
69000 शिक्षक भर्ती मामले में कुछ समाचार पत्रों में ओबीसी की चयनित संख्या 31000 को ही जोर देकर बताया जा रहा है। जबकि यह भर्ती यदि आरक्षण अधिनियम 1994 के आधार पर हुई होती तो यह संख्या 40000 के लगभग होती। OBC भर्ती में आरक्षण नियमों का पालन नहीं
संपूर्ण लड़ाई इसी बात को लेकर है कि इस भर्ती में नियमावली का पालन नहीं हुआ है और यह बात राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने माना था और छात्रों के तमाम आंदोलन के बाद माननीय मुख्यमंत्री योगी जी द्वारा गठित कमेटी ने जांच के बाद इस बात को भी स्वीकार किया था. इस जांच को आधार मानते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने 6800 एससी और ओबीसी अभ्यर्थियों की एक सूची जारी की थी।
हाई कोर्ट डबल बेंच का जो आदेश आया है उस आदेश में आरक्षण नियमों के पालन किए जाने को कहा गया है। विभाग के द्वारा जब इस आदेश का पालन किया जाएगा और नई सूची बनाई जाएगी तो यह 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थी नई सूची में शामिल हो जाएंगे। पूर्व से चयनित 31000 और 6800 संख्या जब जोड़ दी जाएगी तो यह संख्या 37800 हो जाएगी।
इस संख्या में 18598 ओबीसी कोटे की संख्या होगी शेष संख्या अनारक्षित में चयनित होगी। यह बिडंबना है कि ओबीसी वर्ग को जहां लगभग 40000 सीट मिलनी चाहिए थी वहीं 31000 ही मिली हुई सीट को बढ़ा चढ़ा कर बताया जा रहा है। जबकि हाई कोर्ट की डबल बेंच ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया कि इस भर्ती में आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया है। OBC भर्ती में आरक्षण नियमों का पालन नहीं