कोरोना काल मे केजीबीवी में पढ़ाई बंद है, भ्रष्टाचार के लिये दरवाजे खुले है। भाजपा सरकार के संरक्षण में केजीबीवी में हुआ घोटाला। छात्राओं के हक पर डाका डालने वालों पर कब होगी कार्यवाही? बताये सरकार। राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर, मंत्री, अधिकारी व ठेका माफिया कर रहे संगठित अपराध और जनता के धन पर डाल रहे डाका। केजीबीवी में हुए घोटाले की हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में हो जांच।
अंशू अवस्थी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार पर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के मंत्रियों, अधिकारियों व ठेका माफियाओं का मजबूत गठबंधन जनता के धन पर खुलेआम डाका डाल रहा है। सरकार के कथित ईमानदार मुखिया मौन धारण कर चुप हैं। वह कार्यवाही करने के बजाय भ्रष्टाचार एवं घोटाले की पोल खोलने वालों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्यवाही करा रहे हैं।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में भोजन, स्टेशनरी, मेडिकल केयर, कंटीजेंसी आदि मद में हुए करोड़ांे के घोटाले में लिप्त विभागीय मंत्री, अधिकारी, बीएसए सहित डबल ए.ओ. और आपूर्तिकर्ता फर्म अब जबकि रंगे हाथों पकड़े गए हैं जिनके विरुद्ध कार्यवाही करने के बजाय मुख्यमंत्री जी मौन धारण कर छात्राओं के हक पर डाका डालने वालों को संरक्षण देते हुए साफ दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब केजीबीवी बंद है, पढ़ाई बंद है, छात्राएं अपने घरों पर हैं, उसके बाद भी छात्राओं के लिए आये धन पर खुले आम डाका कैसे पड़ गया? उन्होंने कहा कि यह सब व्यवस्था के संरक्षण में लुटेरों का गिरोह हर विभाग में सरकारी धन की बेखौफ होकर लूट में लगा हुआ है और एक तरह से राज्य सरकार ने पूरी तरह से भ्रष्टाचार के लिये दरवाजे खोल रखे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के सभी केजीबीवी भ्रष्टाचार और लूट के केंद्र बना दिये गए हैं। प्रधानमंत्री की संसदीय सीट वाराणसी सहित प्रदेश के 18 जनपदों रायबरेली, सुल्तानपुर, श्रावस्ती, सोनभद्र, संतकबीरनगर, उन्नाव, प्रतापगढ़, देवरिया, मऊ, गोंडा, फतेहपुर, बरेली, बिजनौर, गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद में व्यवस्था के संरक्षण में छात्राओं के धन पर जिस तरह डाका डाला गया है वह लुटेरों के दुस्साहस को साफ दर्शाता है। उन्हें पता है ‘सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का’।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि भ्रष्टाचार और अपराध पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की बात करने वाली योगी सरकार में घोटाले, भ्रष्टाचार और अपराध की हर तरफ बहार है। उन्होंने योगी जी से प्रश्न पूछते हुए कहा कि वह बतायें छात्राओं के हक पर डाका डालने वालों पर कब होगी कार्यवाही? दोषियों को कब भेजा जाएगा जेल? विभागीय मंत्री की कब होगी मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केजीबीवी में अभी हुए 9 करोड़ के घोटाले में भ्रष्टाचारियों को बचाने की कवायद की जा रही है। पूरे दुस्साहस के साथ राज्य में विभागीय मंत्री, अधिकारी व ठेका माफिया, अवैध शराब माफिया, वन माफिया सहित भांति-भांति के माफियाओं का गठबंधन प्रदेश के सरकारी खजाने को लूटने में लगा हुआ है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मांग करते हुए कहा कि केजीबीवी में हुए घोटाले की हाइकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच करायी जाए, सम्बंधित विभागीय मंत्री व अधिकारियों की बर्खास्तगी हो, आपूर्तिकर्ताओ की फर्मांे को ब्लैकलिस्टेड करने के साथ सभी के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज कर कानून के अनुसार सख्त कार्यवाही की जाए।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कस्तूरबा विद्यालय में इस सरकार में यह कोई पहला घोटाला नहीं है। इसके पूर्व भी पिछले वर्ष मैनपुरी के करहल व रायबरेली सहित अनेक जनपदों में करोड़ों का घोटाला हुआ। जांच में सबको किसने बचाया यह सर्वविदित है। यही नहीं केजीबीवी में किस तरह एक फर्जी डॉक्युमेंट्स के आधार पर शिक्षिका द्वारा प्रदेश के लगभग 25 जनपदों में एक साथ नौकरी करते हुए करोड़ांे का धन, वेतन मद में आहरित किया गया और इतने बड़े घोटाले में लिप्त लोगों को किस तरह बचाया गया यह सबके सामने है। उन्होंने प्रश्न उठाते हुए कहा कि क्या व्यवस्था के संरक्षण के बिना इतना बड़ा खेल हो सकता था? भाजपा की योगी सरकार ने वंचित समाज के लिये स्थापित कस्तूरबा आवासीय विद्यालयों को भ्रष्टाचार के केंद्र में बदलकर उन्हें बर्बाद करने के लिये उन्हें लूट के अड्डों में बदल दिया है। जिससे समाज के वंचित वर्ग की छात्राओं को स्तरीय शिक्षा ग्रहण करने में बाधा डाली जा सके।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने एक और उदाहरण देते हुए कहा कि यह लूट के साथ एक और फर्जीवाड़ा हो रहा है। छात्र संख्या अधिक बताकर सरकारी धन की लूट का खेल अनवरत चल रहा है। ऐसे कई मामले इसी सरकार में पिछले वर्ष सामने आए जिसमें प्रमुख रूप से गाजीपुर जनपद में 77 प्रतिशत छात्र संख्या अधिक दर्शाकर सरकारी खजाने से लूट करायी गयी। आखिर केजीबीवी में भ्रष्टाचार की पोल यदि खुल जाती है तो आवाज उठाने वालों के विरुद्ध सरकार कार्यवाही करने में देरी नहीं करती। गाजीपुर में जिस व्यक्ति ने घोटाले का पर्दाफाश किया उसके विरूद्ध किस तरह के घिनौने आरेाप लगाये गये। एक अन्य उदाहरण भदोही का है जहां विद्यालय में मध्यान्ह भोजन में नमक, रोटी बच्चों को देने की घटना का खुलासा करने वाले पत्रकार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर प्रताड़ित किया गया और भ्रष्टाचारियों को बचाया गया।
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