
उत्तर प्रदेश ने विगत साढ़े 8 वर्षों में विकास के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं। रोजगार, निवेश, कृषि और कल्याणकारी योजनाओं के संतुलित विकास के साथ उत्तर प्रदेश तेजी से ‘विकसित भारत–विकसित उत्तर प्रदेश’ की ओर अग्रसर है। अनुपूरक बजट से विकास को नई रफ्तार- ₹24,496.98 करोड़ के बजट से एक्सप्रेसवे, स्वास्थ्य, ऊर्जा और शिक्षा को मजबूती। राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों से एक्सप्रेसवे, ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में ऐतिहासिक प्रगति हुई है।₹24,496.98 करोड़ के अनुपूरक बजट, मजबूत वित्तीय अनुशासन और पारदर्शी शासन के चलते प्रदेश की जीएसडीपी 36 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच रही है। वित्तीय अनुशासन के साथ ऐतिहासिक विकास- जीएसडीपी 12 लाख करोड़ से बढ़कर 36 लाख करोड़ के करीब। रोजगार में पारदर्शिता का रिकॉर्ड-बिना भ्रष्टाचार 9 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियाँ। एक्सप्रेसवे और एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी में क्रांति- देश के 60% एक्सप्रेसवे यूपी में, जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट जल्द शुरू। युवाओं के लिए उद्यमिता का सुनहरा अवसर-मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत 1.10 लाख युवाओं को ब्याज मुक्त ऋण। स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक विस्तार- प्रदेश में 81 मेडिकल कॉलेज, तकनीकी शिक्षा को नई दिशा। ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश- बिजली उत्पादन 7,159 मेगावॉट से बढ़कर 11,595 मेगावॉट। महिला सशक्तिकरण की नई इबारत-महिला वर्कफोर्स 17% से बढ़कर 36%। कृषि और किसान समृद्धि का मजबूत आधार-गन्ना भुगतान ₹2.92 लाख करोड़, पीएम किसान से ₹94,669 करोड़ डीबीटी। उद्योग, निवेश और मेक इन यूपी-मोबाइल फोन का 55% और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट का 60% उत्पादन यूपी में।एमएसएमई और निर्यात से अर्थव्यवस्था को बल-96 लाख MSME इकाइयों से करीब 2 करोड़ परिवारों को रोजगार। सुशासन और कल्याणकारी योजनाओं का भरोसा=बिना भेदभाव मकान, राशन, पेंशन और मुख्यमंत्री राहत कोष की सहायता। उत्तर प्रदेश:विकास,रोजगार और सुशासन का नया मॉडल
लखनऊ। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए स्पष्ट नीति बनाकर दृढ़ इच्छाशक्ति से लागू किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। इस नीति के चारों आयामों पर कार्य किया गया है। विगत साढ़े 08 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से उत्तर प्रदेश ने विकास के नये प्रतिमान स्थापित किये हैं। मुख्यमंत्री आज यहां विधान सभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तुत अनुपूरक बजट पर चर्चा के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विधान मण्डल के शीतकालीन सत्र के दौरान सदस्यों ने प्रश्नकाल तथा अन्य नियमों के अन्तर्गत आम जनमानस के हित तथा प्रदेश के विकास से सम्बन्धित मुद्दों पर सारगर्भित चर्चा की है। सदस्यों द्वारा दिये गये सुझावों पर सरकार गम्भीरता से विचार करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति, समाज और संस्था के लिए सुरक्षा पहली प्राथमिकता होती है। सरकार ने जीरो टॉलरेन्स की नीति पर चलकर दुर्दान्त अपराधियों को समाप्त किया है। प्रदेश में सुरक्षा का बेहतरीन वातावरण और कानून का राज स्थापित हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति के मन में सुरक्षा का भाव