बदला उत्तर प्रदेश का चेहरा 8 साल में 8 महापरिवर्तन

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8 साल:विकास,विश्वास और परिवर्तन की कहानी
8 साल:विकास,विश्वास और परिवर्तन की कहानी

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से सत्ता में आई योगी आदित्यनाथ सरकार ने बीते आठ वर्षों में प्रदेश को दंगों, अपराध, भय और पलायन से निकालकर शांति, कानून के राज और निवेश के केंद्र के रूप में स्थापित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में “जीरो टॉलरेंस नीति” को अपनाते हुए अपराध और अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई। योगी सरकार ने प्रदेश में स्थापित किया कानून का राज, भयमुक्त प्रदेश से निवेश को मिली उड़ान। योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराध और अपराधियों के खिलाफ लगातार जारी है ताबड़तोड़ कार्रवाई। योगी सरकार की पुलिस ने एनकाउंटर, अवैध संपत्ति की जब्ती, कोर्ट में प्रभावी पैरवी, अवैध नशे के सौदागरों और अवैध धर्मांतरण के खिलाफ की कड़ी कार्रवाई। प्रदेश में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत स्थापित हुआ कानून का राज तो प्रदेश के आर्थिक विकास को मिली रफ्तार। वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश को कहा जाता था दंगों, बलात्कार, डकैती, अपहरण वाला प्रदेश। वर्ष 2017 से पहले पलायन को मजबूर हुए आमनगरिक, अपराधियों का पनाहगार बन गया था उत्तर प्रदेश। वर्ष 2017 के बाद योगी सरकार ने बदली प्रदेश की सूरत, आज कानून के राज ने अपराधियों की तोड़ी कमर। पिछले आठ वर्षों में सबसे सुरक्षित प्रदेश बना उत्तर प्रदेश, अपराध में आयी भारी गिरावट,अपराधियों ने किया प्रदेश से पलायन। बदला उत्तर प्रदेश का चेहरा 8 साल में 8 महापरिवर्तन

लखनऊ। याेगी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत प्रदेश में न केवल ‘कानून का राज’ स्थापित किया बल्कि प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी नई उड़ान दी है। वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में अराजकता चरम पर थी। उस दौरान उत्तर प्रदेश दंगों का प्रदेश कहे जाने लगा था। प्रदेश भर में वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया का बोल बाला था। प्रदेशवासियों में सपा पोषित माफियाओं का भय इस कदर व्याप्त हो गया था कि लोग अपने घरों से निकलने से डरने लगे थे। व्यापारी, बहन-बेटियां, आम नागरिक प्रदेश से पलायन करने को मजबूर हो गये थे। वहीं योगी सरकार ने वर्ष 2017 में प्रदेश की कमान संभालने के बाद प्रदेश की सूरत ही बदल डाली। आज उत्तर प्रदेश पूरी तरह से भयमुक्त प्रदेश बन गया है। योगी सरकार ने कड़े निर्णय और मजबूत इच्छाशक्ति से उत्तर प्रदेश विकसित राज्य की अवधारणा को और मजबूती दे रहा है। सीएम योगी के निर्देश पर जीराे टॉलरेंस नीति के तहत अपराधियों का एनकाउंटर, अवैध संपत्ति की जब्ती, कोर्ट में प्रभावी पैरवी, अवैध धर्मांतरण और अवैध नशे के सौदागराें के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गयी। यही वजह है कि आज उत्तर प्रदेश की छवि एक नए, सुरक्षित और निवेश के नये अवसर के रूप में उभर रही है।

वर्ष 2017 से पहले दंगों का प्रदेश आज सबसे सुरक्षित प्रदेश बना, देश-दुनिया में बज रहा कानून व्यवस्था का डंका

