झमाझम वर्षा होने से किसानों के चेहरे पर आई मुस्कान।खेतों में सूख रही फसलों को मिला पानी।धान,गन्ना सहित अन्य फसलों को हुआ फायदा।
अब्दुल जब्बार एडवोकेट व रामराज
भेलसर(अयोध्या)। श्रावण मास मे काफ़ी इन्तिज़ार के बाद झमाझम वर्षा से किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ गई है।वर्षा होने से जहां एक तरफ धान गन्ना सहित अन्य फसलों को फायदा पहुंचा है वहीं दूसरी तरफ पशु,पक्षियों को भी पानी बरसने से राहत मिली है।इस वर्षा से तालाब तो पूरी तरह से नहीं भर पाए हैं लेकिन वर्षा होने के बाद तालाबों के किनारे मेढकों की टर्र टर्र की आवाज तेज तेज सुनाई देने लगी है।किसान अपने खेतों पर पहुंचकर फसलों को देखकर खुश हो रहा है किसान कह रहा है कि इसी तरह से वर्षा होती रही तो अच्छी फसल मिल सकती है।फिलहाल वर्षा में हुई देरी से हुए नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती है।अनुभवी किसानों का कहना है कि यदि समय से वर्षा होती तो धान की नर्सरी और धान की रोपाई के लिए समय से खेतों में फ्री पानी मिल जाता।सच्चाई के धरातल पर देखा जाए तो महंगा डीजल खरीद करके किसान खेतों की सिंचाई करने पर मजबूर हुआ।लगभग 1 सप्ताह से किसान सिर्फ एक ही बात कह रहा था अगर वर्षा न हुई तो डीजल जलाकर फसल को बचा पाना बहुत मुश्किल होगा।लेकिन झमाझम वर्षा होने के बाद किसानों के चेहरे पर स्पष्ट रूप से मुस्कान झलक रही है जो खेत कुछ दिन पहले सीचें गए थे उनमें पानी भर गया है। सूखे पड़े खेतों में झमाझम वर्षा होने से ऊपर तक नमी आ गई है।झमाझम वर्षा होने से 10-15 दिन के लिए बड़ी राहत मिली है।इस वर्षा होने से धान की बढ़वार बढ़ेगी वही गन्ना की फसल को वर्षा वरदान साबित हो रहा है लगभग 1 माह से सूख रही गन्ना की फसल अब हरी भरी नजर आ रही है।