पीजीआई को देश में नंबर वन बनाना है।रेडियोलॉजी एवं इंडोक्राइनोलॉजी विभाग में लगभग 80 करोड़ की अत्याधुनिक मशीनें स्थापित। उपमुख्यमंत्री ने किया मशीनों का उद्घाटन, कहां- विश्व भर में नाम कमा रहे यहां के विद्यार्थी।
लखनऊ। आमजन को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान को हमें देश का नंबर वन चिकित्सा संस्थान बनाना है। यह सब टीम वर्क के आधार पर ही संभव है। हम सभी को संयुक्त रूप से इस दिशा में तेजी सा आगे बढ़ना है। यह कहना है प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का। वे बुधवार को संस्थान स्थित सभागार में लगभग 80 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित मशीनों के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
ब्रजेश पाठक ने कहा कि पीजीआई का आज देश-दुनिया में नाम है। यहां के विद्यार्थी पूरे विश्व में नाम कमा रहे हैं। पीजीआई को हम लगातार अपग्रेड कर रहे हैं। इसी क्रम में आज यहां रेडियोलॉजी एवं इंडोक्राइनोलॉजी विभागों के अंतर्गत लगभग 80 करोड़ रुपए की लागत से छह मशीनों को स्थापित किया गया। यह मशीनें संस्थान की चिकित्सीय सेवाओं में मील का पत्थर साबित होंगी। हम अपने मेडिकल संस्थानों को लगातार ही अपग्रेड कर रहे हैं। विभिन्न जिलों में सीएचसी-पीएचसी व अन्य चिकित्सा संस्थानों पर भी व्यापक स्तर पर काम चल रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले तक यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं का क्या हाल था, यह किसी से छिपा नहीं है। आज हम एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज के लक्ष्य को प्राप्त करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि देश में उत्तर प्रदेश अकेला ऐसा राज्य है, जहां चिकित्सकों को पांच लाख रुपए महीने तक वेतन प्राप्त हो रहा है। समारोह में राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर राधाकृष्ण धीमान, डीन प्रोफेसर शालीन कुमार, सीएमएस डॉ. संजय धीराज, फैकल्टी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
इन मशीनों का हुआ उद्घाटन
-सी आर्म
-3 टेस्ला होल बॉडी चेकअप
-128 स्लाइस होल बॉडी सीटी
-हाई एनर्जी लीनियर एक्सेलीरेटर
-डिजीटल सब्सट्रैक्शन एंजियोग्राफी
-डीबीटी-सहज नेशनल फैसिलिटी फॉर बोन माइक्रो-आर्किटेक्चर