उत्पन्न हुआ है। प्रदेश को बड़ी मात्रा में निवेश की प्राप्ति हो रही है। प्रत्येक बेटी व व्यापारी स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इन प्राथमिकताओं को लेकर जब कोई सरकार कार्य करती है, तो उसके अच्छे परिणाम हम सबके सामने आते हैं। आज प्रदेश के बारे में लोगों का परसेप्शन बदला है। प्रदेश से बाहर के लोग यहां के नागरिकों को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश के बारे में लोगों के मन में नकारात्मक धारणा थी। सरकारी भूमि गरीब के लिए होनी चाहिए, यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी जमीन, स्मारक या पौराणिक स्थल पर अवैध कब्जा करेगा, तो उसे इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि यदि आबादी की भूमि पर किसी गरीब का मकान बना है, तो अभिलेख में उस परिवार की महिला सदस्य का नाम दर्ज हुआ है। मालिकाना अधिकार प्राप्त होने से महिला बैंक से ऋण भी प्राप्त कर सकती है।
वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश की सड़कें गड्ढ़ायुक्त थीं। रेलवे की नेटवर्किंग के लिए राज्य व केन्द्र सरकार के बीच समन्वय का अभाव था। प्रदेश की अवसंरचना अस्त-व्यस्त थी। वर्तमान में प्रदेश में विश्वस्तरीय अवसंरचना का निर्माण हुआ है। आज प्रदेश में 22 एक्सप्रेस-वे संचालित हैं, जो देश के कुल एक्सप्रेस-वे का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा है। प्रदेश में रेलवे का 16,000 किलोमीटर का नेटवर्क है, जो देश में सर्वाधिक है। प्रदेश में 4-लेन इण्टरस्टेट कनेक्विटी है। देश में सबसे अधिक मेट्रो ट्रेन तथा एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश में हैं। प्रदेश में संचालित कुल 16 एयरपोर्ट में 04 इण्टरनेशनल एयरपोर्ट हैं। पांचवां इण्टरनेशनल एयरपोर्ट जेवर में नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में अगले महीने संचालित होने जा रहा है। देश की पहली रैपिड रेल तथा वॉटर-वे उत्तर प्रदेश में संचालित है। वर्तमान में प्रयागराज से हल्दिया तक संचालित वॉटर-वे को बलिया से अयोध्या तक विस्तारित करने की योजना है। यह सभी कार्य सरकार की इच्छाशक्ति से सम्भव हुए हैं। दुनिया भर में प्रदेश में हो रहे कार्यां की प्रशंसा हो रही है, जिससे सम्पूर्ण प्रदेशवासी गर्व की अनुभूति कर रहे हैं।
प्रदेश में पूरी पारदर्शिता के साथ भर्तियां सम्पन्न हो रही हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रत्येक स्तर पर तंत्र विकसित किया है। कल प्रदेश सरकार के पौने 09 वर्ष पूर्ण होंगे। इन वर्षों में प्रदेश के 09 लाख युवाओं को बिना किसी घूसखोरी के सरकारी नौकरियाँ प्राप्त हुई हैं। यह कार्य पहले कभी नहीं हुआ। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस में 60,244 कार्मिकों की भर्ती सम्पन्न की गयी है। प्रदेश में अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप होने से ही इतने बड़े पैमाने पर भर्ती पारदर्शी तरीके से सम्भव हो सकी। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में कुल 3,000 पुलिस कार्मिकों की ट्रेनिंग क्षमता थी। किसी भी वर्दीधारी फोर्स के लिए अच्छी ट्रेनिंग अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है। शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष के रूप में रिटायर्ड डी0जी0पी0 को नियुक्त किया गया है, ताकि नकल माफियाओं की कमर तोड़ी जा सके। राज्य में 96 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाईयाँ हैं। इन इकाइयों के माध्यम से लगभग पौने 02 करोड़ परिवार आजीविका प्राप्त कर रहे हैं तथा 02 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात किया जा रहा है। प्रदेश में सरकारी नौकरियों के साथ-साथ परम्परागत उद्यमों के क्षेत्र में भी युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। प्रदेश सरकार ने राज्य के विभिन्न जनपदों से सम्बन्धित विशेष उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें तकनीक, पैकेजिंग, ब्राण्डिंग तथा अन्य सुविधाओं से जोड़ा है।
