आवासीय पट्टा का झांसा दे किया दुष्कर्म लेखपाल पर केस

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आवासीय पट्टा का झांसा दे किया दुष्कर्म लेखपाल पर केस
आवासीय पट्टा का झांसा दे किया दुष्कर्म लेखपाल पर केस

आवासीय पट्टा का झांसा दे किया दुष्कर्म लेखपाल पर केस। मसौली कोतवाली क्षेत्र में घटना के बाद तरह-तरह की चर्चाएं, पुलिस कर रही जांच। लेखपाल पर 50 हजार रुपए हड़पने का भी लगाया आरोप। पीड़िता ने मसौली थाने पहुंचकर की शिकायत पुलिस कर रही जांच। आवासीय पट्टा का झांसा दे किया दुष्कर्म लेखपाल पर केस

बाराबंकी। बाराबकी मसौली थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला को तत्कालीन स्थानीय लेखपाल ने करीब सात माह पहले आवासीय पट्टा देने का झांसा दिया। पीड़िता का आरोप है कि इसके लिए लेखपाल ने 50 हजार रुपए रिश्वत भी ले ली थी लेकिन पट्टा नहीं किया। पीड़ित महिला का आरोप है कि चार माह पहले उन्होंने घर आकर रुपए वापस करने की बात की और उसके साथ दुष्कर्म किया। मसौली थाना क्षेत्र की रहने वाली अनुसूचित जाति की एक महिल ने बताया कि 18 जनवरी को क्षेत्रीय लेखपाल ओवैस अंसारी ने उसे आवासीय पट्टा आवंटित किए जाने की बात कही। पट्टा देने के लिए उसने 50 हजार रुपए की मांग की। पीड़ित ने बताया कि उसने अपने जेवरों को गिरवी रखने के अलावा ब्याज पर रुपए लेकर धनराशि एकत्र की। रुपया एकत्र होने की सूचना लेखपाल को दी गई तो उसने उसे गाँव के पास नहर पुलिया पर आने को कहा। वहां पर आकर लेखपाल ने पचास हजार रुपए ले लिए। इसके बाद कहा कि एक मह में उसे आवसीय पट्टा कर दिया जाएगा। एक माह गुजर गया मगर लेखपाल द्वारा पट्टा करके नहीं दिया गया। पट्टे को लेकर लेखपाल से जब भी बात की गई तो वह हीलाहवाली करने लगा। पीड़िता का आरोप है कि एक अप्रैल की रात करीब आठ बजे लेखपाल अंसारी उसके घर पर आया। इसके बाद उसने कहा कि शारीरिक संबंध बनाने पर ही वह उनके पैसे वापस करेगा इसके बाद उसने पीड़िता के साथ दुराचार किया। इसके बाद भी आरोप ने न तो पैसे वापस किया न पट्टा किया।

पट्टा तो मिला नहीं बार-बार लेखपाल के पास जाने से प्रार्थनी को शारीरिक छेड़छाड़ व मानसिक शोषण का भी सामना करना पड़ता है। यही नहीं लेखपाल प्रार्थिनी से दुर्भावनापूर्ण भाव भी रखता है। अब यहां इस बात से अंदेशा लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी किस हद तक नीचे जा चुके हैं। जैसा कि अभी हाल ही में विधानसभा में तू-तू मैं-मैं ही नन्ही बाप-दादा तक की बात चली थी उसका असर अधिकारियों में भी नज़र आने लगा है। रही बात प्रार्थनी को पट्टा मिलने की वह तो नज़र नहीं आता। प्रार्थनी के गावं या ग्रामसमाज में लेखपाल जब भी आता है तब उस महिला को अपने पास जरूर बुलाता रहता है।आज महिला मानसिक रूप से बहुत दुःखी हो गयी है है। महिला ने काफी दौड़ भाग के बाद इसकी शिकायत जिलाधिकारी को भी दी है देखना यह है कि जिलाधिकारी इस महिला की शिकायत का संज्ञान कब लेते हैं और उसे कब न्याय मिलता है।

पीड़ित महिला ने आवैस अंसारी लेखपाल नवाबगंज तहसील मसौली, बाराबंकी पर आरोप ही नहीं लगाया है बल्कि इसका शपथ पत्र भी जिलाधिकारी बाराबंकी के समक्ष प्रस्तुत किया है। पीड़ित महिला ने कई बार जनता दरबार में जाकर इसकी गुहार लगाई है। लेकिन वह न्याय पाने लिए अभी भी दर-दर भटक ठोकरें खा रही है। आखिर योगीराज में हमारी महिलाएं आजादी के अमृत महोत्सव में कितना दर-दर की ठोकरे खाएंगी।आज भी हमारी भारतीय महिलाएं आजादी के अमृत महोत्सव में कितना दर-दर की ठोकरें खाएंगी। योगी की तहसीलों में जनता दरबार लगते हैं इस महिला ने भी जनता दरबार में 28 फरवरी 2023 को आवेदन संख्या 20017623005209 के साथ अपनी समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया। परंतु वह आज भी दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर है।उत्तर प्रदेश में आज भी महिलाएं अपने जेवरात गिरवी रखकर बच्चों के लालन-पालन को तड़फती हैं। बच्चों के भविष्य के लिए ही महिला ने अपने जेवरात सुनार के यहां गिरवी रखकर लेखपाल को पट्टे के नाम पर ₹50,000 की व्यवस्था की। जिसमें महिला ने कबूल किया है कि ₹30,000 उसने सुनार के यहां से अपने आभूषण गिरवी रखकर प्राप्त किए। जिसे उसने लेखपाल को दिया। आवासीय पट्टा का झांसा दे किया दुष्कर्म लेखपाल पर केस