वर्ष 2017 से पहले अखिलेश सरकार में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी थी। उस दौरान सपा पोषित अपराधियों ने प्रदेश को जंगलराज की ओर धकेल दिया था। प्रदेशभर को दंगों की आग में झोंक दिया गया था। दिन दहाड़े व्यापारियों की हत्या कर दी जाती थी जबकि बहन बेटियों की अस्मिता से खिलवाड़ आम बात हो गयी थी। वर्ष 2017 से पहले दंगों, अपहरण, बलात्कार और लूटपाट की घटनाओं से अक्सर उत्तर प्रदेश सुर्खियों में रहता था। वर्ष 2013 के मुज़फ्फरनगर दंगों के बाद, प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बन गई और इसने कानून व्यवस्था के प्रति जनता का विश्वास हिलाया। इसके अलावा अपहरण और रंगदारी के मामलों में भी अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई। महिलाओं के खिलाफ अपराध, विशेष रूप से बलात्कार के मामलों में भी वृद्धि हुई। अखिलेश सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति ऐसी थी कि नागरिकों में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया था। एक ओर जहां प्रशासन अपराध पर नियंत्रण की बात करता था, वहीं दूसरी ओर अपराधियों के हौसले बुलंद होते गए। वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद कमजोर थी, जिससे राज्य में अपराधों की बाढ़ आ गई और लोगों में सरकार के प्रति निराशा और आक्रोश फैल गया। इस समय में पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता ने उत्तर प्रदेश को अपराधियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बना दिया था। वहीं वर्ष 2017 के बाद प्रदेश की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीरो टॉलरेंस नीति को अपनाते हुए अपराध और अपराधियों की कमर तोड़ दी। वर्तमान में प्रदेश में काूनन का राज स्थापित है। अपराधियों ने योगी सरकार के आगे घुटने टेक दिया और प्रदेश से पलायन कर गये।

उत्तर प्रदेश जहां 2017 से पहले को दंगों, बलात्कार, डकैती और अपहरण के लिए जाना जाता था, वहीं अब यह सबसे सुरक्षित प्रदेशों में शुमार होने लगा है। एक समय ऐसा था जब आम नागरिकों को पलायन करना पड़ता था, और अपराधी बेखौफ घूमते थे। लेकिन अब, अपराधियों को खुद प्रदेश से भागना पड़ रहा है। कानून का राज सिर्फ शब्दों में नहीं, जमीनी स्तर पर दिख रहा है-हर ज़िले में, हर गली में।

एक नज़र में8 वर्षों के 8 प्रमुख परिवर्तन

  1. अपराध में ऐतिहासिक गिरावट।
  2. अवैध संपत्तियों की जब्ती।
  3. संगठित अपराधों पर शिकंजा।
  4. धार्मिक उन्माद और दंगों का पूर्ण अंत।
  5. युवाओं और महिलाओं की सुरक्षा में अभूतपूर्व सुधार।
  6. अपराधियों का प्रदेश से पलायन।
  7. न्याय प्रणाली में तेज़ी और प्रभावी पैरवी।
  8. निवेश, रोज़गार और विकास को नई रफ्तार।

एनकाउंटर में ढेर हुए 240 से अधिक दुर्दांत अपराधी

योगी सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में अपराध और अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड कार्रवाई करते हुए एनकाउंटर में 240 से अधिक दुर्दांत अपरधियों को मुठभेड़ में ढेर कर यमलोक पहुंचाया है। इस दौरान पुलिस ने कुल 15 हजार से अधिक मुठभेड़ की कार्रवाइयां की, जिनमें 30 हजार से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। एनकाउंटर की कार्रवाई में 9 हजार से अधिक अपराधी घायल हुए। वहीं अपराधियों से लोहा लेते हुए 18 पुलिसकर्मी शहीद हो गये जबकि 1,700 पुलिसकर्मी घायल हुए।