प्रदेश में हुई यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के माध्यम से लगभग 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव जमीनी धरातल पर उतारे जा चुके हैं। इसके माध्यम से 60 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ है। 05 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव की ग्राउण्ड ब्रेकिंग की तैयारी है। यह नये भारत के नये उत्तर प्रदेश की पहचान है। अब प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए देश-दुनिया में भटकने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उन्हें स्थानीय रूप से रोजगार प्राप्त हो रहा है। लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण हो रहा है। इस मिसाइल के नाम से दुश्मन कांपता है। ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के दौरान ब्रम्होस मिसाइल की मार ने पाकिस्तान में त्राहि-त्राहि मचा दी। यह डिफेन्स मैनुफैक्चरिंग कॉरिडोर का प्रोडक्ट है। यहां कार्य कर रहे सभी युवा प्रदेश के ही विभिन्न जनपदों से हैं। ब्रह्मोस तथा इससे जुड़ी एंकर यूनिटों में इनको रोजगार प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री राहत कोष से जो धनराशि दी जाती है, उसमें कोई भेदभाव नहीं होता है। मुख्यमंत्री राहत कोष में नया संशोधन यह किया गया है कि जिनके पास पहले से ही आयुष्मान कार्ड हैं, वह इस कार्ड का पहले उपयोग करें। यदि पैसा कम पड़ जाता है, तो जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर हम मुख्यमंत्री राहत कोष से पैसा देंगे। कुछ हॉस्पिटल द्वारा गलत बिलिंग किये जाने की शिकायत मिली थी। हमने इस सम्बन्ध में कार्रवाई की। मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जाने वाली धनराशि में कोई रोक नहीं लगायी गयी है। हर गरीब के प्रति सरकार की संवेदना है। उत्तर प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 81 हो गयी है। अमेठी में नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज में इस सत्र में क्लासेज़ शुरू हो गयी हैं। प्रदेश सरकार बलिया में भी मेडिकल कॉलेज बनाने जा रही है। इसी प्रकार गरीबों को मकान अथवा राशन देने में भी कोई भेदभाव नहीं होता है। वर्ष 2011-12 में जो सूची बनी थी, उसमें अन्य पात्र लोगों के नाम जोड़कर उन्हें कल्याणकारी योजनाआें का लाभ दिया जा रहा है। हम चेहरा देख कर योजनाओं का लाभ नहीं देते हैं। प्रदेश सरकार राज्य की 25 करोड़ आबादी के कल्याण तथा उसकी सुरक्षा के लिए तत्पर है और बिना किसी भेदभाव के योजनाओं का लाभ उन्हें दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों की नियमित रूप से समीक्षा होती है। हर जनपद के वरिष्ठ जनप्रतिनिधिगण, सांसद या प्रभारी मंत्री प्रति माह बैठक लेते हैं, जिसमें योजनाओं को कैसे क्रियान्वित करना है, इसकी समीक्षा होती है। इसकी रिपोर्ट शासन में आती है, फिर उसे विभागीय स्तर पर कार्रवाई के लिए आगे बढ़ाया जाता है। पी0डब्ल्यू0डी0 की बैठक की पूरी कार्य योजना उन्होंने स्वयं अगस्त और सितम्बर में स्थानीय विधायकगण के साथ बैठक करके बनायी। इसके अनुरूप हर विधानसभा क्षेत्र में डिमांड के अनुरूप चरणबद्ध रूप से धनराशि प्रेषित की जा रही है। कोई भी विधान सभा विकास से वंचित नहीं रहेगी।
अनुपूरक बजट की आवश्यकता किसी नये मद या किसी नई योजना के लिए पड़ती है, जो हमारे नियमित बजट का हिस्सा नहीं होती है। इसीलिए सरकार ने अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया है। हमारा मूल बजट जिसे फरवरी माह में प्रस्तुत किया गया था, वह 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ 06 लाख रुपये (8,08,736.06 करोड़ रुपये) का था। अनुपूरक बजट 24,496 करोड़ 98 लाख रुपये का है। एक्सप्रेसवे, ऊर्जा, स्वास्थ्य, नगरीय सुविधाएं, तकनीकी शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रमों के लिए आवश्यक धनराशि के लिए अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया गया है। मूल बजट और अनुपूरक बजट को मिलाकर वर्ष 2025-26 के बजट का कुल आकार 08 लाख 33 हजार 233 करोड़ 04 लाख रुपये का हो जाएगा। प्रदेश सरकार ने तय किया है कि विकास कार्य के लिए एक बार में 40 से 50 प्रतिशत धनराशि निर्गत की जाए। 75 प्रतिशत कार्य पूरा होने के उपरान्त तुरन्त डिमाण्ड भेजें, जिससे शेष धनराशि रिलीज की जा सके, ताकि कार्य उसी गति से समय से पूरा किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें परिणाम पर ध्यान देना होगा। प्रदेश के परसेप्शन में बदलाव आया है। आज हर व्यक्ति प्रदेश में निवेश करने का इच्छुक है। राज्य के बारे में लोगों की अच्छी धारणा बनी है। इसके पीछे प्रदेश में डबल इंजन सरकार की डबल स्पीड से हुए कार्यों की भूमिका है। पहले की सरकारों ने पॉलिसी पैरालिसिस की स्थिति से प्रदेश को बीमारू राज्य बना दिया था। यह राज्य पहचान के संकट का मोहताज हो गया था। आज प्रदेश में 33 सेक्टोरल पॉलिसीज हैं। पिक एण्ड चूज नहीं है। निवेशक अपना निवेश करें, सरकार इसके अनुरूप उन्हें सुविधाएं दे रही है। इसका परिणाम हुआ है कि उत्तर प्रदेश देश में निवेश का ड्रीम डेस्टिनेशन बना है। बीमारू राज्य की छवि से उबरकर उत्तर प्रदेश ने अब रेवेन्यू सरप्लस स्टेट के रूप में अपने को स्थापित किया है।
देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति अच्छी है। यह परिणाम सामूहिक प्रयास, शुद्ध नीयत तथा स्पष्ट नीतियों और इन नीतियों को जमीनी धरातल पर उतारने की इच्छा शक्ति से आते हैं। सरकार ने इन सभी बातों को आगे बढ़ाया है। प्रदेश में निवेशकों के निवेश धरातल पर उतारने के लिए लैण्ड बैंक है। सरकार ने उन्हें गुड गवर्नेंस और बेहतरीन सुरक्षा का माहौल दिया है। उत्तर प्रदेश हर प्रदेशवासी को सुरक्षा की गारण्टी देता है, लेकिन हर गुण्डे को इस बात की चेतावनी भी देता है कि सुधर जाएं, नहीं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में वित्तीय अनुशासन और विकास दोनों का एक बेहतरीन संतुलन है। उत्तर प्रदेश ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ-साथ स्वयं को वेलफेयर स्टेट के रूप में भी स्थापित किया है। यह प्रदेश के वित्तीय अनुशासन का एक उदाहरण है। आज प्रदेश में अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेन्स की नीति है। इसका परिणाम हुआ है कि फियरलेस बिजनेस, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस तथा ट्रस्ट इन डूइंग बिजनेस आज उत्तर प्रदेश की पहचान बने हैं।
