
श्रमिकों और कामगारों के हर कदम पर साथ खड़ी योगी सरकार। श्रमिकों की भागीदारी से बन रहा है नया उत्तर प्रदेश। शिक्षा से लेकर सुरक्षा तक, श्रमिकों को हर मोर्चे पर योगी सरकार दे रही साथ। अटल आवासीय विद्यालय से संवर रहे श्रमिकों के बच्चों का भविष्य। सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” (UPCOS) के गठन के निर्देश। मातृत्व और कन्या विवाह योजनाओं से श्रमिको मिल रहा संबल। श्रमिकों की भागीदारी से बन रहा है नया उत्तर प्रदेश
ब्यूरो निष्पक्ष दस्तक
लखनऊ। मेहनत,पसीने और समर्पण से विकास की नींव रखने वाले श्रमिकों को सशक्त बनाना योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में श्रमिकों के जीवन को सुरक्षित, सम्मानजनक और समृद्ध बनाने के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं लागू की गई हैं, जिनका लाभ लाखों श्रमिक और उनके परिवार उठा रहे हैं। चाहे बच्चों की शिक्षा हो, स्वास्थ्य की सुरक्षा, रोजगार के अवसर हों या आपदा की घड़ी में सहारा—हर स्तर पर सरकार उनके साथ खड़ी नजर आ रही है।
श्रमिकों की भागीदारी से बन रहा है नया उत्तर प्रदेश
श्रमिक केवल निर्माण कार्य करने वाले नहीं हैं, बल्कि वे राष्ट्र निर्माण की मजबूत नींव हैं। योगी सरकार की योजनाएं इस सोच को साकार कर रही हैं, जहां श्रमिकों को सिर्फ लाभ नहीं, बल्कि समाज में सम्मान भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार कहा है कि प्रदेश की तरक्की श्रमिकों की मेहनत से ही संभव है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से लेकर महाकुंभ तक सभी बड़े प्रोजेक्ट्स में श्रमिकों की भूमिका को सराहा गया है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कॉरिडोर निर्माण में लगे मजदूरों के पैर धोना और महाकुंभ में सेवा करने वाले मजदूरों को मुख्यमंत्री योगी का सम्मानित करना इसके उदाहरण हैं।
अभी हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कार्यरत आउटसोर्सिंग कार्मिकों की सेवा, श्रम अधिकारों एवं पारिश्रमिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” (UPCOS) के गठन के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा है कि राज्य सरकार आउटसोर्सिंग कार्मिकों के श्रम के सम्मान व जनहित में किए जा रहे कार्यों की सराहना करती है और उनकी सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों को वेतन में कटौती, समय से भुगतान न होना, ईपीएफ/ईएसआई जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ न मिल पाना, पारदर्शी चयन प्रक्रिया का अभाव, उत्पीड़न आदि शिकायतें प्राप्त होती हैं। ऐसे में व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन किया जाना आवश्यक है।
श्रमिकों के बच्चों के लिए उज्ज्वल भविष्य की नींव बना अटल आवासीय विद्यालय
डबल इंजन की सरकार का उद्देश्य मजदूरों के सिर्फ सम्मान तक ही सीमित नहीं हैं, सरकार की योजनाएं और इसके सफलता के आंकड़े खुद ही सरकार की श्रमिकों के प्रति मंशा को जाहिर कर रहें हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया, उनके लिए योगी सरकार ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए एक अभिनव कदम उठाया। पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों एवं कोविड काल में निराश्रित हुए बच्चों के व्यवस्थित पठन-पाठन के लिए प्रदेश के प्रत्येक मंडल में सर्व सुविधायुक्त अटल आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। वर्तमान में 12 जनपदों में यह विद्यालय सक्रिय हैं, जिनमें 100-100 बालक एवं बालिकाओं को नि:शुल्क शिक्षा, भोजन, वर्दी और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
सेवामित्र पोर्टल से श्रमिकों का सशक्तीकरण
योगी सरकार द्वारा शुरू किए गए सेवामित्र पोर्टल पर अब तक 52,064 कुशल कामगारों का पंजीकरण किया जा चुका है। यह पोर्टल श्रमिकों को रोजगार से जोड़ने का प्रभावी माध्यम बना है, जिससे श्रमिकों को उनकी दक्षता के अनुसार कार्य मिलने की संभावना बढ़ी है और उन्हें सम्मानजनक जीवनयापन का अवसर प्राप्त हो रहा है। राज्य सरकार ने वृद्धावस्था में श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया है, जिसमें अब तक 6,92,564 लाभार्थियों ने पंजीकरण कराया है। इसी प्रकार अटल पेंशन योजना के तहत 93 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं। ये योजनाएं भविष्य में श्रमिकों को एक स्थायी आय सुनिश्चित करती हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 9.52 करोड़ से अधिक बैंक खाते खुलवाकर प्रदेश ने वित्तीय समावेशन की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इससे श्रमिकों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया गया है।
संकट की घड़ी में मिल रहा योगी सरकार का साथ
सरकार ने कार्यस्थल पर दुर्घटनाओं से पीड़ित श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए व्यापक सहायता योजनाएं लागू की हैं। पंजीकृत श्रमिक की दुर्घटना से मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये, नेचुरल मृत्यु पर 2 लाख रुपये और स्थायी दिव्यांगता पर 3 लाख रुपये और आंशिक दिव्यांगता पर 2 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है। यहां तक कि अपंजीकृत श्रमिकों की कार्यस्थल पर दुर्घटना से मृत्यु होने की स्थिति में भी 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद की व्यवस्था की है। अंतिम संस्कार के लिए भी योगी सरकार 25,000 रुपये की सहायता राशि दे रही है। निर्माण कामगार गंभीर बीमारी सहायता योजना के अंतर्गत श्रमिकों को सरकारी अस्पतालों में गंभीर बीमारियों का इलाज कराने पर संपूर्ण खर्च की प्रतिपूर्ति की जा रही है। योगी सरकार की यह योजना श्रमिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें आर्थिक बोझ से बचाती है।
मातृत्व और कन्या विवाह योजनाओं से श्रमिको मिल रहा संबल
योगी सरकार के मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना के तहत अब तक 6,22,974 लाभार्थी पंजीकृत किए गए हैं, जिससे श्रमिक परिवारों की महिलाओं को मातृत्व के दौरान आवश्यक सहायता मिली है। वहीं, कन्या विवाह सहायता योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों की दो बालिकाओं तक विवाह के लिए 55,000 रुपये (स्वजातीय विवाह) और 61,000 रुपये (अंतरजातीय विवाह) की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। श्रमिकों की भागीदारी से बन रहा है नया उत्तर प्रदेश