उत्तर प्रदेश की जेलों पर तैनात किए गए छह आईपीएस अफसर। उत्तराखंड में आठ आईपीएस की तैनाती का प्रयोग हुआ था फेल।…तो प्रदेश में सफल होगा जेलों में आईपीएस तैनाती का प्रयोग…!
आर.के.यादव
लखनऊ। उत्तराखंड की तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी प्रदेश की जेलों में आईपीएस अफसरों की तैनाती का नया प्रयोग किया है। उत्तराखंड सरकार को यह प्रयोग तो कारगर साबित नहीं हुआ। प्रदेश सरकार को यह नया प्रयोग कितना कारगार साबित होगा। यह परिणाम तो अभी गर्त में फिलहाल प्रदेश सरकार ने जेलों में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए पांच आईपीएस तैनात दिए जाने का आदेश जारी कर दिया है। सरकार के इस निर्णय से कारागार विभाग के अधिकारियों में खलबली मची हुई है। शासन की ओर से तैनात किए गए पुलिस अधीक्षकों की जेलों में क्या भूमिका होगी इसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई हैं। UP
जेलों में सफल होगा आईपीएस का प्रयोग…!
राष्ट्रपति धारकों को मिले पूर्वांचल की जेलों पर तैनाती- प्रदेश सरकार ने खुंखार अपराधियों की मदद करने के आरोप में मंगलवार को तीन वरिष्ठï अधीक्षक को निलंबित करने का फरमान जारी कर दिया। प्रदेश की अतिसंवेदनशील केंद्रीय कारागार नैनी के अधीक्षक शशिकांत सिंह, बांदा के वरिष्ठï अधीक्षक अविनाश गौतम और बरेली जिला जेल के वरिष्ठï अधीक्षक राजीव शुक्ला के खिलाफ कार्रवाई होने के बाद इन जेलों पर अभी तक किसी अधिकारी की तैनाती नहीं की गई है। विभागीय अफसरों में चर्चा है कि विभागीय अधिकारियों का अतिसंवेदनशील जेलों पर राष्टï्रपति पदक धारक अधिकारियों का तैनात किया जाना चाहिए। ऐसे अधिकारियों की पूर्वांचल की जेलों पर तैनाती की ही नहीं जाती है।
बीती 12 फरवरी 2021 को उत्तराखंड सरकार ने जेलों में वरिष्ठï अधीक्षक एवं अधीक्षक की कमी को देखते हुए प्रदेश की जेलों में आठ आईपीएस अधिकारियों को तैनाती दिए जाने का निर्णय लिया। इस निदेश के तहत उत्तराखंड की केंद्रीय कारागार सितारंगज, हल्द्वानी, हरिद्वार, देहरादून, रूडक़ी जेलों में तैनात करने का आदेश जारी किया गया। आठ में से छह आईपीएस अधिकारियों को जेलों और दो अधिकारियों को जेल मुख्यालय में तैनात किया गया। सूत्रों का कहना है कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ कई अधिकारी न्यायालय की शरण में चले गए। न्यायालय ने जेेलों में आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति निरस्त कर वापस किए जाने का आदेश जारी किया। इस निर्देश के बाद आईपीएस अधिकारियों को जेलों से वापस कर दिया गया।
इस कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी प्रदेश की जेलों में अधिकारियों की कमी को देखते हुए सोमवार को छह आईपीएस अधिकारियों को जेलों में बतौर पुलिस अधीक्षक तैनात किए जाने का निर्णय लिया। इस निर्णय के तहत शिवहरि मीणा, सुभाष शाक्य, गौरव बंसवाल, हिमांशु कुमार, हेमंत कुटियाल और राजेश श्रीवास्तव को वर्तमान प्रभार के साथ जेलों का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। यह सभी अधिकारी कारागार विभाग से सम्बद्ध किए गए है। विभागीय अफसरों में आईपीएस अधिकारियों को लेकर तमाम तरह के चर्चाएं हो रही है। अटकले लगाई जा रही हैं कि बतौर पुलिस अधीक्षक तैनात किए गए इन आईपीएस अधिकारियों को वरिष्ठï अधीक्षक या फिर डीआईजी का प्रभार सौंपा जाएगा। इसको लेकर संशय की स्थिति बरकरार है। उधर इस संबंध में जब डीआईजी जेल मुख्यालय एके सिंह से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने इस शासन का मामला बताते हुए कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। UP जेलों में सफल होगा आईपीएस का प्रयोग…!