लखनऊ। एक बार फिर यूपी पीसीएस परीक्षा 2021 का परीक्षा परिणाम हाई कोर्ट द्वारा निरस्त कर दिया गया है। जब से भारतीय जनता पार्टी की देश व प्रदेश में सरकार बनी है तब से ऐसी कोई भी परीक्षा व परीक्षा का परिणाम सफलतापूर्वक नहीं आ सका। सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार का बखान करते हुए कहते हैं कि हमारी सरकार में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दास्त नहीं किया जायेगा परन्तु अब तक जितनी भी परीक्षायें हुई हैं उन सभी में यह किसी का पेपर लीक हो गया या फिर परिणाम निरस्त हो गया।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पंकज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में लगातार जिस तरह से प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर बार-बार लीक हो रहें है, परीक्षा परिणाम निरस्त हो रहें हैं इससे सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं हो पा रही है कि वह किस तरह से युवाओं को दो करोड़ नौकरियां देने की बात कह रही थी। जबकि सारी परीक्षायें व उनके परिणाम सरकार के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर न्याललय द्वारा निरस्त कर दी जाती है अथवा सरकार स्वंय निरस्त कर देती है।
उन्हांने आगे कहा कि देश व प्रदेश का युवा रोजगार के लालच में आवेदन कर परीक्षा की तैयारी कर परीक्षा तिथि में जब परीक्षा देने जाता है तब पेपर लीक होना या फिर परीक्षा के बाद परिणाम रद्द हो जाने से वह हताश व निराश हो जाता है। सरकार भ्रष्टाचार को रोकनें में नकाम साबित हो रही है जिसके चलते देश एवं प्रदेश के पढ़े लिखे युवाओं का भविष्य अंधकार में है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की लापरवाही के कारण प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों में नाराजगी देखने को मिली है।छात्रों ने अब यह कहना शुरू कर दिया है कि आयोग के लापरवाह व दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। छात्रों ने कहा कि जब तक ऐसे लोगों पर सख्त एक्शन नहीं होगी, तब तक आयोग का रवैया नहीं बदलेगा और ऐसी गलतियां बार बार दोहराई जाती रहेंगी। लोगों का कहना है कि जब दोषी और लापरवाह लोगों पर एक्शन हो जाएगा, तो आगे से ऐसी लापरवाही नहीं होगी।
छात्रों ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब आयोग की गलती का खामियाजा प्रतियोगी छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। इससे पहले भी आयोग की कई परीक्षाएं हाईकोर्ट या तो रद्द कर चुका है या फिर उन पर रोक लगा चुका है।आयोग पर सवाल उठ रहे हैं कि प्रशासनिक पदों पर अफसरों की भर्तियां करने वाला आयोग बार-बार ऐसी गलतियां व लापरवाही क्यों कर रहा है। जिसकी वजह से परीक्षाओं व भर्तियों में न्यायालय को दखल देना पड़ रहा है। आयोग की लापरवाही को लेकर अब विशेषज्ञ समेत टीचर्स और अभ्यर्थियों में विरोध जताना शुरू कर दिया है।सरकारे बदलती रही लेकिन नहीं बदला तो उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग।