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उत्तर प्रदेश में सरकार गठन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया है,पहले की ही तरह मुख्यमंत्री योगी ने अपने पास गृह विभाग रखा है। योगी ने गृह, सूचना समेत 34 विभागों को अपने पास रखा है।मंत्रिमंडल विस्तार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कद घटता नज़र आ रहा है। इस बार केशव प्रसाद मौर्य को ग्राम विकास एवं समग्र विकास तथा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग दिए गए हैं। जबकि पिछली बार उनके पास पीडब्ल्यूडी जैसा बड़ा मंत्रालय था।बाद में उनके कुछ विभाग वापस भी ले लिए गए थे।उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का कद बढ़ा, उन्हें स्वास्थ्य विभाग की अहम जिम्मेदारी मिली है।स्वतन्त्र देव का कद बढ़ा उन्हें सिंचाई विभाग जैसा महत्व पूर्ण विभाग मिला। जितिन प्रसाद का सम्मान करते हुए उनका कद बढ़ाया, उन्हें लोकनिर्माण जैसा बड़ा विभाग मिला। ए0के0 शर्मा को भी बड़ा विभाग मिला नगर विकास। सहयोगी दलों को हल्का विभाग दियागया है। संदीप सिंह को अच्छा विभाग मिला। नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल का कद बढ़ा आबकारी विभाग मिला।
उत्तर प्रदेश में नवगठित विधानसभा के लिए मंत्रियों के नाम तय करने में योगी बाबा की तो ज्यादा नहीं चली लेकिन विभाग बंटवारे में सिर्फ योगी की ही चली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अच्छे और असरदार तथा अपनी पसंद के लोगों को बेहतर विभाग देने में सफल रहे। योगी ने अपने पार्ट 2 के कार्यकाल में युवाओं व महिलाओं को अहम विभाग देकर वोट बैंक को साधने की भी कोशिश की है। योगी ने नए चेहरे को बड़ी जिम्मेदारी देकर नई लीडरशिप भी तैयार करने की पहल कर दी है। जैसा कि लोग अनुमान लगा रहे थे कि बड़े मंत्रियों का विभाग उनके पास ही रहेगा परंतु योगी कैबिनेट में ऐसा नहीं हुआ। कई मंत्रियों का कद घटा और कई मंत्रियों कद बढ़ाते हुए बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। जिसमें सबसे ज्यादा उभरकर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और जितिन प्रसाद सबसे आगे निकले हैं। संभवत बड़े व कद्दावर नेता को ही पीडब्ल्यूडी जैसा विभाग दिया जाता है लेकिन योगी पार्ट 2 में जल्द ही कांग्रेस से आए जितिन प्रसाद जैसे युवा को पीडब्ल्यूडी विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जितिन प्रसाद को यह जिम्मेदारी सामाजिक समीकरण को साधते हुए दी गई है। जितिन प्रसाद एक ब्राह्मण का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। इससे पूर्व में वह केंद्र व राज्य सरकार में मंत्री रहे हैं। जितिन प्रसाद की भाषा व स्वभाव काफी सरल है इससे यह स्पष्ट होता नजर आ रहा है कि योगी आदित्यनाथ नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने को तत्पर हैं। पूर्व के मंत्रियों को कुछ को विभाग कम करते हुए रिपीट किया गया लेकिन उनका कद जरूर घटा दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने अपने पास रखे विभाग–
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास नियुक्ति, कार्मिक, गृह, सतर्कता, आवास एवं शहरी नियोजन, राजस्व, खाद्य एवं रसद, नागरिक आपूर्ति, खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन, भूतत्व एवं खनिकर्म, अर्थ एवं संख्या, राज्य कर एवं निबंधन, सामान्य प्रशासन, सचिवालय प्रशासन, गोपन, सूचना, निर्वाचन, संस्थागत वित्त, नियोजन, राज्य संपत्ति, प्रशासनिक सुधार, कार्यक्रम कार्यान्वयन, अवस्थापना, नागरिक उड्डयन, न्याय, सैनिक कल्याण समेत 34 मंत्रालय हैं।
योगी ने कैबिनेट मंत्रियों को सुपुर्द किये विभाग–
- उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास, ग्रामीण अभियंत्रण,खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन कर, सार्वजनिक उद्यम, राष्ट्रीय एकीकरण।
- उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण।
- कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही को कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान।
- कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना को वित्त, संसदीय कार्य।
- कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को जल शक्ति, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति, सिंचाई एवं जल संसाधन, सिंचाई (यांत्रिकी), लघु सिंचाई, परती भूमि विकास, बाढ़ नियंत्रण।
- कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य को महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार।
- कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी को गन्ना विकास, चीनी मिलें।
- कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह (को पर्यटन एवं संस्कृति।
- कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह को पशुधन,दुग्ध विकास,राजनीतिक पेंशन, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज, नागरिक सुरक्षा।
- कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई, निवेश प्रोत्साहन।
- कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी को पंचायती राज।
- कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर को श्रम, सेवायोजन, समन्वय।
- कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को लोक निर्माण।
- कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को सूक्ष्म-लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथरकघा, वस्त्रोद्योग।
- कैबिनेट मंत्री अरविंद कुमार शर्मा को नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, ऊर्जा, अतिरिक्त ऊर्जा स्त्रोत।
- कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय को उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी।
- कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल को प्राविधिक शिक्षा, उपभोक्ता संरक्षण एवं बॉट माप।
- कैबिनेट मंत्री संजय निषाद को मत्स्य।
योगी के पार्ट-02 कार्यकाल में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार लक्ष्मी नारायण चौधरी का कद बढ़ाया गया है, वह पश्चिम में जाट चेहरे के रूप में उभारे गए हैं और उन्हें गन्ना विकास एवं चीनी मिल जैसा बड़ा महकमा सौंप कर उनका कद भी बरकरार रखा गया है। चौधरी साहब के पास पूर्व में दुग्ध उत्पादन विभाग था जिसमें भी उन्होंने अच्छे कार्य किए थे अब चीनी मिलों में काफी तेजी से आगे लेकर जाने की संभावना है।मथुरा के छाता से विधायक चौधरी लक्ष्मी नारायण ने छठी बार कैबिनेट मंत्री बने हैं।चौधरी लक्ष्मी नारायण पहली बार 1996 में उद्यान मंत्री बने। दो बार कारागार मंत्री रहे। 2017 में पशु पालन एवं दुग्ध विकास मंत्री बने। 2022 में फिर लक्ष्मी नारायण चौधरी को गन्ना विकास, चीनी मिलें का कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
अपने तो अपने होते हैं– अपना दल के विधायक आशीष पटेल को प्राविधिक शिक्षा व उपभोक्ता संरक्षण एवं बाट माप जैसा विभाग देकर उन्हें बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई। इसी क्रम में निषाद पार्टी के संजय निषाद को बड़े विभाग मिलने की आस थी यहां तक कि वह उपमुख्यमंत्री के दौड़ में बताए जा रहे थे। संजय निषाद को मत्स्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे यह स्पष्ट होता है आशीष पटेल हो या संजय निषाद इन दोनों विधायकों को योगी मंत्रिमंडल में बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं मिली है दोनों ही को अपेक्षाकृत महत्वहीन विभाग मिले हैं।
अरविंद शर्मा को काफी देर से तैनाती मिली लेकिन महत्वपूर्ण विभाग मिलने से उनको देरी से मिले कार्यभार से पूर्ण कर दिया गया। उनका कद किसी उपमुख्यमंत्री से कम नहीं है, उन्हें नगर विकास शहरी समग्र विकास नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग के साथ उर्जा का अतिरिक्त विभाग देखकर उनका कद बढ़ाया गया है।अरविंद शर्मा ग्रेटर नोएडा में परी चौक के निकट स्थित एनआरआई सिटी सोसाइटी के निवासी हैं। पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद गुजरात सरकार और केंद्र सरकार में उच्च पदों पर रहे हैं। इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी नजदीकी रहे। वहीं वर्ष 2021 में उन्होंने नौकरी से वीआरएस ले लिया था।अरविंद शर्मा को नगर विकास, शहरी रोजगार और ऊर्जा मंत्रालय मिलने पर गौतमबुद्ध नगर के निवासियों में उम्मीद की किरण जगी है।
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)–
- नीतिन अग्रवाल-आबकारी मद्य निषेध।
- कपिल देव अग्रवाल-व्यावसायिक शिक्षा कौशल विकास।
- रविंद्र जायसवाल- स्टांप न्यायालय शुल्क पंजीयन।
- संदीप सिंह -बेसिक शिक्षा।
- गुलाब देवी-माध्यमिक शिक्षा।
- गिरीश चंद्र यादव-खेल एवं युवा कल्याण।
- धर्मवीर प्रजापति-कारागार एवं होमगार्ड।
- असीम अरुण-समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण।
- जयेंद्र प्रताप सिंह राठौर-सहकारिता ।
- दयाशंकर सिंह-परिवहन।
- नरेंद्र कश्यप-पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन कल्याण।
- दिनेश प्रताप सिंह-उद्यान कृषि विपणन कृषि विदेश व्यापार कृषि निर्यात।
- अरुण कुमार सक्सेना-वन पर्यावरण, जन्तु उद्यान जलवायु परिवर्तन।
- दयाशंकर मिश्र दयालु-आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधी प्रशासन।
राज्यमंत्री —
- मयंकेश्वर सिंह-संसदीयकार्य, चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मातृ एवं शिशु कल्याण।
- दिनेश खटिक-जलशक्ति।
- संजीव गोंड़-समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण।
- बलदेव सिंह ओलख-कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान।
- अजीत पाल-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी।
- जयवंत सैनी-संसदीय कार्य एवं औद्योगिक विभाग।
- रामकेश निषाद-जलशक्ति।
- मनोहर लाल-श्रम एवं सेवायोजन।
- संजय गंगवार-गन्ना किसान एवं चीनी मिलें।
- ब्रजेश सिंह-लोकनिर्माण।
- केपी मलिक-वन पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन।
- सुरेश राही-कारागार।
- सोमेंद्र तोमर-उर्जा एवं वैकल्पिक उर्जा।
- अनूप प्रधान-राजस्व।
- प्रतिभा शुक्ला-महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार।
- राकेश राठौर-नगर विकास शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन।
- रजनी तिवारी-उच्च शिक्षा।
- सतीश शर्मा-खाद्य एवं रसद तथा नागरिक आपूर्ति।
- दानिश आजाद अंसारी-अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वर्ग एवं हज।
- विजय लक्ष्मी गौतम-ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम्य विकास तथा ग्रामीण अभियंत्रण।[/Responsivevoice]