
मुख्यमंत्री ने पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड में दो दिवसीय किसान मेला तथा स्व0 श्री आनन्द सिंह बिष्ट स्मृति तिरंगा पार्क का उद्घाटन किया। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान व उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय किसान मेला आयोजित। वनवासी श्रीराम मन्दिर का लोकार्पण तथा माँ गढ़वासिनी देवी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उत्तराखण्ड प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन व उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विकास के नित नए प्रतिमान स्थापित कर रहा। उत्तराखण्ड भारत का मणि मुकुट तथा देवभूमि। देवभूमि नाम के अनुरूप यहां पर देवालयों, शिक्षा के केन्द्रों तथा हेल्थ व वेलनेस सेंटर्स की स्थापना की जानी चाहिए। जल संरक्षण का कार्य, फाॅरेस्ट कवर में अधिक से अधिक वृद्धि तथा कृषि में अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग करते हुए आमदनी को कई गुना तक बढ़ाया जा सकता। गोविंद बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय ने देश में हरित क्रांति के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया। उत्तराखण्ड में डेयरी सेक्टर में अनेक सम्भावनाएं, यहां स्थित विस्तृत मैदान से दूध, सब्जी तथा फल आदि की आपूर्ति सम्भव। उत्तराखण्ड में कनेक्टिविटी तथा सिंचाई के लिए बेहतर प्रबंधन प्रारम्भ किया गया, हर घर नल की योजना के माध्यम से गांव-गांव में पेयजल की सुविधा पहुंच रही। मुख्यमंत्री ने सिद्धपीठ महादेव मंदिर में दर्शन-पूजन तथा ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये। देश के प्रथम चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावतकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हंे श्रद्धांजलि दी। उत्तराखण्ड भारत का मणि मुकुट तथा देवभूमि-मुख्यमंत्री
लखनऊ। आज जनपद पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड स्थित महायोगी गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय में गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान व उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय किसान मेला तथा स्व0 आनन्द सिंह बिष्ट स्मृति तिरंगा पार्क का मुख्यमंत्री योगी ने उद्घाटन किया। उत्तराखण्ड देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व उत्तराखण्ड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व तथा उत्तराखण्ड के मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से विकास के नित नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। महायोगी गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय में आयोजित यह कृषि मेला इसका एक उदाहरण है। इस महाविद्यालय से मेरा लगाव इसलिए है, क्योंकि मेरे पूज्य गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ महाराज व पूज्य पिता आनन्द सिंह बिष्ट ने इस महाविद्यालय के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया था। उत्तराखण्ड सरकार के सहयोग से यह महाविद्यालय निरन्तर विकास की ओर अग्रसर है।
गोविंद बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय है। वर्ष 1960 में यह संस्थान स्थापित किया गया। उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री व देश के पूर्व गृहमंत्री स्व0 श्री गोविंद बल्लभ पंत के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नामकरण किया गया है। इस विश्वविद्यालय ने देश में हरित क्रांति के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया। देश में खाद्यान्न सुरक्षा के लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में इस विश्वविद्यालय ने वर्ष 1960 से ही प्रयास प्रारम्भ कर दिए थे। देश की आबादी जब वर्तमान आबादी की एक तिहाई थी, तब देश में खाद्यान्न संकट था। आज देश की 140 करोड़ की आबादी में से 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री विगत 05 वर्षों से निःशुल्क राशन की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। दुनिया में कहीं भी खाद्यान्न सुरक्षा की इससे बड़ी गारण्टी नहीं मिल सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान अथवा उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के स्तर पर जोे नूतन प्रयास किए गए हैं, इस मेले के माध्यम से यहां पर डिस्प्ले किया जा रहा है। सभी को इसका अवलोकन करना चाहिए। उत्तराखण्ड ने विकास किया है। अपनी मूल परम्पराओं से हटकर केवल भौतिक विकास हमें स्थायी संतुष्टि नहीं प्रदान कर सकता। यहां के बंजर हो रहे खेतों को बागवानी में परिवर्तित करने, सब्जी उत्पादन तथा पाॅलीहाउस की परम्परा के साथ किस प्रकार आगे बढ़ सकते हैं। इस पर विश्वविद्यालय व कृषि विज्ञान केन्द्र भी कार्य कर रहे हैं। डेयरी सेक्टर में भी अनेक सम्भावनाएं हैं। यहां स्थित विस्तृत मैदान से आप दूध, सब्जी तथा फल आदि की आपूर्ति कर सकते हैं। आपको नौकरी और रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