माफियाओं की अवैध संपत्तियों पर चला बुलडोजर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर माफियाओं और संगठित अपराध से जुड़े व्यक्तियों की अवैध संपत्तियों को चिन्हित कर ध्वस्त किया गया। ऐसे मामलों में पुलिस और प्रशासन ने संयुक्त अभियान चलाकर करोड़ों रुपये की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया। इससे न केवल अपराधियों की कमर टूटी, बल्कि आम जनता में सरकार के प्रति विश्वास भी बढ़ा। पिछले आठ वर्षों में योगी सरकार की पुलिस ने पिछले आठ वर्षों में माफियाओं द्वारा अवैध रूप से अर्जित 142 अरब से अधिक लागत की चल/अचल संपत्तियों के जब्तीकरण आैर ध्वतीकरण की कार्रवाई की गयी। इस दौरान प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद की अवैध संपत्ति को जब्त करते हुए गरीबों के सपनों का आशियाना बनाया गया।

कोर्ट में प्रभावी पैरवी से अपराधियों को मिली सजा

योगी सरकार द्वारा अपराधियों को कोर्ट में प्रभावी पैरवी के जरिये लगातार कठोर सजा दिलायी जा रही है। योगी सरकार द्वारा ऑपरेश कन्विक्शन के तहत अब तक करीब 1 लाख अपराधियों को सजा दिलायी जा चुकी है। इसमें बलात्कार, हत्या, संगठित अपराध जैसे मामलों में करीब 10 हजार अपराधियों को आजीवन कारावास तथा 68 अपराधियों को मृत्युदंड तक की सजा दिलाई गई। योगी सरकार द्वारा कोर्ट में प्रभावी पैरवी के जरिये प्रतिदिन औसतन 143 मुकदमों का निस्तारण और 187 अपराधियों को सजा दिलायी जा रही है। इसी तरह नशे के अवैध कारोबार को समाप्त करने के लिए योगी सरकार ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाए। प्रदेशभर में छापेमारी कर नकली शराब फैक्ट्रियों, ड्रग्स रैकेट्स और अंतरराज्यीय माफिया नेटवर्क्स को ध्वस्त किया गया। लाखों लीटर अवैध शराब नष्ट की गई और हजारों तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। प्रदेश में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया। वहीं, 2737 करोड़ से अधिक अवैध मादक पदार्थों की बरामदगी की गयी। वहीं 30 हजार से अधिक मुकदमे दर्ज करते हुए अवैध नशे के सौदागरों के खिलाफ एक्शन लिया गया।

अवैध धर्मांतरण पर कड़ा प्रहार किया

योगी सरकार द्वारा अवैध धर्मांतरण के खिलाफ न केवल नई नीति बनाई बल्कि उसे सख्ती से लागू भी किया। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 के तहत सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया और संगठित रूप से धर्मांतरण कराने वाले गिरोहों को बेनकाब किया गया। यह कार्रवाई खासतौर पर गरीब और दलित तबके के लोगों को संरक्षण देने की दिशा में एक बड़ा कदम रहा। हाल के दिनों में प्रयागराज, बलरामपुर और आगरा आदि में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गयी। योगी सरकार द्वारा अवैध धर्मांतरण का रैकेट चलाने वाले जलालुद्​दीन उर्फ छांगुर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गयी। यह अवैध धर्मांतरण के खिलाफ अब तक की सबसे कड़ी कार्रवाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में यूपी पुलिस ने अपराधी या तो जेल में होगा या प्रदेश से बाहर के मंत्र को धरातल पर उतारा। इससे अपराधियों में भय और आम जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। यही वजह है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है।

बेहतर कानून व्यवस्था से तेज़ हुआ निवेश और विकास

योगी सरकार द्वारा जीरो टॉलरेंस नीति के तहत ताबड़तोड़ कार्रवाई से सबसे बड़ा लाभ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मिला। वर्तमान में भयमुक्त वातावरण में निवेशकों का विश्वास बढ़ा, जिससे उत्तर प्रदेश देश के सबसे तेजी से विकसित होने वाले राज्यों में शामिल हुआ। डिफेंस कॉरिडोर, डेटा सेंटर, फिल्म सिटी, औद्योगिक गलियारों जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स में निवेश लगातार आ रहा है। इन परियोजनाओं ने लाखों लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं हैं। बदला उत्तर प्रदेश का चेहरा 8 साल में 8 महापरिवर्तन