उत्तर प्रदेश को हर स्तर पर आगे बढ़ा है। जब यह देश आजाद हुआ था, तब देश की अर्थव्यवस्था में प्रदेश की भागीदारी 14 प्रतिशत थी। जब हमारी सरकार आयी उस समय देश की अर्थव्यवस्था में प्रदेश की भागीदारी 08 प्रतिशत से भी कम रह गयी थी। यह पिछली सरकारों की उपेक्षा के कारण हुआ। विगत साढ़े 08-पौने 09 वर्षां में किये गये प्रयासों से उत्तर प्रदेश देश की अर्थव्यवस्था में फिर से 09 से 10 प्रतिशत की भागीदारी के साथ तेजी से आगे बढ़ा है। उत्तर प्रदेश आज देश की दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हुआ है। इस दौरान हमने प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 को वर्ष 2012 से 2016 की तुलना में लगभग तीन गुना बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है। प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 इस अवधि में 12,88,000 करोड़ रुपये से बढ़कर आज 35 से 36 लाख करोड़ रुपये होने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रति व्यक्ति आय 43 हजार रुपये से बढ़कर 01 लाख 20 हजार रुपये हो रही है। यह नया उत्तर प्रदेश है। प्रदेश का सी0डी0 रेशियो 44 प्रतिशत से बढ़कर आज 62 से 65 प्रतिशत हुआ है। सरकार इसे 70 प्रतिशत तक पहुंचाने के बड़े लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ी है। यह सभी कार्य तब हुए, जब सरकार ने प्रदेश में सुरक्षा का वातावरण और अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर दिया। विगत साढ़े 08 वर्षां में प्रदेश में कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया। हमने लीकेज रोके, कर चोरी को रोका। योजनाओं में होने वाली लूट को रोका। हाल ही में हुए जी0एस0टी0 रिफॉर्म का लाभ जनता को मिला। हमने कोई नया टैक्स नहीं लगाया। देश में सबसे सस्ता डीजल व पेट्रोल उत्तर प्रदेश में है।
पिछली सरकार की योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट इसलिए चढ़ती थीं, क्योंकि उनकी नीयत साफ नहीं थी। नियुक्तियों में भेदभाव तथा परिवारवाद हावी था। नौजवानां और अन्नदाता किसानों को योजनाओं का लाभ नहीं मिलता था। जे0पी0एन0आई0सी0 पौने 200 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट था। इस पर 860 करोड़ रुपये खर्च हो गये और तब भी यह अधूरा है। इसी प्रकार गोमती रिवर फ्रण्ट 167 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट था। इस पर 1,400 करोड़ रुपये खर्च हो गए और तब भी यह अधूरा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का हमने फिर से मूल्यांकन कराया। पिछली सरकार ने 15,200 करोड़ रुपये केवल एक्सप्रेस-वे के सिविल वर्क के लिए तय किये थे। इसकी लम्बाई 340 किलोमीटर तय की गयी थी। हमने 341 कि0मी0 लम्बा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनाया और वह भी 11,800 करोड़ रुपये में ही। इसी तरह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे भी अधूरा था।
आज उत्तर प्रदेश में रूल ऑफ लॉ है। प्रदेश में कोई साम्प्रदायिक दंगे नहीं होते हैं। यह नया उत्तर प्रदेश है। हमने पुलिस अवस्थापना सुविधाओं में वृद्धि की है। पुलिस कार्मिकों की भर्ती करने के साथ ही उनकी बेहतर ट्रेनिंग की है। किसी भी जनपद की सबसे हाईराइज बिल्डिंग उत्तर प्रदेश पुलिस की अवस्थापना सुविधाओं से जुड़ी है। पहले मानवीय संवेदना का यह भाव नहीं था। आज सद्भाव और सम्मान के साथ पुलिस से व्यवहार होता है। सरकार ने पुलिस में रिफॉर्म किए। पहली बार प्रदेश में 07 जनपदों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू हुआ। मॉडर्न पुलिसिंग, साइबर थाना और फॉरेंसिक इन्स्टीट्यूट आज उत्तर प्रदेश की पहचान बन रहे हैं।
