
भारत लोकतांत्रिक मूल्यों, कूटनीतिक गरिमा और तथ्यों पर आधारित वैश्विक विमर्श में विश्वास करता है। इस दृष्टिकोण से, ऐसे वक्तव्य न केवल भ्रामक हैं, बल्कि भारत-अमेरिका के परस्पर सम्मान पर आधारित संबंधों की भावना के प्रतिकूल भी हैं। भारत वर्तमान में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसका आकार लगभग $3.8 ट्रिलियन है। 2025-26 तक भारत की विकास दर 6.4%–6.8% रहने का अनुमान है-जो प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी है। विश्व बैंक, IMF, एडीबी तथा अन्य प्रतिष्ठित वैश्विक संस्थाएं लगातार भारत को दुनिया की सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में रेखांकित करती रही हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उन्हें दुनिया का सबसे अप्रत्याशित नेता क्यों कहा जाता है। भारतीय आयात पर 1 अगस्त से 25% का शुल्क और जुर्माने की घोषणा के बाद, गुरुवार को ट्रंप ने भारत और रूस के संबंधों पर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की। इतना ही नहीं, उन्होंने आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान के साथ कारोबारी समझौते की घोषणा करते हुए अमेरिकी कंपनियों द्वारा पाकिस्तान में निकाले गए तेल को भारत को बेचने पर भी तंज कसा। ट्रंप के इन बयानों पर भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह टिप्पणी भारत के उस अडिग रुख की प्रतिक्रिया है जिसमें उसने कारोबारी समझौतों में अमेरिकी दबाव को दरकिनार किया है। ऐसे बयान दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों की प्रकृति के खिलाफ माने जा रहे हैं।
ट्रंप ने ‘टूथ सोशल’ पर लिखा, “मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि भारत रूस के साथ क्या करता है। वे दोनों अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ डुबा सकते हैं। मुझे इसकी कोई चिंता नहीं। हमने भारत के साथ बहुत कम कारोबार किया है। उनका टैरिफ बहुत ज़्यादा है। इसी तरह, रूस और अमेरिका के बीच कोई कारोबार नहीं होता। इसे इसी तरह रहने दिया जाए।” यह टिप्पणी ट्रंप की सामान्य भाषाशैली के अनुरूप है, लेकिन यह साफ है कि वह भारत के साथ कारोबारी और रणनीतिक संबंधों का कोई लिहाज़ नहीं कर रहे हैं। साथ ही, भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर उनका बयान सच्चाई से काफी दूर है। विश्व बैंक, IMF, ADB, S&P, मूडीज और मॉर्गन स्टेनली जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने अपनी रिपोर्टों में वर्ष 2025 में भी भारत को दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला देश बने रहने का अनुमान लगाया है। इन एजेंसियों के अनुसार, 2025-26 में भारत की आर्थिक विकास दर 6.4% से 6.8% के बीच रहने वाली है, जो अमेरिका की संभावित विकास दर के मुकाबले दोगुनी है।
विश्व बैंक के आँकड़ों के मुताबिक, 2023 और 2024 में दुनिया की आर्थिक प्रगति में भारतीय अर्थव्यवस्था का योगदान 15% से ज़्यादा था। भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार लगभग 3.8 ट्रिलियन डॉलर है और यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। ट्रंप ने यह दिखाने की कोशिश की है कि भारत रूस से अधिक कारोबार करता है, जबकि अमेरिका के साथ बहुत कम होता है। यह बात भी पूरी तरह गलत है। 2024-25 में भारत और रूस का द्विपक्षीय कारोबार 68.7 बिलियन डॉलर का था, जिसमें 85% हिस्सा रक्षा और ऊर्जा (तेल व गैस) का था। दूसरी ओर, पिछले साल भारत और अमेरिका का द्विपक्षीय कारोबार 131 बिलियन डॉलर था। भारत और अमेरिका के बीच कारोबार काफी व्यापक है, जबकि रूस और भारत का कारोबार मुख्य रूप से रक्षा उत्पादों और तेल-गैस तक ही सीमित है।
ट्रंप के टैरिफ लगाने के अधिकार की समीक्षा करेगी अमेरिकी अदालत
वाशिंगटन, रॉयटर्सः अमेरिकी अपील अदालत के जजों ने गुरुवार को यह सवाल उठाया कि क्या डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ उनकी आपातकालीन शक्तियों के तहत उचित थे। इससे पहले, एक निचली अदालत ने कहा था कि उन्होंने आयातित वस्तुओं पर अत्यधिक टैरिफ लगाकर अपने अधिकार का उल्लंघन किया है। वाशिंगटन डीसी स्थित संघीय सर्किट के लिए अमेरिकी अपील अदालत, अप्रैल में ट्रंप द्वारा कई अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों पर लगाए गए ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ और फरवरी में चीन, कनाडा तथा मैक्सिको पर लगाए गए टैरिफ की वैधता पर विचार कर रही है।
पांच छोटे व्यवसायों और डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले 12 अमेरिकी राज्यों द्वारा दायर दो मामलों में दलीलें सुनते हुए, जजों ने सरकारी वकील ब्रेट शुमेट से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि ‘इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA)’ ने ट्रंप को शुल्क लगाने की शक्ति कैसे प्रदान की। IEEPA, 1977 का एक कानून है जिसका ऐतिहासिक रूप से दुश्मनों पर प्रतिबंध लगाने या उनकी संपत्ति जब्त करने के लिए उपयोग किया जाता रहा है। ट्रंप शुल्क लगाने के लिए IEEPA का उपयोग करने वाले पहले राष्ट्रपति हैं। जजों ने शुमेट को बार-बार टोका और उनके तर्कों पर सवाल खड़े किए। एक जज ने कहा, “IEEPA में टैरिफ का कोई ज़िक्र ही नहीं है।” शुमेट ने जवाब में कहा कि यह कानून आपात स्थिति में “असाधारण” अधिकार देता है, जिसमें आयात को पूरी तरह से रोकने की क्षमता भी शामिल है। भारत और रूस की अर्थव्यवस्था को लेकर ट्रंप की टिप्पणी

























