काशी में नये साल पर डेढ़ करोड़ की दारू गटक गये सुराप्रेमी।
वाराणसी। आध्यात्म, संस्कृति और शिक्षा की राजधानी और श्रीकाशी विश्वनाथ की नगरी में नये साल पर कई नये रिकार्ड बने। आस्थावानों का सैलाब उमड़ा तो श्रीकाशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगानेवालों की संख्या शनिवार की शाम से रविवार की सुबह तक पांच लाख के पार चली गई। काशी के घाट, माल और हाटलों में जानेवाले भी कम नही रहे। इससे इतर सुरा प्रेमियों ने भी नया रिकार्ड बनाया। शनिवार से रविवार तक काशी में सुराप्रेमी डेढ़ करोड़ की शराब और बीयर गटक गए।जिला आबकारी अधिकारी ओमवीर सिंह ने बताया कि 31 दिसम्बर से एक जनवरी तक डेढ़ करोड़ की शराब और बीयर की बिक्री हुई। लेकिन बीयर की अपेक्षा शराब पीनेवाले जयादा रहे। इस मामले में गांव वाले भी पीछे नही रहे। इधर, देसी शराब की खपत ज्यादा हुई।
यह बिक्री देसी, अग्रेजी शराब की दकानों, बीयर की दुकानों के अलावा माडल शाप के अलावा अस्थाई लाइसेंस वाले होटल व रेस्टेरेंटों से हुई। हालांकि हर बार नये साल पर पुलिस और आबकारी विभाग के लिए शराबी सिरदर्द बने रहते हैं। इसलिए दोनों महकमों ने कमर पहले से कस ली थी। आबकारी निरीक्षण चक्रमण कर दुकानों, होटलों व रेस्टोरेंटों की चेकिंग करते रहे। पुलिस सड़कों पर नशे में धुत लोगों को खदेड़ती रही। जो बिल्कुल ही चलने की हालत में नही रहा उन्हें ठिकाने तक पहुंचाना भी पड़ा। काशी में नये साल पर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे।
देश के कोने-कोने से आये लोगों ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किये और गंगा आरती देखी और अपने उज्जवल भविष्य की कामना की। वहीं सुरा प्रेमियों ने ऐसा जाम छलकाया कि पिछले रिकार्ड ही टूट गये। इनमें बिहार से आये सुराप्रेमियों की भी संख्या शामिल है। यूपी से सटे बिहार के बार्डर भभुआ, सासाराम, मोहनिया, डेहरी आनसोन, बक्सर से लगायत अन्य समीपवर्ती जिलों के सुरा प्रेमियों का ठिकाना बनारस ही रहा। इन्होंने अपने रिश्तेदारों, परिचितों के घरों को ठिकाना बनाया। नही जगह मिली तो होटलों में जाम छलका कर निकल लिये।