उत्तराखण्ड में ही अपनी पुश्तैनी जमीन पर एफ0पी0ओ0 गठित करके बहुत अच्छा कार्य किया जा सकता है। इससे आप आत्मनिर्भर बनेंगे। उत्तराखण्ड खुशहाल होगा तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उत्तराखण्ड के योगदान को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने में सहायता प्राप्त होगी। पलायन हम सबके सामने एक चुनौती है। यह केवल मातृभूमि से कटने की चुनौती नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी चुनौती है। विकास के कार्यक्रमों के साथ-साथ इन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए अपनी जड़ों को जोड़ना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इनके माध्यम से उत्तराखण्ड में कनेक्टिविटी तथा सिंचाई के लिए बेहतर प्रबंधन प्रारम्भ किया गया। हर घर नल की योजना के माध्यम से गांव-गांव में पेयजल की सुविधा पहुंच रही है। शिक्षा के नए-नए केंद्र खुल रहे हैं। उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तराखण्ड डाॅ0 धन सिंह रावत के नेतृत्व में यहां महाविद्यालय में विज्ञान संकाय जुलाई से प्रारम्भ होगा। यहां पर स्टेडियम का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो चुका है। अन्य कार्यों के लिये हम लोग भी यथासम्भव योगदान करेंगे। साधन की समस्या नहीं है। साधन का बेहतर उपयोग करते हुए प्रत्येक छात्र को आत्मनिर्भरता की उस दिशा की ओर उन्मुख करना है, जिसके बारे में प्रधानमंत्री वोकल फार लोकल की बात करते हैं। अपनी जड़ों को स्थानीय स्तर पर मजबूत करके ही हम आत्मनिर्भर बन सकते हैं, जो आत्मनिर्भर होगा वही विकसित बनेगा। विकसित भारत लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पहली शर्त आत्मनिर्भरता है। इस दिशा में हमें बेहतर प्रयास करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंजीत सिंह नेगी ने देश के प्रथम चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ तथा इसी माटी के लाल जनरल बिपिन रावत की स्मृतियों को जीवंत बनाया है। इसमें जगह-जगह उनके स्मारक बनाना तथा अन्य कार्यक्रमों का आयोजन सम्मिलित है। आज यहां पर जनरल बिपिन रावत मेमोरियल फाउण्डेशन के माध्यम से उन्होंने मेरे पूज्य पिता जी की स्मृतियों को जीवंत बनाए रखने के लिए इस महाविद्यालय के प्रांगण में देश की आन बान और शान के प्रतीक 100 फीट ऊंचे तिरंगे को स्थापित कराया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचार्य महोदय ने महाविद्यालय की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। मनमोहन सिंह चैहान ने कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कार्यों से हमें अवगत कराया। राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान और उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय की कार्य शैली के बारे में भी वहां के कुलपतियों ने हमें अवगत कराया है। मेले में बकरी पालन तथा कुक्कुट पालन के तरीकों से किसानों को अवगत कराया जा रहा है। कुछ किसानों को यहां बकरी उपलब्ध होने वाली है। यह बकरी 03 लीटर तक दूध देती है। बकरी का दूध फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों जैसे ट्यूबरक्लोसिस, डेंगू तथा वायरस से उत्पन्न अन्य बीमारियों में लाभदायक साबित होता है। प्लेटलेट्स कम होने पर बकरी का दूध रामबाण औषधि का काम करता है। बकरी के दूध की मांग अधिक होने के कारण इसकी बाजार में पूर्ति की जा सकती है।
उत्तराखण्ड भारत का मणि मुकुट तथा देवभूमि है। यहां से नशे को दूर करिए। देवभूमि नाम के अनुरूप यहां पर देवालयों, शिक्षा के केन्द्रों तथा हेल्थ व वेलनेस सेंटर्स की स्थापना की जानी चाहिए। जल संरक्षण का कार्य किया जाना चाहिए। फाॅरेस्ट कवर में अधिक से अधिक वृद्धि की जानी चाहिए। कृषि में अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग करते हुए आमदनी को कई गुना तक बढ़ाया जा सकता है। जनपद पौड़ी गढ़वाल में वनवासी श्रीराम मन्दिर का लोकार्पण किया तथा माँ गढ़वासिनी देवी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी सम्मिलित हुए। उन्होंने सिद्धपीठ महादेव मंदिर में दर्शन-पूजन तथा ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये। मुख्यमंत्री ने देश के प्रथम चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हंे श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। उत्तराखण्ड भारत का मणि मुकुट तथा देवभूमि-मुख्यमंत्री