राजेन्द्र चौधरी
अखिलेश यादव ने कहा है कि आज राज्य विधानमण्डल के समक्ष महामहिम राज्यपाल ने जो अभिभाषण पढ़ा उसमें न तो कुछ नयापन है और नहीं उसमें प्रदेश के विकास की कोई सुनियोजित मंशा ही दिखाई देती है। सरकार कुछ कहे पर जनता को सब सच्चाई मालूम है कि भाजपा सरकार ने पिछले पांच साल नाम और पत्थर बदलने में लगा दिए जबकि आज भी वह जनहित की ठोस योजनाओं की प्रस्तुति से वंचित है।नामों में कुछ हेरफेर के साथ राज्य सरकार ने जो योजनाएं पेश की है वे सामान्यतया वही है जिनका प्रारम्भ समाजवादी सरकार में हुआ था। चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में नया कुछ करने के बजाय समाजवादी सरकार के कामों को ही गिना दिया गया है। एक भी यूनिट बिजली का उत्पादन न करने वाली भाजपा सरकार में लोग बिजली कटौती के चलते अंधेरे और भीषण तपिश में जीने को मजबूर है।
महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण में किसानों, नौजवानों को गुमराह ही किया है। किसान की फसल औने पौने दाम पर बिक रही है। एमएसपी की अनिवार्यता पर एक भी शब्द नहीं है। किसान की आय दुगनी करने का वादा थोथा ही दिख रहा है। गन्ना किसानों के भुगतान की बड़ी राशि बकाया है। गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ।उत्तर प्रदेश में भाजपा राज में निवेश के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ। समाजवादी सरकार ने तो आईटी हब बनाकर दिखा दिया, भाजपा कोई नया मॉडल भी नहीं बना सकी। नौजवानों को रोजगार के लिए कोई योजना नहीं है। भाजपा सरकार ने सिर्फ पेपर लीक और भर्ती घोटालों की सौगाते दी है। बेरोजगार नौजवानों की न्याय की मांग पर उन्हें सिर्फ लाठियों से पीटा गया। एक भी सैनिक स्कूल नहीं खोला गया।
अजीब बात है कि मुख्यमंत्री जी और भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश में अपराधों में गिरावट के जो दावे किये जा रहे हैं उनकी पोल राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरों के आंकड़ों से खुल गई है। भाजपा सरकार में दुष्कर्म और महिला अपराध की घटनाएं आये दिन घट रही है। रोज ही लोगों की पुलिस हिरासत में मौते हो रही है। भाजपा सरकार और प्रशासन तंत्र केवल अपने हितों के लिए ही निर्दोषों का उत्पीड़न कर रही है। उन्हें जनता की सुरक्षा से कोई वास्ता नहीं है। उत्तर प्रदेश की लापरवाह भाजपा सरकार अव्यवस्था और महिला अपराध में केवल नम्बर वन बन गयी है।
सच तो यह है कि भाजपा सरकार की योजनाओं में भी आरएसएस के एजेण्डा की झलक दिखाई देती है। एक खास समुदाय के प्रति उपेक्षा का भाव इसमें जाहिर है। गरीब, किसान, युवा, शिक्षक और व्यापारी वर्ग को सहूलियत तो मिली नहीं, उनकी तकलीफों को और बढ़ा दिया गया है। राज्यपाल जी ने भाजपा सरकार के थोथे दावों की पुस्तिका को ही पढ़कर अपने कार्यवृत्त की इति कर ली। इस किताब में कुछ भी सत्य नहीं है। जनता को भाजपा सरकार से गहरी निराशा ही हाथ लगी है।