देश में तीन नए कानून लागू होने के बाद 07 वर्ष से ऊपर की प्रत्येक सजा वाले मामले में फॉरेंसिक साक्ष्य आवश्यक हैं। पहले प्रदेश में एफ0एस0एल0 लैब्स बंद पड़ी थी। आज प्रदेश में बी ग्रेड की 12 एफ0एस0एल0 लैब बन चुकी है। 06 अन्य लैब्स बन रही हैं। हर जनपद को साक्ष्य एकत्र करने के लिए दो-दो फॉरेंसिक वैन उपलब्ध करा दी गयी है। हमने सेफ सिटी के लक्ष्य पर कार्य किया है। यू0पी0एस0एस0एफ0 (स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स) की 06 वाहिनियों का गठन हो चुका है। हमने पी0ए0सी0 की समाप्त हो चुकी 46 कम्पनियों को फिर से पुनर्गठित किया और उनकी भर्ती की प्रक्रिया को पूरा किया। वीरांगना ऊदा देवी, वीरांगना झलकारी बाई तथा वीरांगना अवंतीबाई लोधी के नाम पर उत्तर प्रदेश में पी0ए0सी0 की 03 महिला बटालियन के गठन की कार्रवाई आगे बढ़ चुकी है।
देश के मोबाइल फोन के कुल प्रोडक्शन का 55 प्रतिशत तथा इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेंट का 60 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में हो रहा है। आज उत्तर प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में देश में ‘टॉप अचीवर स्टेट’ के रूप में जाना जाता है। यह उत्तर प्रदेश की नई पहचान है। युवाओं की स्किलिंग तथा बेहतर भविष्य देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति, स्किल इण्डिया, स्टार्टअप इण्डिया तथा स्टैण्डअप इण्डिया जैसे कार्यां को प्रभावी ढंग से सरकार द्वारा आगे बढ़ाया गया है।आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर, साइबर सिक्योरिटी, रोबोटिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक व्हीकल, एग्रीटेक, फिनटेक, डीपटेक, हेल्थटेक, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी, डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग तथा स्पोर्ट्स जैसे क्षेत्रों में भी उत्तर प्रदेश ने नई ऊंचाइयां प्राप्त की है। इस दिशा में उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ चुका है।

मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश में हो रही अराजक घटनाओं की निन्दा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार तुष्टिकरण की नीति पर कार्य नहीं करती है। सबकी सुरक्षा, सबका विकास हमारे लिए सर्वोपरि है। बांग्लादेशियों व रोहिंग्याओं को चिन्हित किया जा रहा है। एक-एक कार्य की स्क्रीनिंग होगी। भारत में रहकर भारतवासियों के खिलाफ अपराध कतई स्वीकार नहीं है। उत्तर प्रदेश में देश की कृषि योग्य भूमि 11 प्रतिशत है और देश के कुल खाद्यान्न का 21 प्रतिशत अकेले उत्तर प्रदेश उत्पादित करता है। यह अच्छे बीच, समय पर बीज, अच्छी तकनीक व बहुफसली कृषि के कारण सम्भव हो पाया है। अन्नदाता किसान हमारे लिए सम्मान के पात्र हैं। वर्ष 2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश की कृषि विकास दर मात्र 08 प्रतिशत थी, जो आज बढ़कर 18 प्रतिशत पहुंच चुकी है। अन्नदाता किसान आज उन्नत बीजों, प्राकृतिक खेती, ड्रोन, जलवायु के अनुकूल आधुनिक तकनीक इत्यादि के माध्यम से आज खुशहाली से उत्तर प्रदेश की कृषि विकास दर को बढ़ाने की दिशा में तेजी के साथ आगे बढ़ चुका है।
राज्य सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के नाम पर लखनऊ में सीड पार्क बनाया जा रहा है। विगत 23 दिसम्बर को किसान सम्मान दिवस के अवसर पर राज्य सरकार ने इस सीड पार्क में जमीन आवंटन का कार्य प्रारम्भ कर दिया है। किसान को अच्छा बीज, अच्छी तकनीक मिले और कम लागत में ज्यादा उत्पादन हो, यह सरकार का लक्ष्य है। अब किसान को मिलने वाला लाभ बिचौलिया नहीं प्राप्त कर पा रहा है। आज किसान सुरक्षित है। उसे केन्द्र व राज्य सरकार की विकासपरक योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के प्राप्त हो रहा है। एम0एस0पी0 के साथ ही डी0बी0टी0 के माध्यम से भुगतान करने में वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश का नम्बर एक राज्य है।
