मुख्यमंत्री से मिल खुशी की खुशी दोगुनी

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मुख्यमंत्री से मिल खुशी की खुशी दोगुनी
मुख्यमंत्री से मिल खुशी की खुशी दोगुनी

कानपुर से लखनऊ तक की लंबी दूरी, रात का सन्नाटा और सड़क पर अकेली चलती एक मूकबाधिर बच्ची—नाम खुशी। तीन दिन पहले वह बिना किसी सहारे के केवल एक अरमान लिए घर से निकली थी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलना। हजरतगंज में गश्त के दौरान जब थाना प्रभारी विक्रम सिंह की नज़र उस मासूम पर पड़ी, तो सामने आई एक ऐसी कहानी जिसने पुलिस अधिकारियों को भी भावुक कर दिया। मुख्यमंत्री से मिल खुशी की खुशी दोगुनी

नाम खुशी जिसके चेहरे की मुस्कान दोगुनी हो गई। 3 दिन पहले ये बच्ची कानपुर से अकेले मुख्यमंत्री योगी से मिलने लखनऊ के लिए निकल गई, रात्रि में हजरतगंज थाना प्रभारी विक्रम सिंह गश्त पर थे, तभी उनकी नजर इस बच्ची पर पड़ी जिसके बाद इंस्पेक्टर साहब बच्ची के पास पहुंचे और उससे बात करने की कोशिश की, बात करने पर मालूम हुआ की बच्ची मूकबाधिर है, जो ना कुछ बोल सकती है और ना ही सुन सकती है।

महिला सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए इंस्पेक्टर विक्रम सिंह उस बच्ची को थाने लेकर आए यहां उन्होंने एक ट्रांसलेटर को बुलाया जो इस बच्ची के इशारे को समझ सके।ट्रांसलेटर की मदद से मालूम चला की बच्ची कानपुर की रहने वाली है, और उसने एक कागज पर पेंटिंग बनाई है जो कि योगी आदित्यनाथ जी की है, संभवत वह उनसे मिलने के लिए ही लखनऊ आई है। इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बच्ची को इशारों इशारों में बताया कि बेटा मुझे कल तक का समय दो मैं तुम्हारी मुलाकात माननीय मुख्यमंत्री जी से कराऊंगा।

हजरतगंज इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के अथक प्रयासों से आज बच्ची माननीय योगी आदित्यनाथ जी का आशीर्वाद ले रही है। और अपनी पीड़ा भी बच्ची ने महाराज जी को बताई, जिसके बाद मुख्यमंत्री जी ने तत्काल ही अपने सचिव को आदेश दिए हैं की बच्ची के लिए लखनऊ मे ही आवास की व्यवस्था की जाए एवं बच्ची का इलाज लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में कराया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने साफ-साफ कहा है कि मैं सिर्फ इस बच्ची की आवाज को सुनना चाहता हूं। अगर बच्ची को करोड़ों रुपए भी इलाज में लगे तो लगाएं सरकार के पास कोई कमी नहीं है। इस बच्ची के भविष्य को संवारने में सबसे बड़ा सहयोग अगर किसी का रहा है तो वह इंस्पेक्टर विक्रम सिंह का… सैल्यूट है। मुख्यमंत्री से मिल खुशी की खुशी दोगुनी