मण्डल कमीशन की रिपोर्ट को नेताजी ने सबसे पहले लागू किये, पिछड़ों,वंचितों,अकलियतों की मजबूत आवाज़ थे नेताजी-लौटनराम निषाद
सामाजिक न्याय के संघर्ष में मुलायम सिंह यादव जी के साथ कई सारी यादें जुड़ी हुई हैं।आज के भारत में उनकी सोच व जज़्बे की बहुत ज़रूरत थी। काम अभी अधूरा है। सांप्रदायिकता,सामाजिक असमानता के ख़िलाफ़ आंदोलन को हम सबको आगे बढ़ाना है। भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटनराम निषाद ने नेताजी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि नेताजी ने ही सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश में मण्डल कमीशन के तहत अन्य पिछड़ी जातियों को सरकारी सेवाओं व शिक्षण संस्थानों में प्रवेश हेतु 27 प्रतिशत कोटा की अधिसूचना जारी किए।वे सामाजिक न्याय के मजबूत स्तम्भ व मजबूत आवाज़ थे।आज अतिपिछड़े,दलित,वंचित,पसमांदा समाज व महिलाएं प्रधान,ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष, पार्षद,चेयरमैन,मेयर आदि बन रहे हैं,यह नेताजी की ही देन है।उन्होंने पंचायतीराज अधिनियम-1994 व नगर निकाय अधिनियम-1995 के द्वारा पंचायतों व नगर निकायों में प्रतिनिधित्व के लिए ओबीसी को 27 प्रतिशत, एससी को 21 प्रतिशत व महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण कोटा की व्यवस्था किये।मुफ्त पढ़ाई-मुफ्त सिंचाई-मुफ्त दवाई की योजना लागू किये और निजी मेडिकल,डेंटल,इंजीनियरिंग कॉलेजों में ओबीसी को 27,एससी को 21 व एसटी को 2 प्रतिशत आरक्षण कोटा दिए।जिसे योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही 13 अप्रैल 2017 को खत्म कर दिए।
नेताजी निर्णय लेने में अत्यंत साहसी व बचन के पक्के राजनेता थे।उन्होंने 11 वर्ष से बिना मुकदमा चलाये ग्वालियर कराकर में यातना झेल रहीं फूलन देवी के सभी मुकदमे वापस कर जेल से बाहर ही नहीं निकाल बल्कि देश की सर्वोच्च पंचायत में पहुँचाने का सराहनीय व साहसिक काम किये।निषाद मछुआरों के आर्थिक विकास व रोजगार के लिए 1994 में बालू मोरम खनन व मत्स्य पालन हेतु तालाबों,झीलों,पोखरों,जलाशयों का 10 वर्षीय पट्टा सिर्फ निषाद मछुआ समुदाय की जातियों को ही देने का शासनादेश जारी किए।सैनिकों के सम्मान में भी रक्षा मंत्री रहते कई सुधार किए और शहीद सैनिकों के पार्थिव शरीर को सम्मान सहित उनके घर पहुँचाने व शहीद के परिवार को 10 लाख की सहायता का नियम लागू किये।लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं का हिन्दी माध्यम व अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म करना अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय था।
पिछड़े वर्गों के राजनीतिक व शैक्षणिक सशक्तिकरण और सांप्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष को मुख्य रूप से उनका राजनीतिक योगदान माना जाता है।उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में तथाकथित ऊंची जातियों का ही वर्चस्व था, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक तोड़ दिया। समाजवादी वटवृक्ष सपा संरक्षक आदरणीय मुलायम सिंह जी के निधन अत्यंत मर्माहत करने वाला है। देश की राजनीति में एवं वंचितों को अग्रिम पंक्ति में लाने में उनका अतुलनीय योगदान रहा।उनकी यादें जुड़ी रहेगी।ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।मुलायम सिंह ने उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग समाज का सामाजिक स्तर को ऊपर करने में महत्वपूर्ण कार्य किये।सामाजिक चेतना के कारण उत्तर प्रदेश प्रदेश में पिछड़ी जातियों की मजबूत उपस्थिति नेताजी के प्रयासों से ही सम्भव हुई।उत्तर प्रदेश में सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने में नेताजी ने साहसिक योगदान किया।नेताजी की पहचान एक धर्मनिरपेक्ष व सामाजिक न्याय के पक्षकार नेता की थी।