उत्तर प्रदेश अकेले 55 प्रतिशत गन्ने का उत्पादन कर रहा है। इस समय उत्तर प्रदेश देश में गन्ना उत्पादन में नम्बर वन राज्य है। उत्तर प्रदेश अपने गन्ना किसानों को 400 रुपये प्रति कुन्तल गन्ना मूल्य का भुगतान कर रहा है। गन्ना किसानों को एक सप्ताह में ही गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया जा रहा है। अब तक हमने 02 लाख 92 हजार करोड़ रुपये से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान गन्ना किसानों को किया है। गन्ना किसानों को तकनीक से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में पहले एथेनॉल उत्पादन 41 करोड़ लीटर था, जो आज बढ़कर 182 करोड़ लीटर हो गया है। प्रदेश के किसानों को ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ के तहत 94,669 करोड़ रुपये सीधे डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्नदाता किसानों के बैंक खातों में अंतरित किए गए हैं।
हमने हर खेत को पानी देने के लक्ष्य को आगे बढ़ाया है। 22 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को सिंचाई की सुविधा दी गयी है। देश की 86 प्रतिशत सिंचित भूमि के साथ उत्तर प्रदेश सर्वाधिक सिंचित भूमि वाला राज्य है। पी0एम0 कुसुम योजना के अन्तर्गत 94 हजार अन्नदाता किसानों को सोलर पैनल उपलब्ध कराए गए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा 16 लाख किसानों के निजी नलकूपों के बिजली बिल को माफ करने का कार्य किया गया है। आज किसानों को सिंचाई के लिए निःशुल्क बिजली प्राप्त हो रही है। उत्तर प्रदेश अपने अन्नदाता किसानों को सर्वाधिक बिजली की आपूर्ति करने वाला राज्य है।
आज हमारे पास एक्सप्रेस-वे, लॉजिक्टिक्स पार्क सहित किसानों की उपज को राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने के लिए एक बेहतरीन कनेक्टिविटी है। प्रदेश में एग्रीकल्चर वैल्यु चेन के लिए स्टोरेज, प्रोसेसिंग सेण्टर्स, कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है और प्रदेश में बड़े पैमाने पर इस फील्ड में इन्वेस्टमेण्ट भी हो रहा है। यह उत्तर प्रदेश की नई प्रगति है। कार्य करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए। हमारी सरकार ने जो भी कार्य किये हैं, वह पारदर्शी व्यवस्था के माध्यम से किये हैं। प्रदेश सरकार द्वारा 16 लाख से अधिक निराश्रित गोवंशों को गोआश्रय स्थलों में संरक्षित किया जा रहा है। राज्य सरकार वेरिफिकेशन के उपरान्त अन्नदाता किसानों को 1,500 रुपये प्रति निराश्रित गोवंश सहायता राशि उपलब्ध करा रही है। उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है। स्मार्ट खेती, श्रीअन्न (मिलेट्स) की खेती के विस्तार में भी उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी स्थान पर है।
वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश में बिजली उत्पादन कुल 7,159 मेगावॉट था, जो आज बढ़कर 11,595 मेगावॉट हो गया है। नई विद्युत परियोजनाएं 6,541 मेगावॉट का शीघ्र ही उत्पादन शुरू कर देंगी, जिसमें घाटमपुर, खुर्जा, अनपरा-ई, ओबरा-डी, मेजा शामिल हैं। आने वाले समय में अकेले उत्तर प्रदेश 18,136 मेगावॉट विद्युत का उत्पादन करेगा। पी0एम0 सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 01 गीगावॉट की सोलर क्षमता हम लोगों ने हासिल की है और इस योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी राज्य है। प्रदेश सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश में मजबूत कानून-व्यवस्था स्थापित हुई है। प्रदेश में सुरक्षा के बेहतर वातावरण के परिणामस्वरूप आज विमेन वर्कफोर्स बढ़कर लगभग 36 प्रतिशत हो गया है, जबकि वर्ष 2017 से पहले यह मात्र 17 प्रतिशत था। आज महिलाएं नाइट शिफ्ट में भी कार्य करने जा रही हैं और उनके सामने सुरक्षा की कोई समस्या नहीं है।
‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ के अन्तर्गत 01 लाख 10 हजार से अधिक युवाओं को गारण्टी मुक्त और ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया है। आज प्रदेश में स्टार्टअप का बेहतरीन ईको सिस्टम डेवलप हुआ है। 18 हजार से अधिक स्टार्टअप्स, 76 इन्क्यूबेटर्स, 07 सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस और 08 यूनीकॉर्न आज अकेले उत्तर प्रदेश में है। अभी हाल ही में सेण्टर फॉर मॉनीटरिंग इण्डियन इकोनॉमी (सी0एम0आई0ई0) द्वारा बेरोजगारी के आंकड़े जारी किए गए हैं, उसमें उत्तर प्रदेश की बेरोजगारी दर 2.21 प्रतिशत बतायी गयी है। वर्ष 2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत थी। पिछली सरकार के दौर में दिव्यांगजन, निराश्रित महिलाओं व वृद्धजन की पेंशन की राशि 300 रुपये प्रतिमाह मिलती थी और उसमें भी अनियमितताएं थीं। आज डी0बी0टी0 के माध्यम से 01 करोड़ 06 लाख परिवारों को 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष पेंशन सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जा रही है। राज्य सरकार ने तय किया है कि बच्चों को छात्रवृत्ति दीपावली के पहले और शेष बच्चों को गणतंत्र दिवस के पहले हर हाल में प्राप्त हो जाए। छात्र-छात्राओं को समय से छात्रवृत्ति मिल सके, इसके लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जा रहा है।
विधान सभा के पिछले सत्र में 13 व 14 अगस्त, 2025 को सदन में ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश’ के मुद्दे पर बहुत सार्थक चर्चा सम्पन्न हुई थी। सदन में यह चर्चा रात्रि में भी हुई थी। इस चर्चा के बाद प्रदेशभर के 300 बुद्धिजीवियों को हमने विभिन्न संस्थानों में इसी मुद्दे पर चर्चा के लिए भेजा। ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश’ के दृष्टिगत एक पोर्टल विकसित किया गया। राज्य सरकार ने ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश’ के सम्बन्ध में प्रदेश के लोगों से राय मांगी और अब तक 98 लाख लोगों ने अपने सुझाव भेजे हैं।
भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री जी के विजन को साकार करने में उत्तर प्रदेश का विकसित राज्य बनना आवश्यक है। उत्तर प्रदेश को विकसित बनाने के लिए आमजन के विचार हमारे सामने आए हैं। इन सभी विचारों पर प्रदेश सरकार आई0आई0टी0 कानपुर के साथ मिलकर कार्य कर रही है। हमें सकारात्मक सोच के साथ कार्यों को आगे बढ़ाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘राह में मुश्किल होगी हजार, तुम दो कदम बढ़ाओ तो सही, हो जाएगा हर सपना साकार, तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।’ ‘विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश’ के लिए इस सदन ने जो सपने देखे हैं, उन सभी सपनों को साकार करने के लिए हम प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। सदन में ‘वन्दे मातरम’ पर भी चर्चा सार्थक रही है। उत्तर प्रदेश:विकास,रोजगार और सुशासन का नया मॉडल





















