निकम्मी सरकार पर मुस्कुराते रहे मुख्यमंत्री
जो सरकार निकम्मी है वो सरकार बदलनी है के नारे पर मुस्कुराते रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत। जिस एसओजी की एएसपी 2 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार हैं वह एसओजी पेपर लीक की क्या जांच करेगी। हंगामे के कारण विधानसभा में कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों वाला भाषण राज्यपाल नहीं पढ़ सके। भाजपा ऐसी धमाल पट्टी चुनाव तक करती रहेगी। वरिष्ठ नेता ही विधानसभा की गरिमा को गिरा रहे हैं। मार्शल के जरिए आरएलपी के तीनों विधायकों को सदन से बाहर निकाला।
एस0 पी0 मित्तल
राजस्थान। राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन 23 जनवरी को जबरदस्त हंगामा हुआ। परंपरा के अनुसार नए सत्र की शुरुआत के अवसर पर जब राज्यपाल कलराज मिश्र ने सरकार की उपलब्धियों वाला भाषण पढ़ना शुरू किया तो प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने प्रदेश में हो रहे पेपर लीक का मामला उठाया। कटारिया का कहना था कि सरकार की विफलता के कारण हर परीक्षा का प्रश्न पत्र आउट हो रहा है, इससे 50 लाख परीक्षार्थी परेशान हैं। कटारिया के इस कथन के साथ ही भाजपा के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। थोड़ी देर तो राज्यपाल ने भाषण को पढ़ा और फिर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से सलाह कर भाषण पढ़ना बंद कर दिया। राज्यपाल के भाषण को पढ़ा हुआ माना गया।
भाजपा के विधायक जब विधानसभा में जो सरकार निकम्मी है वो सरकार बदलनी है के नारे लगा रहे थे तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मुस्कुराते देखे गए। हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के तीनों विधायकों ने भी हंगामा करते हुए पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। विधायकों के हंगामे की वजह से राज्यपाल को भी सदन से जल्दी जाना पड़ा। भाजपा विधायकों ने हंगामे के दौरान फसलों के खराब होने का मामला भी उठाया। बीजेपी के विधायक बलवीर सिंह तो सरसों की फसल की गांठ को लेकर ही विधानसभा में पहुंच गए। परंपरा के मुताबिक सत्र के पहले दिन एक विधायक की शपथ और फिर शोकाव्यक्ति के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया।
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सीबीआई से जांच की मांग
आरएलपी के विधायक नारायण बेनीवाल और पुखराज गर्ग ने पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस समय पेपर लीक मामलों की जांच एसओजी कर रही है। जबकि हाल ही में एसओजी की एक एएसपी को 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बेनीवाल ने कहा कि ऐसी जांच एजेंसी पेपर लीक की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि पेपर लीक के प्रकरण में भाजपा और कांग्रेस मिले हुए हैं। बेनीवाल ने कहा कि सीबीआई जांच होने पर ही पेपर लीक के असली गुनहगार पकड़े जाएंगे। एसओजी की जांच तो गुनाहगारों को बचाने के लिए हो रही है।
चुनाव तक चलेगी धमाल पट्टी
भाजपा के हंगामे के संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्यपाल के भाषण के दौरान भाजपा विधायकों का हंगामा पूर्व नियोजित था। मुझे पता है कि भाजपा के लोग अब विधानसभा चुनाव तक इसी तरह धमाल पट्टी करते रहेंगे। भाजपा नहीं चाहती कि सरकार की योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियां ही बताई जा रही थी। लेकिन भाजपा के विधायक सच्चाई को सुनना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा इस कार्यवाही का मुकाबला कांग्रेस के कार्यकर्ता डट कर करेंगे। भाजपा विधायकों का कृत्य राज्यपाल का अपमान करना भी है। उन्होंने कहा कि आगामी 8 फरवरी को जनकल्याणकारी बजट प्रस्तुत किया जाएगा।
हंगामा दुर्भाग्यपूर्ण
हंगामे के बाद जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो हुई तो अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि हंगामा दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि सदन के वरिष्ठ विधायक ही माहौल बिगाड़ रहे हैं। सीपी जोशी का इशारा प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया की ओर था। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि हाल ही में राजस्थान विधानसभा में ही देशभर के विधानसभा अध्यक्षों का सम्मेलन हुआ था। सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ ने भी संसद और विधानसभाओं में होने वाले हंगामों पर चिंता प्रकट की थी। तब सभी नेताओं ने संकल्प लिया कि सदन की कार्यवाही सुचारू तौर पर चलाने में सहयोग किया जाएगा। जिस विधानसभा में संकल्प लिया गया उसी विधानसभा में 23 जनवरी को जमकर हंगामा हुआ।
आरएलपी के विधायक सस्पेंड
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद जब सदन दोबारा से शुरू हुआ तब भी आरएलपी के विधायक नारायण बेनीवाल, पुखराज गर्ग, इंदिरा देवी ने फिर से हंगामा करने लगे इस पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने तीनों विधायकों को एक दिन के सस्पेंड करने का ऐलान किया। लेकिन इसके बाद भी तीनों विधायक सदन से बाहर नहीं गए, इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शल बुलाकर तीनों विधायकों को बाहर निकलवा दिया।
निकम्मी सरकार पर मुस्कुराते रहे मुख्यमंत्री