेंगे, सबकी बात सुनेंगे और सच को सामने लेकर आएंगे, लेकिन आपके अनावश्यक पत्थऱबाजी, अवैध असलहे से फायर करने से वहां शांति बहाल नहीं होने वाली है। कुंदरकी की जीत संविधान की जीत-योगी