कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस में रार..!

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कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस में रार..!
कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस में रार..!

—– जम्मू -कश्मीर में चुनाव की  हलचल —–

गठबंधन के 24 घंटे में ही शुरू हो गई थी कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस में रार !कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस भदरवाह सीट पर भी आमने-सामने की लड़ाई लड़ेगी। कांग्रेस ने भदरवाह में नदीम शरीफ और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने महबूब इकबाल को यहां से प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस में रार..!

अशोक भाटिया

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए पिछले गठबंधन में नेशनल कॉन्फ्रेंस को जम्मू संभाग में चार सीटें दिए जाने से प्रदेश कांग्रेस के कई नेता नाराज हैं और उनकी नाराजगी सामने आने लगी है हालाँकि, किसी ने भी औपचारिक रूप से नेतृत्व से संपर्क नहीं किया है। सीट बंटवारे में जम्मू उत्तर, सांबा जिले की विजयपुर और राजौरी जिले की नौशहरा और कालाकोट सुंदरबनी सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस के खाते में गई हैं। इससे प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रवींद्र शर्मा, उदय चिब, एमके भारद्वाज समेत कई नेता नाराज बताए जा रहे हैं क्योंकि उन्हें दूसरी सीटों से चुनाव लड़ने के लिए कहा जा रहा है। यही वजह है कि पार्टी की दूसरी सूची अटकी हुई है। पार्टी ने अभी तक सिर्फ पहले चरण के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की है। नगरोटा विधानसभा सीट पर दोनों पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवार उतारेंगी।

राज्य में 90 सीटों पर विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। आपसी समझौते में कांग्रेस को 32 और एनसी को 51 सीटें मिलीं। एक सीट सीपीआई (एम) और एक सीट पैंथर्स को दी गई। पांच सीटों पर दोस्ताना मुकाबला रखा गया है। इसे गठबंधन की मजबूरी ही कहा जाएगा कि बनिहाल की सीट पूर्व सूबेदार विकार रसूल के खाते में दोस्ताना मुकाबले में आ गई। इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस भी चुनाव लड़ रही है। कहा जा रहा है कि इन सीटों पर दावेदारी वापस लेने से दोनों पार्टियां पीछे नहीं हट रही थी, जिसके बाद फ्रेंडली फाइट का फैसला किया गया। जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों के लिए 3 चरणों में चुनाव प्रस्तावित हैं। 4 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे आएंगे।

रामबन जिले की बनिहाल सीट पर शुरू से ही नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस अपना-अपना दावा कर रही थी। कांग्रेस ने यहां से पूर्व अध्यक्ष विकार रसूल वानी को मैदान में उतारा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस से सज्जाद शाहीन मैदान में हैं।बनिहाल सीट पर अब तक 9 बार विधानसभा के चुनाव कराए गए हैं। इनमें से 3 बार कांग्रेस और 4 बार नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत हासिल की है। 2008 और 2014 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के विकास रसूल वानी ने ही जीत हासिल की।

इस चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के सज्जाद शाहीन तीसरे नंबर पर थे। बनिहाल विधानसभा सीट उधमपुर लोकसभा में है और यहां पर इस बार कांग्रेस के लाल सिंह ने चुनाव लड़ा था हालांकि, वे भाजपा  के जितेंद्र सिंह से 1 लाख 24 हजार वोट से हार गए थे।नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस डोडा और डोडा वेस्ट की विधानसभा सीट पर भी फ्रेंडली फाइट यानी दोस्ताना लड़ाई के साथ मैदान में उतरेगी। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने डोडा से खालिद नजीब को उतारा है। पार्टी की तरफ से डोडा वेस्ट पर अभी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है। जम्मू कश्मीर की यह सीट हाल ही में परिसीमन के बाद गठित की गई है।कांग्रेस ने डोडा से शेख रयाज और डोडा वेस्ट से प्रदीप भगत को मैदान में उतारा है। बात डोडा सीट की करें तो यहां पर पिछली बार भाजपा  के शक्ति राज को जीत मिली थी। कांग्रेस के उम्मीदवार यहां दूसरे नंबर पर और नेशनल कॉन्फ्रेंस के तीसरे नंबर पर रहे थे।2008 में डोडा सीट पर कांग्रेस के अब्दुल माजिद वानी ने जीत हासिल की थी। डोडा सीट भी उधमपुर लोकसभा के अधीन ही है।

कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस भदरवाह सीट पर भी आमने-सामने की लड़ाई लड़ेगी। कांग्रेस ने भदरवाह में नदीम शरीफ और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने महबूब इकबाल को यहां से प्रत्याशी बनाया है। जम्मू-कश्मीर की यह सीट गुलाम नबी आजाद के वजह से जानी जाती है। आजाद मुख्यमंत्री रहते इसी सीट से विधायक थे।हालांकि, वर्तमान में आजाद नई पार्टी बनाकर खुद मैदान में हैं। 2014 में इस सीट पर भाजपा  के दलीप सिंह ने जीत हासिल की थी। यहां पर अब तक हुए चुनाव में 9 बार कांग्रेस को ही जीत मिली है। यह सीट भी उधमपुर लोकसभा सीट के ही अधीन है।नेशनल कॉन्फ्रेंस का यहां पर दूसरे-तीसरे नंबर की लड़ाई में ही रही है।

जम्मू-कश्मीर की देवसर सीट पर भी कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने प्रत्याशी उतार दिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने देवसर से पीरजादा फिरोज को तो कांग्रेस ने अमानुल्लाह मंटू को यहां से सिंबल दिया है। 2002 तक अनंतनाग-राजौरी लोकसभा के अधीन इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस का दबदबा रहा है।हालांकि, 2014 में यहां से कांग्रेस के टिकट पर आमिन भट्ट ने जीत हासिल की थी। भट्ट ने पीडीपी उम्मीदवार सरताज मदनी को हराया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस के पीरजादा अहमद तीसरे नंबर पर रहे थे।

इधर कांग्रेस व नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन को लेकर भाजपा को भी बोलने का बहुत कुछ मौका मिल गया है । केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन को लेकर राहुल गांधी पर हमला बोला है । भाजपा  ने गठबंधन को अपवित्र करार देते हुए कांग्रेस पार्टी से कई सवाल भी पूछे हैं। भाजपा  का कहना है कि कांग्रेस ऐसे लोगों के साथ खड़ी हो गई है जिन्होंने अपने घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 और 35ए को लाने का वादा किया है। केंद्रीय मंत्री ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाया है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से सहमत है?

इसके आलावा गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान में शामिल जी किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। ऐसे में राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख्त-ए-सुलेमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है। मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया। राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

भाजपा  जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बता रही है । भाजपा  राज्य की जनता से यह भी अपील कर रही है  कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।भाजपा  ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है? कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस में रार..!