अतीक के आतंक का अंत शोले फिल्म के गब्बर की तरह हुआ है। अतीक के अंत का आतंक बनेगी शोले-2 । पुलिस को अब फिल्म के पात्र ठाकुर बलदेव सिंह को तलाशने की जरुरत। अतीक के अंत का आतंक बनेगी शोले
15 अगस्त 1975 को एक हिन्दी फिल्म शोले रिलीज हुई थी, इस फिल्म की कहानी मौजूदा सुपर स्टार सलमान खान के पिता सलीम खान और अभिनेत्री शबाना आजमी के पति जावेद अख्तर ने लिखी थी। फिल्म का निर्माता तबके प्रसिद्ध निर्देशक रमेश सिप्पी थे। चूंकि यह फिल्म गब्बर के आतंक से जुड़ी हुई थी इसलिए लोकप्रिय हुई। फिल्म में दो पात्र जय और वीरू थे। जय और वीरू छोटे मोटे अपराधी थे, लेकिन दिलेर इंसान थे। जय और वीरू की दिलेरी को देखते हुए सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ठाकुर बलदेव सिंह ने संपर्क साधा और फिर दोनों अपराधियों से गब्बर का आतंक खत्म करवाया। सलीम और जावेद ने कोई ऐसी कल्पना पचास वर्ष पहले की थी, आज उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश अतीक अहमद के आतंक का जो अंत हुआ है, वह शोले फिल्म की तरह ही है।
अतीक की हत्या के आरोप में लवलेश तिवारी,अरुण मौर्य और सन्नी सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन तीनों की आपराधिक पृष्ठ भूमि है। पुलिस अब कड़ी से कड़ी जोड़ कर जांच कर रही है हो सकता है कि पुलिस को शोले फिल्म के पात्र ठाकुर बलदेव सिंह की भी तलाश हो। पचास वर्ष पहले सलीम खान और जावेद अख्तर ने जो कल्पना की वो दोनों लेखक आज भी जीवित है। जावेद अख्तर ऑर्थो तेल बिकवा कर बुजुर्गों के घुटनों के दर्द दूर कर रहे हैं तो सलीम खान ने अपने पुत्रों को सफल अभिनेता बनवा दिया है। यूपी पुलिस इन दोनों कहानीकारों से भी कुछ आइडिया ले सकती है। जिस प्रकार फिल्म में जय और वीरू ने गब्बर जैसे डकैत से लोहा लिया उसी प्रकार लवलेश,अरुण और सन्नी की भूमिका देखने को मिली है। फिल्म में भी बताया गया है कि गब्बर के आतंक के बाद रामगढ़ के लोगों ने जश्न मनाया था।
अब प्रयागराज के लोग भी चैन की नींद सो सकते हैं। हालांकि अतीक की मौत के बाद देश में राजनीति चरम पर है। कुछ लोगों को अतीक की मौत में अपना स्वार्थ नजर आ रहा है जबकि शोले फिल्म में कोई सहानुभूति नहीं दिखाई गई थी। फिल्म में गब्बर का डर तो दिखाया, लेकिन ऐसे लोग नहीं थे जो गब्बर के साथ खड़े होते। गब्बर के साथ सिर्फ डकैत ही खड़े दिखाए गए। जिस प्रकार अतीक के आतंक का अंत हुआ है उस पर शोले टू फिल्म बनाई जा सकती है, क्योंकि पचास वर्ष पहले और आज के हालात में बहुत अंतर आ गया है। जो अंतर आया है उसको देखते हुए ही एक और शानदार फिल्म बनाई जा सकती है। कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि अतीक जब सुरक्षा और मीडिया कर्मियों से घिरा था तब उसे मौत के घाट उतार दिया गया।
खुद को दबंग और डान कहलाने में खुश होने वाले लवलेश तिवारी ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी है, इस बात का किसी को भरोसा नहीं हो रहा। वह नशे का आदी है और करीब चार साल पहले एक लड़की को थप्पड़ मारने के मामले में जेल गया था। उसने 50 युवकों को जोड़कर गैंग बना रखा था माफिया अतीक अहमद व अशरफ को गोली मारकर मौत के घाट उतारने में गिरफ्तार लवलेश तिवारी बांदा जिले के केवटरा मोहाल का रहने वाला है। लवलेश तिवारी की पसंदीदा फिल्म सनी देओल की अर्जुन पंडित रही है। उसका कहना था कि “डॉन को मारकर डॉन” बनूंगा। लवलेश एक बात हमेशा कहता था कि कुछ बड़ा करने की इच्छा है। 5-6 माह से ऐसी बात ज्यादा करने लगा था। महत्वाकांक्षा भी बड़ा करने की बढ़ गई थी। इसी के चलते वह डॉन को मारकर डॉन बन गया।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी के बीच गोली मारकर हत्या करने वाले तीन शूटरों में से एक शूटर अरुण मौर्या का कनेक्शन हरियाणा के पानीपत जिले से जुड़ा हुआ है। शूटर अरुण मौर्य का जन्म पानीपत के विकास नगर में हुआ था।गैंगस्टर और नेता रहे अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या के बाद आरोपियों की क्राइम कुंडली सामने आ रही है। तीन आरोपियों में से एक अरुण मौर्या को लेकर हरियाणा पुलिस ने बेहद अहम जानकारी दी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अरुण मौर्या के खिलाफ हरियाणा के पानीपत में पिछले साल दो मामले दर्ज किए गए थे।शूटर अरुण मौर्य के आपराधिक रिकॉर्ड का इनपुट लिया गया है। पानीपत पुलिस फरवरी 2022 में आरोपी अरुण मौर्य को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। पानीपत पुलिस यूपी पुलिस का हर संभव सहयोग करेगी।
सनी सिंह पहले छोटा-मोटा अपराध करता था। इसी दौरान वो एक महिला की चेन छीनने की घटना के बाद हमीरपुर जेल भेजा गया था। आरोपी सनी के बारे में नई जानकारी सामने आई है। सनी हमीरपुर जिले में कुरारा कस्बे का है। वो कुरारा थाने का हिस्ट्रीशीटर है। कुरारा थाने में उसके ऊपर 14 केस चल रहे थे। 33 साल का सनी जेल भी जा चुका है। जेल में सनी सिंह की मुलाकात पश्चिमी यूपी के माफिया डॉन से हुई थी।जिसके बाद वह शूटर बन गया था। इसके बाद उसने अन्य 2 साथियों के साथ अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी। सनी के पिता और उनकी मां की मौत पहले ही हो चुकी है। तुर्की मेड पिस्टल से अतीक और अशरफ को गोलियां मारी गई हैं। तुर्की मेड जगाना पिस्टल भारत में बैन है और इसकी कीमत करीब 6 से 7 लाख रुपय है।आशंका जताई जा रही है कि अतीक और अशरफ हत्याकांड में इस्तेमाल हुई पिस्टल सनी सिंह को किसके नेटवर्क से मिली है।
अतीक के अंत का आतंक बनेगी शोले