विद्युत कर्मियों को रियायती दर पर प्राप्त विद्युत की सुविधा को समाप्त किया जाना अनुचित। उ0प्र0 सरकार के गजट नोटिफिकेशन 2000 एवं 2003 के अनुक्रम में प्राप्त सुविधा समाप्त करने का संगठन विरोध करता है। विद्युत कर्मियों सेवा निवृत्ति विद्युत सेवकों को रियायती दर पर प्राप्त विद्युत की सुविधा को यथावत जारी रखने की मांग। –इं. जय प्रकाश रियायती विद्युत सुविधा समाप्त किया जाना अनुचित
अजय सिंह
लखनऊ। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन, उत्तर प्रदेश के केन्द्रीय अध्यक्ष इं0 जय प्रकाश ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि विद्युत कर्मियों को रियायती दर पर प्राप्त हो रही विद्युत की सुविधा को समाप्त किया जाना पूर्णता अनुचित है। विद्युत कर्मियों को यह सुविधा उत्तर प्रदेश विद्युत सुधार अधिनियम 2000 एवं अंतरण स्कीम 2003 में निहित प्रावधानों के अन्तर्गत में दी जा रही है। उक्त अधिनियम में स्पष्ट रूप से उल्लिखित है कि “विद्युत कर्मियों को पूर्व से प्राप्त हो रही सुविधाओं को कमतर नहीं किया जाएगा तथा उन्हे रियायती विद्युत की सुविधा प्राप्त होती रहेगी।” इसके अतिरिक्त ऊर्जा प्रबंधन एवं विभिन्न कार्मिक संगठनों के मध्य समय समय पर संपन्न वार्ताओं में भी प्रबंधन द्वारा इस सुविधा को जारी रखने का आश्वासन दिया गया है।
दिनांक 25/05/2023 को जारी आदेश द्वारा विभागीय कार्मिकों के लिए निर्धारित श्रेणी एलएमवी-10 को घरेलू उपभोक्ताओं की श्रेणी एलएमवी-1 में मर्ज किया जाना गलत है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 3.40 करोड़ है जबकि सेवानिवृत्त सेवक एवं विद्युत कर्मियों की कुल संख्या अधिकतम 1.20 लाख है। जिनके द्वारा उपभोग की गई विद्युत का रियायती मूल्य उनके वेतन एवं पेंशन कटौती कर सीधे विभाग को चला जाता हैं। इस प्रकार कार्मिकों को दी गई स्डट-10 की सुविधा का कारपोरेशन पर वित्तीय भार बहुत ही कम है।
संगठन के महासचिव इं. जी.वी.पटेल ने कहा कि विद्युतकर्मी निशुल्क विद्युत का उपभोग कतई नहीं करते हैं अपितु निर्धारित स्लैब के तहत विद्युत मद कटौती उनके वेतन से सीधे विभाग द्वारा की जाती है। यह एक ऐसी सुविधा है जो कार्मिकों एवं विभाग के बीच आपसी लगाव को भी मजबूत करती है। ध्यान रहे कि प्रायः सभी सरकारी तथा निजी क्षेत्र के संस्थानो द्वारा अपने कार्मिकों को संस्थान के उत्पाद अथवा सेवाओ को निशुल्क अथवा रियायती दर पर दिया जाता है, विद्युत विभाग इसका कोई अपवाद नहीं है।केन्द्रीय अध्यक्ष इं.जय प्रकाश ने ऊर्जा प्रबंधन से मांग की है कि उत्तर प्रदेश सरकार के गजट नोटिफिकेशन जिसमें कोई भी संशोधन नहीं है, एवं विभिन्न समझौतों के माध्यम से विद्युत कर्मियों को प्राप्त हो रही रियायती दर की विद्युत सुविधा को पावर कारर्पोरेशन द्वारा जारी रखा जाए जिससे विभागीय कर्मियों एवं ऊर्जा प्रबंधन के मध्य आपसी विश्वास एवं स्वस्थ औधोगिक संबन्ध का सकारात्मक वातावरण बना रहे। रियायती विद्युत सुविधा समाप्त किया जाना अनुचित